“पलायन- मिथिला सं मैथिल के”

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अखिलेश कुमार मिश्रा।           

🌹🌹🌹आजुक विषय अछि “मिथिला सं पलायन के कारण आओर ओक्करा रोकबाक लेल की उपाय” 🌹🌹🌹
सब सं पहिले त मिथिला क्षेत्र के भौगौलिक स्थिति के बुझनाई जरुरी अछि. मिथिला उत्तर में नेपाल, दक्षिण में गंगा नदी, पूरब में कोशी तत्पश्चात बंगाल तक आ पश्चिम में गंडक नदी तक फैलल अछि. अहि के अंतर्गत कमला, बलान, बागमती, कोशी आ अन्य नदीक जल सं इ क्षेत्र परिपूर्ण रहैत अछि. मिथिलाक आबादी करीब साढ़े पांच करोड़ के लगभग अछि.
मिथिला क्षेत्र सं पलायन के कारण: आबादी के हिस्सा के पलायन के कारण मुख्य तया 1. सामाजिक असुरक्षा के भावना, 2. जिबिकोपार्जन, 3. रह के मूल भुत सुबिधा अर्थात भौगौलिक परिवेश. इत्यादि. लेकिन मिथिला क्षेत्र सं पलायन के मुख्य कारण अछि अपर्याप्त जिबिकोपार्जन. कतौ के जिबिकोपार्जन के सुबिधा मुख्य तया ओतुका कृषि उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग अथवा उद्योग (कल-कारखाना) पर निर्भर करैत अछि. भारत के स्वतंत्रता के बाद जनसँख्या विस्फोट के चलते आबादी बढ़ला सं प्रत्येक मनुष्य पर पड़ बाला कृषि योग्य भूमि घटि गेल. कुटीर उद्योग, लघु उद्योग अथवा उद्योग (कल-कारखाना) के अहि क्षेत्र में कुनो विकास नै भेल. जे कृषि योग्य भूमि अछि लगभग तीन महिना जलमग्न रहैत अछि. फलस्वरूप आदमी के कुनो रोजगार नै हेबाक कारण भुखमरी तक के स्थिति पहुँच गेल छल. बिहारक मुख्य मंत्री श्रीकर्पूरी ठाकुर, श्री जगन्नाथ मिश्र, श्री लालू प्रसाद आ श्रीमती राबड़ी देवी तक मिथिलांचल क्षेत्र के अवनति ही देखल. एखनो इ क्षेत्र राजनैतिक उपेक्षा के शिकार अछि. फलस्वरूप आबादी के पलायन त निश्चिते. हमहू ओकरे शिकार छी. ओतेक नीक संसथान सं इंजीनियरिंग के डिग्री लेलाक बादो बिहार में कुनो रोजगार नै भेटक कारण ही गाम छोड़ पडल.
पलायन रोकबाक लेल उपाय: पलायन के मुख्य कारण अछि समुचित जिबिकोपार्जन के अभाव. तहन त जिबिकोपार्जन के व्यवस्था केनाइ ही इलाज अछि एक्कर. ताहि लेल कृषि उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग अथवा उद्योग (कल-कारखाना) के विकास भेनाई जरुरी अछि. दुनिया के सभ सं नीक भूमि आ जल सं परिपूर्ण क्षेत्र में सिर्फ आ सिर्फ पानी-बाढ़ी के ठीक सं व्यवस्था क देल जाय त धरती स्वर्ग. पंजाब सनक बालु सं पूर्ण क्षेत्र सिर्फ पानि के नीक व्यबस्था के चलते पूरा देश के भोजन करा देत अछि, मुदा मिथिला ओहिना रहि गेल. बिहारक आधा जीडीपी के हिस्सा खेलाक बाद भी कोशी प्रोजेक्ट ओहिना के ओहिना अछि. मात्र इ प्रोजेक्ट नीक सं पूरा भेला सं आधा विकास सम्भव छल. क्षेत्र में कृषि उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग अथवा अन्य उद्योग के बढ़ाबा देला सं समुचित विकास सम्भव. इ त कहि सकै छी जे बिजली आ सडक के स्थिति नीक भेल अछि मुदा कानून व्यवस्था के स्थति बिल्कुल बढ़िया नै. कुनो तरहक उद्योग (कल-कारखाना) आदि स्थापित कर के लेल सुरक्षा अनिवार्य, अहि में आभाव के चलते ही इ क्षेत्र अहि सं बंचित अछि. तहन मिथिलावासी उठू, जागु आ सामूहिक प्रयास करू जाहि सं अप्पन क्षेत्र के समुचित विकास हो आ हम सभ अप्पन घर वापसी क सकी.
🙏🙏🙏धन्यवाद.🙏🙏🙏