मैथिली साहित्य महासभाक प्रथम गोष्ठी संपन्न

मैथिली पत्र-पत्रिका आ पोथीक उपलब्धता दिल्ली मे: गोष्ठी मे अभियानी लोकनिक सहभागिता

दिल्ली मे मैथिली पोथी आ पत्र-पत्रिकाकेर उपलब्धता विषय पर गोष्ठी संपन्न

 

मैथिली पत्र-पत्रिका आ पोथीक उपलब्धता दिल्ली मे: गोष्ठी मे अभियानी लोकनिक सहभागिता
मैथिली पत्र-पत्रिका आ पोथीक उपलब्धता दिल्ली मे: गोष्ठी मे अभियानी लोकनिक सहभागिता

मिथिलाक सांस्कृतिक राजधानी दरभंगाक मूल निवासी आ वर्तमान दिल्ली मे पत्रकारिता समान उच्च सेवा मे योगदान देनिहार आ संगहि हेल्लो मिथिला ब्लाग केर संचालक हितेन्द्र गुप्ताक नेतृत्व मे आइ मैथिली साहित्य महासभाक एकटा विचार गोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न भेल। एहि गोष्ठी द्वारा दिल्ली मे अगबे मैथिलक जनसंख्या टा भेटैत अछि मुदा मैथिलक मूल आधार विद्याबलकेर पोषक तत्त्व मैथिली पोथी आ पत्र-पत्रिकाक उपलब्धता पर बड़ पैघ प्रश्न चिह्न ठाढ हेबाक बात कतेको बेर चर्चा मे अबैत अछि – ताहि हेतु हितेन्द्र गुप्ताजीक सहयोग सँ दिल्ली मे पोथी आ पत्र-पत्रिकाक उपलब्धता लेल एकटा बिक्रय केंद्र केर शुभारंभक निर्णयक संग आगामी ३१ मई, २०१५ रवि दिन एक-दिवसीय कविता कार्यशालाक आयोजन करबाक नियार कैल गेल।

मैथिली पत्र-पत्रिका-पोथी आदिक उपलब्धता लेल एकटा स्थान निहित कैल गेल अछि – एलएन मिडिया नेटवर्क, एमबी-५७बी, गली नंबर-२, शकरपुर, नजदीक मेट्रो स्टेशन – निर्माण विहार, नई दिल्ली। मैथिली साहित्य महासभाक स्थापना उपरान्त ई पहिल बैसार द्वारा एतेक सारगर्वित निर्णय सँ लगभग ४० लाख मैथिल जनमानसकेँ अपन भाषाक पोथी आ पत्र-पत्रिका उपलब्ध होयबाक निस्तुकी भेल। मैथिली पठन-संस्कृति केँ पुन: पटरी पर आनब, लेखनी आ पत्रकारिता मे सेहो मैथिली भाषा केँ बाजारक एकटा सर्वोत्कृष्ट साधन बनायब, एहेन उद्देश्यक संग युवा मैथिलक ई प्रयास सेहो मीलक पाथर प्रमाणित होयब सुनिश्चित अछि।

अमित चौधरी, संजीब सिन्हा, अमरनाथ झा, संजय नागदह, रमानाथ झा सहित अनेको अभियानी लोकनिक संयुक्त योगदान सँ एहेन बैसार पूरा कैल गेल। संगहि एहि कार्यक्रम मे विराटनगरक अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली कवि सम्मेलन-२०१५ केर उपलब्धि आ मैथिली महायात्रा सँ जोड़ल जा रहल देश-विदेशक मैथिलक योगदान पर सेहो संछिप्त समीक्षा कैल गेल। यैह तरहक अभियान सँ मैथिल अपन हेराइत पहिचानकेँ बचौता। यैह मूलत: हिनका लोकनिक संस्कार रहल – स्वयंसेवा आ स्वसंरक्षणक सिद्धान्त पर मिथिला आइ धरि जीवित अछि। आइ न काल्हि एकर भूगोलक निर्धारण सेहो भारत ओ नेपाल मे एहने सक्रियताक संग स्वत: स्थापित होयत तेकर परिचायक कार्यक्रमक आयोजनादि सँ भऽ रहल अछि।

हरि: हर:!!