मिथिला राज्य पर चिन्तन शिविर आ जमीनी आन्दोलन

मिथिला राज्य केर आवश्यकता आ प्रयासः एक नजरिया

– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही), मधुबनी। हालः दिल्ली

ram babu singh3“जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” अर्थात जननी (माता) आउर जन्मभूमि केर स्थान स्वर्गों सँ श्रेष्ट आ महान मानल गेल अछि। वेद पुराण आ धर्मग्रन्थ में दुनु के ममता दुलार प्यार वात्सल्य के वखान अतुलनीय कयने अछि। अतः जनिका अपन जन्मभूमि सँ प्रेम नहि छनि हुनका में मानवीय सम्बेदना कदापि नहि भ सकैए। जन्मभूमि हमरा लेल पूजनीय अछि, वन्दनीय अछि आ हिनकर रक्षा आ सम्मान के लेल हमरा सदिखन ततपर रहक चाहि।

एकटा पँक्ति मोन अबैत अछि:- “जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं । हृदय नहीं वह पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ।”

मिरानसे (मिथिला राज्य निर्माण सेना) स्थापना 14 अप्रैल 2013 में कएल गेल अछि। संगठन बनेबाक मुख्य उद्देश्य बिहार सँ पृथक मिथिला राज्य केर संबैधानिक दर्जा देल जाए ताहि लेल अभियान चलैल जएत। विधिवत रुपे एकर दस्ताबेज बनाएल गेल, पदाधिकारी सबहक चुनाव भेल। पृथक राज्य के कुन प्रकारे माँग राखल जए ताहि पर मिरानसे के पदाधिकारी सब विचार मन्थन कएलाह? बहुत जोर शोर सँ अभियान शुरू भेल जकर धमक बिहार सँ लक दिल्ली धरि सुनाई देलक। सबसँ पहिले त यएह बहुत पैघ चर्चाक विषय बुझु जे पृथक मिथिला राज्य के लेल संगठनात्मक कार्यक्रम शुरु भेल।

आजादीक 7 दशक होम बाला अछि मुदा आई धरि कोनो मैथिल राजनेता अपन मिथिला राज्यक मुद्दा पुरजोर तरीका सँ कहियो नै उठेलाह। तें मिरानसे के सूत्रधार लोकनि धन्यबाद के पात्र छथि जे संगठन बनाकय आंदोलन शुरू कएलाह आ स्पष्तः किछ हद धरि सफल सेहो रहलाह। इतिहास उठाकय देखु सब तरहक आंदोलन के शुरुआत अहिना भेटत, नीव एकबेर पड़ि गेल तखन समय कनि कम आ बेसी लागि सकैए मुदा पूर्णाहुति सुखद होयत रहलाह अछि आ हम आशावादी छी तें मातृभूमि मिथिला के एक दिन संबैधानिक रूपेण पृथक राज्य के रूप में अवश्ये स्वीकारल जएत।

मुदा एकटा पैघ सबाल ई अछि कि जेकर परिचर्चा 2013 में भेल छल से अनायास कतय रहि गेल? कोना अपन उद्देश्य सँ भटकि गेल?अतेक तमाशा कयलाक पश्चात् कतय सबके सब नुका गेल? ई बड़का अफ़सोचक बात अछि नै त एखन धरि आंदोलन के रूप व्यापक भ जन जन धरि पहुँच गेल रहैत। हमरा मोताबिक एकर प्रमुख कारण आपसी कलह, तालमेल में कमी, नेतृत्व क्षमता आ सबसं पैघ पदलोलुपता भ सकैए? वर्चस्व के लड़ाई सेहो एकटा कारण भ सकैए। मतलब साफ़ अछि बेसी पण्डा सँ मठ उजाड़ बाला स्थित सँ सेहो मिरानसे के अभियान में असर पड़ल हएत, येह सब कारण सँ जे लक्ष्य साधि कय अभियान शुरू भेल छल ओ बिचहि में भटकि गेल।

मिरानसे के जतेक करकर्ता आ पदाधिकारी गण छथि सर्वप्रथम संगठन के विषय में जमीनी स्तर पर सम्भाबित मिथिला राज्य के सब जिला में युद्ध स्तर पर एकर प्रचार प्रसार के प्रयास करथि। जिला स्तर पर, प्रखण्ड आ फेर पंचायत स्तर पर चुनाव हुए आ चुनल गेल सदस्य के जिम्मेवारी देल जए कि अपन संगठन के बात गाँव गाँव में लोकक बिच में राखथि, हुनकर सबहक क्रिया प्रतिक्रिया के बुझबाक प्रयास करथि। अहि सबसं पहिने मिरानसे के पदाधिकारी गण के बिच पारदर्शिता सौहार्दपूर्ण आ एकजुटता बाला वातावरण के नितान्त आवश्यक अछि।

जँ जमीनी स्तर पर एखन काजक रुपरेखा बना काज शुरू करबै तखन भ सकैए समय किछ बेसी लागि जए मुदा जखन चौतरफा सँ अभियानी एकजुट भ शंखनाद करताह तखन कोनो सरकार के सोच पर विवश होम पड़तन्हि। आ फेर हमर सबहक सपना निसन्देह साकार हएत। मातृभूमिक लेल हम एकटा सिपाही जेका सदिखन तैयार रहब जेहन आदेश भेटत ततपरता सँ काज करबाक कोशिश करब। जतय किछू हमरा त्रुटि बुझैत समय समय पर हम संगठन के अपन विचार सँ सेहो अवगत करबैत रहब।

लोकतान्त्रिक रुपे संगठन केर चुनाव सेहो बहुत आवश्यक छैक। जाहि सँ किनको कोनो पद पर जबरदस्ती आसीन होबाक आरोप नहि लगाबथि।विचारधारा कोनो र्राष्ट्रीय दल के कियो मान बाला छथि ताहि सँ कोनो मतलब नहि मुदा मिरानसे के मात्र आ मात्र एकहि टा विचारधारा होबाक चाहि- “पृथक मिथिला राज्य”। हमर विशेष आग्रह मिरानसे के सँग तन मन धन सँ जुड़ि मिथिला राज्य निर्मान में अपन बहुमूल्य योगदान दिय। माँ जानकी अपन आशीर्वाद राखथि। जय मिरानसे। जय मैथिल जय मिथिला जय जय मैथिली।।