मिथिलाक ऐतिहासिक विभूतिः भीम केवट – केवट जातिक मिथिला लोकपुरुष

मिथिलाक ऐतिहासिक लोकपुरुषः भीम केवट

मिथिलाक लोक पुरुष मे केवट जातिक आदर्श पुरुष ‘भीम केवट’
 
– डा. लक्ष्मी प्रसाद श्रीवास्तव (अनुवादः प्रवीण ना. चौधरी)
 
जोगबनी (वर्तमान अररिया जिला, पूर्व मे पूर्णिया जिला) केर नजदीक – नेपालक सीमा मे विराटनगर – राजा विराट केर गढ मानल जायवला महाभारतकालीन प्रदेशक समीप – भेड़ियारीगढ गामक केवट परिवार मे उत्पन्न ऐतिहासिक जननायक भीम केवट भेलाह, जिनका भीमकैवर्त्त कहि अनेकानेक मिथिला लोकगीत मे वर्णन भेटैत विद्वान् शोधकार लोकनि लिखैत छथि।
 
१०म शताब्दी मे बंगाल केर महिपाल (दोसर) नामक पालवंशी राजा सँ लोहा लेनिहार मिथिला केवट परिवारक सपुत ऐतिहासिक जननायक ‘भीमकैवर्त्त’ अर्थात् भीम केवट छलाह। ८म सँ ११म शताब्दी धरि बंगालक पालवंशी राजा प्रबल शक्तिक रूप मे उभरल छलाह। विग्रहपाल (तेसर) – १०५१ सँ १०७७ ई. केर समय सँ पालवंश मे बिखराव एबाक बात कहल जाएछ। हुनकर जेठ बालक महिपाल दोसर द्वारा अपन छोट भाइ सूरपाल आ रामपाल केँ बंदी बना लेल गेल छल। राजवंश केर एहि कमजोरीक कारण प्रजा मे विद्रोह आरम्भ भेल। राजा केँ सिंहासनच्युत करबाक लेल केवट जातिक एक सामंत ‘दिब्बोक’ आर हुनक भतीजा ‘भीम’ केर नेतृत्व मे जन-आन्दोलन भेल। केवट, धानुक, पौण्डरीक, राजवंशी, कोच, नागर, आर दुसाध जातिक सेना गठित भेल आर राजा सँ संघर्ष भेल। भीम द्वारा पीड़ित प्रजा केँ अपना पक्ष मे कयकेँ पूर्णियां अर्थात् पुण्ड्रभुक्ति प्रदेश केर छोट-पैघ सब सामन्त केँ सेहो मिला लेल गेल। एहि तरहक संगठन बनेलाक बाद दिब्बोक महिपाल पर चढाई कय देलनि। महिपाल पराजति भऽ मारल गेलाह। युद्ध मे भीम केर जीत भेल आर ओ बंदी सूरपाल आ रामपाल केँ मुक्त कय देलाह। जेल सँ छूटलाक बाद दुनू भाइ गंगाक दक्षिण चलि गेलाह।
 
दिब्बोक द्वारा स्वयं केँ पूर्वी मिथिला सहित पश्चिम बंगाल (पुण्ड्रभुक्ति क्षेत्र) केर राजा घोषित कएल गेल। दिब्बोक केँ अपन कोनो संतान नहि छलन्हि। हुनकर मृत्यु भेलाक बाद भतीजा भीम केवट शासन चलौलनि। कालान्तर मे महिपाल केर दोसर भाइ रामपाल शक्ति अर्जित कय भीम संग युद्ध केला आर हुनका मारिकय पूर्वी मिथिला हस्तगत कय लेलाह। रामपालक शासनकाल १०७८ ई. सँ ११२० ई. धरि रहल। भीम केवटक राज मात्र किछु वर्षक रहल, मुदा जनसाधारण मे ओ एक वीर आर आदर्श पुरुष केर रूप मे प्रशंसित भेलाह।
 
बुकानन हैमिल्टन (१८०८-१८१० ई.) अपन पूर्णियां वृतान्त मे लिखने छथि – मिथिला मे भीम कैवर्त आर सलहेस जेहेन जननायकक अलिखित लोकगीत प्रचलित अछि।
 
हरिः हरः!!