बढैत जा रहल अछि विभूतिक संख्या – विद्यापतिधाम मे ‘मैथिली’क २० फीटक प्रतिमा

विद्यापतिधाम - सहरसा मनेलक चारिम वर्षगाँठ, अनावरण कयल गेल 'मैथिली' केर मूर्ति

लछमिनियाँक विद्यापतिधाम सँ लौटलाक बाद

विद्यापतिधाम जे सहरसाक सत्तरकटैया प्रखंड अन्तर्गत लछमिनियाँ नामक गाम मे स्थापित कयल गेल अछि – एतय विद्यापतिक अलावे मिथिलाक लगभग सम्पूर्ण चर्चित महापुरुष केर मूर्ति स्थापित एक्के उद्यान मे कयल गेल अछि। एहि निर्माण कार्य मे निरन्तर एक गोट समर्पित व्यक्ति अपन श्रमदान मातृभाषाक संग-संग मातृभूमि मिथिला प्रति महान अनुराग संग करैत आबि रहला अछि – ओ थिकाह ‘भोगेन्द्र शर्मा निर्मल’। जमीनदाता – देवनाथ यादव छथिन। एहि बेर लगभग २० फीट धनुर्धर जानकीक मूर्ति सेहो लगायल गेल अछि। सब मूर्तिक नीचाँ मे हुनक नाम अंकित छन्हि। जानकीक नाम ‘मैथिली’ अंकित कयल गेल अछि। एहि मूर्तिक अनावरण मैथिली भाषा-साहित्य लेल अपन सुमधुर आवाज सँ रेडियो कार्यक्रम प्रस्तुत करैत आबि रहली श्रीमती रूपा झा द्वारा परसू १९ नवम्बर केँ सम्पन्न भेल। एहि अवसर पर भारत आ नेपाल केर विभिन्न स्थान सँ कवि, साहित्यकार, विद्वान् सहित समाजसेवी, प्रशासन पदाधिकारी व ग्रामीण समाजक अनेकों महानुभाव तथा आम समाज उपस्थित छल।
 
उद्घाटन डीएसपी प्रभाकर तिवारी एवं पूर्व विधायक डा. आलोक रंजन, काँग्रेस पार्टीक जिलाध्यक्ष प्रो. विद्याधर मिश्र, जदयू प्रदेश महासचिव प्रभात रंजन झा, पंचायतक मुखिया अरविन्द यादव, सभाध्यक्ष देवनाथ यादव, जानकीजीक मूर्तिदाता रविन्द्र भगत, मैथिली भगैत गानक बेताज बादशाह राजकुमार पंजियार, युवा कवियित्री स्वाती शाकम्भरी, संगहि-संग मैथिली भाषा-साहित्य-संगीत सहित अनेकों विधा मे सिद्धहस्त सर्जक धीरेन्द्र प्रेमर्षि, मैथिलीक वरेण्य कवि तथा गीतकार अरविन्द मिश्र निरज एवं कमल मोहन चुन्नू, साहित्य अकादमीक मैथिली भाषा समितिक सदस्य कुलानन्द झा, वरिष्ठ संचारकर्मी तथा कवि सुभाषचंद्र झा, समाजसेवी एवं मैथिली-मिथिलाक वरेण्य अभियानी सुमन खाँ समाज, अरविन्द खाँ तथा जयराम झा तथा मैथिली जिन्दाबादक सम्पादक प्रवीण नारायण चौधरी, दहेज मुक्त मिथिलाक ब्राण्ड एम्बैसेडर आर के दीपक तथा दरभंगा संयोजक मनोज शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोकनि द्वारा भेल।
 
