चलू धान रोपय खेत मे छुपर-छापर

मिथिला में रोपैन

dhanropani1एखन मिथिला में खेती चलैये
कदवा में देखू हर बहैये
कतौह देखू बिया उखरैये
मजदूर किसान माटिये रमैये
खेत पथार में रौनक रहैये
भोरगरे सबमिली जलखै करैये
सब मिली संगे खेत चलैये
खेत पहुंच के फांड़ बन्हैये
विरारक खेत में खूब जमैये
सबमिली मैथिली गान गवैये
बिया लयके कदवा पहुंचैये
चमैक छमैक के धान रोपैये
गिरहत दुलारी बाधे रहैये
सांझखन के स्नान करैये
तखन भैरपेटा भोजन चलैये
जानकीजी पर जिनगी सोंपैये
दूनू प्रणी सूख निन्द सुतैये

– साभारः अपन मिथिला (फेसबुक पेज)