मिथिला दिवस समारोह – मैथिली नव वर्षक उपलक्ष्य

जमशेदपुर मे मिथिला दिवस समारोह: झारखंड मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा उद्घाटन
 
– किसलय कृष्ण, जमशेदपुर, मैथिली जिन्दाबाद, १५ मार्च, २०१५।
 
अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् द्वारा झारखंडक आर्थिक राजधानी आ भारतक मैनचेस्टर कहल जायवला औद्योगिक नगरी जमशेदपुर (टाटा) मे काल्हि मैथिली नव वर्षक उपलक्ष्य ‘मिथिला दिवस’ केर रूप मे समारोहपूर्वक मनाओल गेल। एकर उद्घाटन झारखंडक मुख्यमंत्री रघुवर दास कएलनि। अपन गरिमामयी संबोधन मे मुख्यमंत्री कहलैन जे मिथिलाक लोकसंस्कृतिक संपन्नता विश्व केँ मानवताक सर्वोपरि संदेश देलक आ मैथिल अपन विद्याक बल सँ हर जगह एक प्रतिष्ठित आ अलग स्थान मे स्वयंकेँ स्थापित केलक अछि। झारखंडक संस्कृतिकेँ प्राथमिकता देबाक बात कहैत ओ अपन पुरान वादा फेर दोहरेलनि जे एक बेर फेर सँ मैथिली, भोजपुरी, मगही आ अंगिका केँ राजभाषाक दर्जा देबाक लेल मामिला कैबिनेट केर समक्ष आनल जायत। हुनका संग समारोह मे सहभागी संसदीय कार्य मंत्री (झारखंड) सरयू राय सेहो मैथिली केँ दोसर राजभाषाक रूप मे स्थापित करबाक बात केँ पुष्टि करैत ई मैथिलीक हक रहबाक बात कहलैन।

मिथिला दिवस समारोह - जमशेदपुर
मिथिला दिवस समारोह – जमशेदपुर
 
एहि कार्यक्रमक अध्यक्षता करैत अमैप अध्यक्ष चंद्र नारायण झा कहलनि जे झारखंड मे मैथिलक योगदानक उच्च कदर अछि। एकर विकास मे मैथिलक योगदान देखैत उचित माँग करबाक अधिकार सँ मात्र मैथिल अपन हक-अधिकारक बात करैत आबि रहल अछि। मुख्यमंत्रीक ध्यान मैथिली भाषाक दिशा मे आकृष्ट करैत आगाँ माँगपत्र प्रस्तुत करबाक बात केलनि। परिषदक प्रदेश उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ताहि माँगपत्र केँ वाचन करैत मुख्यमंत्रीक माध्यम सँ राज्यकेँ अवगत करौलनि। तहिना परिषदक विभिन्न क्रियाकलाप पर प्रकाश देबयवला प्रतिवेदन महासचिव प्रमोद कुमार झा प्रस्तुत केलनि।
 
संबोधनक क्रम अनेको प्रखर वक्ता सँ शुरु कैल गेल। डा. अशोक अविचल द्वारा मिथिलाक पौराणिक परंपरा कतेक वैज्ञानिक आ मानव-जीवन लेल महत्त्वपूर्ण अछि ताहि पर प्रकाश दैत जुड़ि शीतलक उदाहरण सोझाँ रखलैन। जीवनचर्याक अभिन्न हिस्सा पोखैर, इनार आदिक सफाई (उड़ाही) आ पानिक पटौनी सँ तप्त गाछ-वृक्ष केँ जल-सींचन करबाक परंपरा, रक्त-शुद्धि लेल विशिष्ट भोजन खेबाक रेबाज आ अन्य बहुतो विशेष जानकारी सभा समक्ष रखलैन। सूर्यक गति पर आधारित मिथिला पंचांगक विशिष्टता रखैत ओ कहला जे ई एकमात्र पूर्ण अछि आ अशुद्धताक कतहु गुंजाइशे नहि छैक।
 
डा. रविन्द्र कुमार चौधरी रचित पोथी ‘झारखंड मे मैथिली’ सहित एक अन्य पोथी मिथिला राज्यक विभिन्न आयाम आ अमैप केर वेबसाइटक विमोचन-उद्घाटन कैल गेल। maithili nav varsha jamshedpur news cutting
 
अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् केर नव कार्यसमितिक गठन कैल गेल। परंपरानुसार केन्द्रीय समितिक सदस्य द्वारा स्थानीय समितिक सदस्यक चुनावी प्रक्रिया सँ अमलेश झा केँ नव अध्यक्ष चुनल गेल। तहिना डा. ममता झा, डा. ए. के. लाल केँ उपाध्यक्ष आ एक बेर फेर पुरनके महासचिव अर्थात् प्रमोद कुमार झा केँ चुनल गेल। प्रो. आर. एन. पोद्दार व पंकज कुमार झा केँ सचिव, संगहि हेमंत कुमार झा केँ कोषाध्यक्ष बनायल गेल।
 
समुचित विचार-गोष्ठी एवं उद्घाटन सत्रक समापन उपरान्त भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन सँ समारोह रंगीन बनि गेल छल। समूचा चैम्बर भवन मे मैथिलक अपार भीड़ उपस्थित भेल छल जाहि मे मिथिलाक सुप्रसिद्ध उद्घोषक किसलय कृष्णक संग नवागन्तुक उद्घोषिका दिया चौधरीक उपस्थिति जनमानस केँ एकटा नव आनन्द प्रदान केलक। मैथिलीक कार्यक्रम सँ जाहि तरहक आनन्द जनमानसकेँ भेटैत अछि वैह मिथिला संस्कृतिकेँ मानू जीवनक आधार बनल अछि। मैथिली जिन्दाबाद केर सूत्र जे जागृति यत्र-तत्र-सर्वत्र होइत रहय ताहि मे जमशेदपुरक प्रेरणा समाहित अछि। मैथिलक अपनहि धिया-पुता द्वारा नृत्य, चित्रकला, रंगकर्मक प्रस्तुति सेहो एहि ठामक पुरान परंपराक द्योतक अछि जे बीच मे अन्य भाषा ओ संस्कृतिक संग कौआगिरी (कौआक मोरक पाँखि पहिरि मोरक संस्कृति मेघ देखि नाचबाक आदति सहित कौआक किछु आरो विकृत मानसिकताकेँ कौआगिरी कहल जाइछ) करबाक किछु नव विडंबनापूर्ण व्यवहारक कारणे मैथिलक छवि धुमिल भेल छल, परञ्च जागृतिक दिया चहुँदिशि जरैत मैथिली जिन्दाबाद होइत रहत।
 
(न्युजपेपर कटिंग तथा फोटो साभार – किसलय कृष्ण)