विदिते अछि जे भोगेन्द्र शर्मा निर्मल आइ सँ लगभग १५ वर्ष पहिने रेडियोक लोकप्रिय कार्यक्रम “हेल्लो मिथिला” सुनि अपन मातृभाषा मैथिली प्रति अनुराग रखबाक प्रेरणा पाबि तहिये सँ अपन वाल पेन्टिंग, चित्रकारी व अन्य घर-गृहस्थीक रोजी-रोजगारक अतिरिक्त एक-एक क्षण मैथिली-मिथिला लेल लगबैत आबि रहला अछि। सहरसाक विभिन्न स्थान पर मातृभाषाक महत्व केँ झलकाबयवला नारा केर भित्त-लेखनक अलावे विद्यालयक छात्र-छात्रा सब मे मैथिली भाषा मे पढबाक आ किछु करबाक सामर्थ्य विकास हेतु भित्त-लेखनक अलावे स्वयं मैथिली मे लेखन, वादन, गायन व अन्य-अन्य तरहक सृजनशीलताक गुण विभिन्न स्थान पर प्रदर्शित करैत सामान्य जन सँ मैथिली-मिथिलाक सेवा मे लागि एतुका सभ्यता आ संस्कृति केँ बचेबाक आह्वान करैत आबि रहल छथि। हिनक समर्पण आ लगन देखि संस्कृति मिथिला जेकर संयोजन मैथिलीक वर्तमान मंचक चर्चित उद्घोषक, लेखक, फिल्मकार आ मल्टी-टैलेन्टेड व्यक्तित्व किसलय कृष्ण एहि तरहक कृति निर्माण लेल प्रेरणाक संचरण कयलनि, तहिना समाजक प्रबुद्ध वर्गक एक अगुआ आ समाजसेवीक संग विद्वान् आ दिल्ली राज्यक पूर्व उच्च पदाधिकारी विमलकान्त झा केर सहयोग एवं संरक्षण मे “विद्यापतिधाम” जतय एक संग महाकवि विद्यापति व समस्त मिथिला विभूति केँ भोगेन्द्र शर्मा निर्मल केर अपन खास चित्रकारिता व साज-सज्जा मे एकटा उद्यान मे रखबाक महत्वपूर्ण कार्य भेल। एकर उद्घाटन वर्ष २०१४ मे १९ नवम्बर केर दिन भेल छल। आर तहिया सँ हरेक वर्ष सम्पूर्ण ग्रामीणक सहयोग सँ एतय भव्य वार्षिकोत्सव ‘विद्यापति स्मृति पर्व समारोह’ केर रूप मे मनायल जाएत अछि।
 
साधारणतया विद्यापति वा अन्य विभूतिक स्मृति दिवस किंवा साहित्यिक वा अन्य विद्वत् सभा आदिक आयोजन मिथिलाक एक्कहि टा वर्ग आगू भऽ करैत रहबाक अदौकालक परम्परा सब तैर देखाएत अछि – परञ्च एहि परम्परा केँ भोगेन्द्र शर्मा निर्मल अपन संकल्प शक्ति सँ झूठ साबित करैत आनो जाति-वर्ग मे एहने स्फूरणा रहबाक सत्य केँ प्रमाणित कयलनि अछि। एहि महत्वपूर्ण कार्य मे हिनकर अति रमणगर आ शुद्ध हृदयक मानवीय स्वभाव सँ केकरो दिल जीत लेबाक कलाक कारण नहि मात्र ग्रामीण लोकनि – बल्कि आपरूपी समस्त सहरसा, समस्त भारतीय मिथिला आ समस्त नेपालीय मिथिलाक एक सँ बढिकय एक सर्जक आ साहित्यकारक संग समाजसेवी, राजनेता, आदिक भरपूर सहयोग भेटैत रहलनि अछि। आइ मात्र ३ वर्षक अन्तराल मे ई विद्यापतिधाम एकटा दर्शनीय पर्यटन स्थलक रूप मे परिणति पाबि चुकल अछि। एतय हप्ता मे २-२ दिन विशाल हाट लागय लागल अछि, सालो भैर चलयवला अनेको तरहक दोकान खुजि गेल अछि, चारूकात एहि गामक चर्चा होएत अछि आर सब कियो भोगेन्द्र शर्मा निर्मल संग-संग जमीनदाता देवनाथ यादवक भरपूर प्रशंसा होएत अछि। तहिना एहि बेर जे जानकी मूर्ति बनेबा मे सम्पूर्ण खर्च पूरेनिहार रविन्द्र भगत केर खूब प्रशंसा उपस्थित लोकमानस मे देखल गेल।
 
