मैथिल बिहारी कोना? आ कियैक?

बिहार राज्य कोना आ किऐक बनलैक १९१२ मे? कि हम सब बिहारी छी जे बिहार मे बलजोरी घुसा देल गेल? कि हमर अपन संस्कृति, भाषा, भूगोल, इतिहास आ सामाजिकता नहि छल? कि हम भारतीय संघक एक अकाट्य अभिन्न अंग नहि जे विद्याबल सँ भारतक मुकुटमणि बनि रहलहुँ? तऽ आइ हमर पहिचान कि? आइ हमरा लेल संविधान द्वारा सम्मान कि? हमरा बिहारी नामक पहिचान सँ अपन मूल सँ अलग किऐक राखल जा रहल अछि? हमर जे संस्कार जनक, याज्ञवल्क्य, गौतम, कणाद, कपिल, जेमिनी, अयाची, मंडन, विद्यापति, गार्गी, मैत्रेयी, भारती, सीता सँ भेल तेकर बेर-बेर पुनरावृत्ति होइतो हमर पहिचान केँ कुंठित करबाक षड्यन्त्र कियैक? बताउ, ई सब बात पर आ तखन पूछब जे मिथिला राज्य बनला सँ कि फायदा आ कि नोकसान। ई सेहो देखू जे भारत मे राज्य बनबाक आधार कि सब रहलैक आ हमरा सब केँ एना वंचित किऐक राखल गेल। आ अन्त मे मनन करब जे बिना पहिचान हमरा लोकनि विपन्न आ मरणासन्न कोना बनि गेल छी। खाली पेट पोसि लेनाय हम मैथिलक जन्मोद्देश्य कहियो नहि रहल। हम वैदेह, हम जनक, हम मैथिल – आत्मविद्याश्रयी कोना छी से मनन करू।