आइएएस वर आ दहेजक खिस्सा – सत्य घटना पर आधारित

कथा

– नीरज कुमार ‘नीरज’, दिल्ली

एकटा छलाह डॉ० सहाब ! डॉ० हेबाक कारणेँ हुनका अर्थक कोनो कमी नहि ! एकटा छलाह लाल बाबा ! जेना कि सनातनी होइत आयल अछि, अपन अकर्मण्यता केँ बबाजीक ललका चोंगा मे नुकौने लाल बाबा अपन पारिवारिक कर्तव्य सँ प्राय: हाथ धोने छलथि ! लाल बाबी जेना-तेना हुनकर, अपन आ एक मात्र पुत्रक निमेरा अपन अकिल सँ केने जाइत छलीह ! पुत्र पढबा मे कनि चन्सगर छलनि ! मैट्रीक परीक्षा के सेन्टर कोनो आन ठाम पड़ल छलै । डॉ० सहाबक क्लिनिक के ओसारा मे हुनका जगह भेटलनि । आन छात्र सभक मध्य नुकायल एहि हीरा मे नहि जानी कोना डॉ० सहाब केँ अपार संभावना नजेर एलनि । किछु गप-शप सेहो भेलनि आ ओ एहि छात्र केँ पढाइ के खर्च देबय लगलथिन । 

समय बीतैत गेल आ एक दिन अखबार मे छपल जे उक्त छात्र आइएएस भेलाह अछि ! आब तँ लाल बाबाक दलान परहक माटि बड़का-बड़का कार उखाड़ि रहल छल । अपन लाल-ड्रेस त्यागि ओ ब्रासलेट मे आबि गेल छलाह ! २० लाख लेब कि ३० लाख अहाँ मुँह खोलू धरि लड़िका हमरा चाहबे करी ! विडम्बना देखू जे लड़का केँ किछु पता नहि आ एमहर ओकर भाव-बट्टा तय भऽ रहल छल ! लड़िका लग नोटिस गेल ! शीघ्र गाम आओ फलना दिन अहाँक विवाह थिक ! विवाह सँ दू दिन पहिने लड़का आएल , संयोगवश घटक सेहो एक नजेर लड़का केँ देखक हेतु आएल छलाह ! लडका के जखन पता चललै सभटा भाँज तखन ओ बैग लेनहि बहार भऽ गेल आँगन सँ ।

दुतिकार : आह ! एतेक साँझ के कतऽ विदाऽ भेलहुँ श्रीमान !

लड़का : परसू विवाह थिक , तैयारी करय लेल !

तैयारी तँ फलना बाबू ठाम चलिये रहल अछि ! हेंहेंहें । आ पैदल किएक जायब , किछु काल थम्हू , मारूति के डिलिवरी भेटि गेल छैक ! जे घड़ी ने पहुँचल ! तखन ओहि सँ हाट बजार करब ! हेंहेंहे ।

सरकार ओ गाड़ी आ पाइ जिनका अपने देलियैन हुनकहि सँ गप-शप करू । हमरा बकसि दियऽ !

एह ! एहनो कतहु भेलैए ! एतेक पाइ आ एहेन गप ! विवाह तँ अहाँ के करैये पड़त !

अच्छा ! से बात । दहेज देब आ लेब कतेक पैघ अपराध से अहाँ सबकेँ बुझल अछि कि नै ! संयोग सँ हम आइएएस आ ज्वानिंग इनकमटेक्स मे ! माने बुझैत छियै ?

आब जे निस्तब्धता पसरल ओहि छोटसन दलान मे से मारूतिक हॉर्न आबि भंग केलक ! मुदा मारूति नव नहि पुरान छल ! ओहि सँ उतरलाह वैह डॉ० सहाब । लड़का लपकि केँ होमय बला ससुरक पाएर छूलक ।

घटक-दुतिकार सभ अपन अपन घर गेलाह ! गामहुँ के लोक कात लेलक ! विवाह तँ भेलै मुदा मात्र एकटा माम लड़का के संग । लाल बाबा कोना जैतथि ? टटका धनशोक भेल छलनि ! गामक लोक सेहो नहि गेलनि । मुदा ओ लडका अपन कर्तव्य नहि बिसरल !!

(सत्य घटना पर आधारित)