आजुक ताजा समाचार – राजनीतिक व्यंग्य (हँसी-मजाक)
राजनीतिक व्यंग्य
भारतीय औषधि बाजार सँ बरनौल केर घोर अभाव सृजना होयबाक समाचार
एकजूट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन आ सुनियंत्रित नेतृत्व मे सभक एकमत सहमति मे चारूकात...
एहि सवालक जबाब दय सकैत छी की?
एहि सवालक जबाब अहाँ बताउ त!
- प्रवीण नारायण चौधरी
एहेन पहिल बेर देखि रहल छी जे एक सक्षम नेताक प्रखरता आ लोकप्रियता सँ बहुदलीय विपक्षी...
जानकी जन्म आ जनकपुर मन्दिर केर माहात्म्य
आध्यात्म
- ऋषिकेश झा, जनकपुरधाम
पौराणिक काल मे मिथि नामक राजा मिथिला क्षेत्रक राजा छलखिन्ह । राजा मिथि केर नाम सँ एहि क्षेत्रक नाम मिथिला नगरी...
मैथिली सृजन-श्रृंगारक यौवनावस्थाक परिचायक – महाग्रन्थ ‘महाभारत’ केर मैथिली पद्यमय अनुवाद
साहित्य सृजन - मैथिली मे महाभारत
महाभारत'क पद्यमय मैथिली अनुवाद श्री बुद्धिनाथ झा द्वारा
#कैलाश_कुमार
अनुवाद बहुत कठिन काज अछि। अनुवाद हेतु, ज्ञान, प्रत्युत्पन्नमति, धैर्य आ सतत...
आतंकवाद केर खतरा मानव अस्तित्व लेल गम्भीर – कि थिक ‘आमूलीकरण’
मंथन
- प्रवीण नारायण चौधरी
दुनिया भरि मे निर्दोष मानवक हत्या होयब - एक जघन्य अपराध थिक। एकरा आतंकवाद कहल जा रहलैक अछि। आतंकवाद केर जड़ि...
राजनीतिक व्यंग्य – कबाउछ आ नोचनी
कबाउछ आ नोचनी
(राजनीतिक व्यंग्य)
बच्चा रही त एक गोट विशेष बात सदिखन नोट करी। जेकर घर मे कियो कांग्रेसी नेता वा नेताक चमचा रहैत छल,...
मैथिल ब्राह्मणक अवस्था दिनानुदिन ह्रासोन्मुख – कर्मकांड लोपोन्मुखः मैथिली कथा ‘हमर मोनक दर्द’
हमर मोनक दर्द
(एक कथा.... सिर्फ मर्म पर मनन हेतु)
आइ ३ दिन भेल। ओ चलि गेलाह। ओ छलाह जे परिवारक रक्षा केलनि। गृहस्थी केर स्वामी...
के थिकाह ई साधारण लेकिन एक अतिसाधारण व्यक्तित्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संग?
महानताक ई साधारण लेकिन असाधारण स्वरूप
कि अहाँ विश्वास कय सकैत छी जे खाली पैरे बिना आयरन कयल धोती-कमीज आ टोपी पहिरने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र...
छद्म मिथिलावाद आ मिथिलावादीक स्वरूप – मिथिलाक नेताक परनिर्भरता पर खुला विचार
विचार
- प्रवीण नारायण चौधरी
आइ-काल्हि राजनीतिक उपलब्धि लेल बहुतो तरहक विचारधारा आ दृष्टिकोण संग कइएक व्यक्ति वा समूह वा संगठन कार्यरत अछि। सोशल मीडिया सभक...
मिथिलावादक मूल शत्रु के? निष्क्रियता आ शिथिलता या राजनीतिक नैराश्यता?
विचार
- प्रवीण नारायण चौधरी
यथार्थ चिन्तन वर्सेज खोखला-ढकोसला 'ईज्म'
हमर मिथिलावासी केँ जेहेन माटि-पानि-आवोहवा भेटल छन्हि ताहि मे सवा कट्ठाक उपज सँ ओ आत्मसन्तोषक संग जीवन...