६८ वर्ष सँ मिथिलावासी जागिये रहला अछि: एक बेर फेर जगेबाक लेल प्रयास होयत

रोहित यादव/नितिश कर्ण – नव दिल्ली। मई ३, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!

mithila student union

मिथिलाक विकास आ पृथक् मिथिला राज्य केर माँग केर समर्थन मे मिथिला स्टुडेन्ट युनियन आगामी २५-३० मई, २०१५ बीच मिथिला मे जन-जागरण अभियानक शुरुआत करत। १९ अप्रैल, २०१५ दिन दिल्लीक जन्तर-मन्तर पर मैथिल यूथ परिषद सहित विभिन्न मैथिली-मिथिलाक संगठनक तत्त्वावधान मे एहि अभियानक संखनाद कैल गेल छल। एहि जनजागरण अभियान मे मिथिला राज्यक औचित्य पर आमजनमानस बीच सभा व विचार-गोष्ठीक माध्यम सँ प्रकाश देल जायत, संगहि अपन राज्य लेल संघर्ष तेज करबाक अपील कैल जायत, जानकारी करौलनि संस्थाक अधिकारी नितीश कर्ण। अभियानक नेतृत्व लेल मिथिला राज्य निर्माण सेनाक विभिन्न अभियान मे आगाँ रहल युवा सेनानी अनुप मैथिल एवं कमलेश मिश्र करताह – विदित अछि जे हालहि किछु लोक असंतुष्ट होइत मिरानिसे छोड़ि नव समूहक गठन कएलनि अछि आ अपना तरहें मिथिला राज्यक संघर्ष केँ आगाँ बढा रहला अछि। एहि जनजागरण अभियान मे सब सँ सहयोग तथा सहभागिताक अपील सेहो कैल गेल अछि। एहि बीच मिथिला स्टुडेन्ट युनियन द्वारा १०० स्मार्ट सिटी मे दरभंगा, सहरसा तथा पुर्णियां केर नाम समेटबाक लेल सेहो शान्ति मार्च करबाक घोषणा कैल जेबाक जानकारी श्री कर्ण मैथिली जिन्दाबाद केँ मैसेज मार्फत जनौलनि।

मिथिला राज्यक माँग बहुत पुरान समय सँ कैल जाइत अछि, मुदा आपस मे कोनो समन्वय नहि

मिथिला राज्यक संघर्ष विभिन्न समूह द्वारा अपन-अपन डिजाइन द्वारा कैल जाइत रहल अछि। आपस मे कोनो समन्वय नहि, लेकिन राज्य बनेबाक माँग संग संघर्षक नेतृत्व करबाक दावी धरि कतहु कम नहि। यैह कारण सँ भारतक स्वतंत्रता वर्ष १९४७ ई. सँ सदनक पटल पर बहस मे विषय घोसियायल तऽ जरुर मुदा एहि राज्यक माँग जनभावना अनुकूल नहि कहि १९५६ ई. मे नकारि देल गेल। ताहि दिन सँ ई आन्दोलन बस किछु माँगकर्ताक बदौलत विषयक रक्षा लेल नाममात्र जीबित अछि आ ई देखल जाइत अछि जे एहि आन्दोलन पर आइ धरि कोनो प्रकारक सुनबाई न तऽ राज्य सरकार द्वारा आ नहिये केन्द्र सरकार द्वारा भेल। एकर बहुत बाद मे उठल माँग भले ओ झारखंड हो वा तेलंगाना, ओ सब राज्य बनि अपन सरोकार आ सरकारक स्थापना सेहो अपनहि करैत अछि। बिहार अन्तर्गत मिथिलाक आर्थिक उपेक्षा या लोकपलायन आदि कोनो गंभीर विषय एहि ठामक जनप्रतिनिधि लेल कोनो खास मायना नहि रखैत छैक। बस जातिक नाम पर वोट पाबू आ शासनक भागीदार बनि सत्ताभोगी बनू, एतबे सरोकार सँ सरकार बिहार द्वारा चलैत छैक। मिथिला एकटा चौलक विषय मात्र बनि कय रहि गेल छैक। हालहि एकटा राजनीतिक दल सहरसा मे एहि माँगक समर्थन मे अनिश्चितकालीन अनशन करबाक धमकी सेहो देलक अछि। देखा चाही जे आन्दोलनकारी अपना मे कहिया धरि समन्वय स्थापित होइत अछि आ कहिया सँ एहि माँग पर सरकारक नजरि पड़ैत अछि।