एहि बेरुक सभाक संचालन अमित दीपकक संग अरविन्द मिश्र निरज तथा शिक्षाविद् सन्दीप कश्यप कयलनि। कवि गोष्ठीक संचालन प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा कयल गेल। कविता पाठ स्वाती शाकम्भरी, कमल मोहन चुन्नू, धीरेन्द्र प्रेमर्षि तथा अरविन्द मिश्र निरज द्वारा कयल गेल। मिथिला लोक सांस्कृतिक मंच मधुबनीक कलाकार लोकनि अत्यन्त सौम्य मैथिली कार्यक्रम प्रस्तुत कय खूब वाहवाही लूटलनि। गीत, नृत्य आ प्रहसन सब राति भैर परोसैत पहिल दिनक कार्यक्रम संपन्न कयल गेल। उद्घाटन सत्र मे उपस्थित अतिथि लोकनि केँ पाग-दोपटा आ माला पहिराकय सम्मान कयल गेल रहय। तहिना वक्ताक रूप मे प्रो. विद्यानन्द मिश्र, डा. आलोक रंजन, कुलानन्द झा, धीरेन्द्र प्रेमर्षि तथा प्रवीण नारायण चौधरी अपन-अपन विचार रखलैन। एहि बात लेल सब तत्पर देखेलाह जे जाहि तरहें एक व्यक्तिक समर्पण सँ एकटा अन्जान गाम ‘लछमिनियां’ सौंसे दुनिया मे अपन अलग परिचय बना सकैत अछि, तहिना यदि आम मिथिलावासी अपना मे संकल्प, संयोजन, समर्थन जुटबैथ त एक बेर फेर मिथिला जनकहि काल जेकाँ सम्पन्न आ विकसित बनत। संगहि सब कियो एहि दर्शनीय स्थल पर बेर-बेर पहुँचबाक संकल्प सेहो लेलनि। डा. आलोक रंजन एहि स्थल केँ बिहार पर्यटन स्थलक सूची मे जोड़बेबाक लेल अपन निजी प्रयास करबाक वचन देलनि। तहिना युवा नेतृत्वकर्मी प्रभात रंजन जे जदयू केर प्रदेश स्तरक पदाधिकारी सेहो छथि – ओ भोगेन्द्र शर्मा निर्मल केँ राज्य स्तर पर सम्मानित करेबाक लेल वचनबद्धता प्रकट केलनि। एहि अवसर पर सहरसा, बरगाँव, महिषी, बनगाँव तथा नजदीक स्थान सँ दर्जनों सज्जन, महिला आदि स्थल दर्शन करबाक लेल दिन भैर पहुँचैत रहलाह।
 
मंच सँ आर के दीपक केर नेतृत्व मे दहेज मुक्त मिथिलाक दौड़ तथा जनजागरण अभियानक खास चर्चा करैत पूर्व मे हिनका लोकनिक योगदान तथा जनमानस पर पड़ैत प्रभावक चर्चा सेहो भेल। संगहि आर के दीपक तथा मनोज शर्मा केर विशेष सम्मान करैत समाज लेल कयल जा रहल विशेष प्रयासक सब कियो सराहना कयलनि। डा. आलोक रंजन केर हाथ सँ भूमिदाता तथा भोगेन्द्र शर्मा निर्मल केर योगदानक उच्च कदर स्वरूप अति विशिष्ट सम्मान हस्तान्तरित कयल गेल छल।
 
हरिः हरः!!