मातृभूमि वन्दना

ravindra udasi maaliमिथिले मे जिबय चाहय छी

– रविन्द्र उदासी माली, धनुषा, नेपाल (हालः दोहा, कतार सँ)

 

फुलक माला सन मिथिला मैथिल केँ गुथऽ चाहै छी

स्वार्थी एहि दुनिया मे प्रेमक बिया बुनऽ चाहै छी

बस एतबे वरदान दियऽ हे जगदम्बे माँ!!

सीता भूमि पावन धरती पर शान्तिक दीप जराबऽ चाहै छी!!

 

खून पसिना बड चुवा लेलौं एहि मरूभूमि मे

आँइखक नोर आब मिथिले मे बहाबऽ चाहै छी

बस अतबे उपकार कऽ दियऽ हे जगदम्बे माँ!!

अपने माइट पाइन सँस्कृति मे जियऽ चाहै छी!!