राज्य आ केन्द्र केर मिथिला सँ सौतेला व्यवहार कियैक?

ghanshyam-jha4मिथिलाक आर्थिक समस्याः अर्थ विचार

– घनश्याम झा, राघोपुर, मनीगाछी, दरभंगा

“मिथिला” नाम सुनितहि सगरो देहक रोम-रोम पुलकित भ’ जायत अछि । मधुर भाषाक केन्द्र, एक पर एक प्रकाण्ड विद्वान केर धरा, जाहि धरा पर भगवान शिव केर सेहो आबैक सेहन्ता भेलनि । ओ धरती जतय मंडन मिश्र आ आयाचिक अवतरण भेलनि, जतय केर पाहुन अखिल ब्रह्मांडक नायक प्रभु श्रीराम भेलथि । ई धरती सदैव सदैव विश्वक लेल किछु सँ किछु दैयत एलथिन । विद्यापति, बाबा नागार्जुन, मंडन मिश्र, वाचस्पति मिश्र, दिनकर एहेन कतेको अमोल धरोहर मिथिला केर धरती सँ उपजल । आर्थिक क्षेत्र मे सेहो मिथिला केर अप्पन पहचान रहल अछि । कहबी अछि जे एहेन उर्वरा भुमि कतौह नञ अछि । मुदा आजुक राजनितिक परिवेश केर षड्यंत्र मे सऽब बंजर बनि गेलैक । मिथिलाक आर्थिक विकास पर किनकौह नजैर नञ छनि ।

कृषि भारतक मुख्य व्यावसायिक आउर आर्थिक आधार छलैक, खासकय मिथिलांचल केर बेसी रोजगार कृषि सँ जुड़ल अछि । मुदा सरकार केर ध्यान कृषि क्षेत्र पर सून्ना अछि । सरकारक ऐकौह गोट योजना धरातल पर नञ अछि । मिथिला केर विभिन्न क्षेत्र मे पसरल चिन्नी मिल केर स्थिति सँ त अधिकांश गोटे अवगत छीहे । सभटा बंद पडल अछि । किसान कुसियारक खेती केनाय छोडि देलथि, जाहि सँ किसान नकदी केर समस्या सँ जुद्धि रहल छथि ।

मिथिला वर्तमान समय मे भंयकर आर्थिक समस्याक सामना कऽ रहल अछि । पेपर मिल, सुता मिल, वा जतेको ऐहन रोजगारक केन्द्र छल ओ जकथक पडल अछि । कियौक सुधि लेनिहार नञ छथि । मिथिलाक आर्थिक क्षेत्र मे माछ, पान आ मखान केर जे मिथिलाक पहचान सेहो छी ओकर पैघ योगदान अछि मुदा ओकरो देखिनिहार कियौक नञ छथि । मखाना अनुसंधान केन्द्र केर स्थिति त’ बद सँ बत्तर अछि । पानक खेती केनिहार ( बरैय ) भगवानक भरोसे छथि, सरकार दिस सँ अहि संदर्भ मे कोनो विशेष सुविधा नञ भ रहल अछि । मिथिलाक खपत केर हिसाबहि माछक उत्पादन सेहो नञ भ रहल अछि । जाहि सँ मिथिलावासी आंध्रा केर माछ खायक लेल विवस छथि, जकर कारण अछि खराब जल प्रबंधन । संगहि मछुआ उत्पादन विकासक क्षेत्र मे कोनो पैघ आ सकारात्मक कदम सरकारक दिस सँ नञ उठि रहल अछि ।

किछु कहौक कियो मुदा इ गप्प त सोलह आना सत्य अछि जे बिना मिथिला केर विकास कयने भारतक आ बिहार केर विकास संभव नञ अछि । आखिर मिथिलावासी कथि गलती कयने छथि जे मिथिलाचंलक संगे जतेक भी सरकार बनला अछि सऽब सौतेला व्यवहार करैत छथि।