अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल समाजिक अभियन्ता सम्मेलनक तैयारी जोर पर

निराजन झा - मूर्तिया सिरहा सँ पुरातात्विक महत्वक स्थल पर रिपोर्ट तैयार करैत

विराटनगर, मार्च ३०, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

सन्दर्भः नेपाली मिथिलाक ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक महत्व केर स्थलगत भ्रमण एवं परिचर्चा

nirajan bisheswor prasadमैथिली महायात्रा एक महान यात्राक परिकल्पना थीक जाहि मे सनातनकालीन मिथिलाक हेराइत पहिचान केँ पुनर्स्थापित करबाक लेल विभिन्न ठाम पसरल मैथिल विभूतिक मोती आ संगहि मिथिलाक मेटाएत इतिहासक विभिन्न मोती सब केँ चुनि-चुनि फेर सँ समेटिकय मिथिलारूपी माला बनाओल जा सकय। ई यात्रा प्रथम वर्ष सितम्बर १३, २०१४ मे दिल्ली सँ आरम्भ कैल गेल आर एकर पड़ाव विराटनगर – नेपाल मे आबि ११ अप्रैल, २०१५ केँ अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली कवि सम्मेलनक रूप मे परिणति पबैत विश्रामक रूप मे परिणति पाबि गेल।

पुनः दोसर वर्षक ई यात्रा ऐतिहासिक नगरी काशी सँ फरबरी ६-७ सँ शुरु भेल अछि। नेपाल केर मिथिलाक्षेत्र मे यात्रा करबाक मुख्य भार युवा अभियानी निराजन झा द्वारा लेल गेल अछि जे वर्तमान समय सप्तरी सँ सिरहा, धनुषा, महोत्तरी, सर्लाही, रौतहट होएत बारा धरिक यात्रा पूर्ण कय लेलनि अछि। आइ ई समाचार लिखबाक समय धरि ओ बाराक सिम्रौनगढ मे छलाह। काल्हि हुनक यात्रा सीधे झापा पहुँचि रहल अछि।

nirajan chandreshwar yadavएहि वर्षक यात्राक पड़ाव विराटनगर मे यैह ९-१० अप्रैल, २०१६ केँ तय छल। परञ्च गुआहाटीक यात्री लेल आसाम मे ११ अप्रैल केँ चुनाव पड़ि जेबाक कारण एहि तारीख मे परिवर्तन लेल आकस्मिक निर्णय लेल गेल अछि। एहि बेरुक पड़ाव पर राखल जा रहल कार्यक्रम नेपालक मिथिला केर ऐतिहासिक-पुरातात्त्विक स्थल पर विशेष सेमिनारक संग मिथिला समाजक विभिन्न ठामक अभियान आदि पर परिचर्चा राखल जेबाक नियार अछि। एहि बेरुक पड़ाव पर राखल जा रहल कार्यक्रमक नाम ‘अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल सामाजिक अभियन्ता सम्मेलन – २०१६’ राखल गेल अछि। भारत ओ नेपाल केर विभिन्न क्षेत्र सँ मिथिलावासी सामाजिक अभियन्ता लोकनिक खास जुटान अपेक्षित अछि।

आउ, एक नजरि दी यात्री निराजन झा केर यात्राक सारांश परः

nirajan ganga prasad sahमैथिली महायात्राक मुख्य यात्री प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा राजविराज मे १० मार्च केँ निराजन झा केँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनक प्रारूप पर विस्तार सँ चर्चा आर प्रा. सुनील कुमार झा समान दिग्गज विद्वान् केर मार्गदर्शन लैत नेपाली मिथिलाक विषय मे बेसी सँ बेसी जानकारी जुटेबाक अनुरोध कैल गेल छल। एहि बैसार मे प्रा. झा विभिन्न विद्वान् व्यक्तित्वक नाम स्रोत वक्ताक तौर पर बतौलनि। हुनकहि मार्ग निर्देशन अनुसार निराजन झा सब सँ पहिने राजविराज मे प्रा. हरिकान्त लाल दास सँ भेंट कएलनि। प्रा. दास द्वारा कैल गेल महत्वपूर्ण कार्य विवरण केँ समेटैत, हुनकर लिखल पुस्तक व सामग्री केँ समेटैत निराजन अपन आगाँक यात्रा आरम्भ केलनि। ई पहिल भेंटघांट मार्च १४ केँ भेल छल जेकर मुताबिक अपडेट सेहो लगायल गेल रहय।

मैथिली महायात्रा अपडेटः मार्च १४ अन्तर्गत वर्ष २०१६ केर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केर सन्दर्भ मे पूर्वहि मे जानकारी देल जा चुकल अछि। भारतीय पुरातात्त्विक सर्वक्षण केर रिजनल डायरेक्टर डा. फणिकान्त मिश्र केर मुख्य अतिथिक तौर पर एहि मे सहभागिता लेल पूर्व नियार मे हुनकर व्यक्तिगत असमर्थताक कारण बदलाव आनल गेल आर तदोपरान्त नेपाल पुरातात्त्विक सर्वेक्षण केर सम्पर्क मे जाएत परिचर्चा लेल स्रोत व्यक्तित्व लोकनिक चुनाव पर ध्यान केन्द्रित कैल गेल। विदित हो जे विषय गंभीर रहबाक कारणे सहभागिता मे सेहो व्यक्ति विशेष केर चुनाव अनिवार्य अछि।

harikantlal das1महेन्द्र बिन्देश्वरी बहुमुखी कैम्पस – राजविराज केर इतिहास विषयक पूर्व विभागाध्यक्ष एवं नामी-गिरामी इतिहासकार प्रो. हरिकान्त लाल दास केर एहि कार्यक्रमक मुख्य प्रस्तोताक रूप मे सहभागिता सेहो युवा अभियानी निराजन झा केर मध्यस्थता सँ तय भऽ गेल ओहि दिन। प्रो. हरिकान्त बाबुक अतिरिक्त प्रा. डा. सुनील कुमार झा एवं अन्यान्य वेत्ता लोकनिक सहभागिता होयब सुनिश्चित अछिये।  

नेपालक पुरातत्त्वविद् तारानन्द मिश्र, नेपाल पुरातत्त्व विभागक अभियंता एवं मैथिली-मिथिला पर गहिंर शोध कएनिहार गोपाल झा, तहिना एहि विभागक महानिर्देशक (डायरेक्टर जेनेरल) सम्माननीय भेष नारायण दहाल केर सहभागिता लेल यात्री निराजन झा पहिनहि एकटा आधार निर्माण कय चुकल छथि। आइ हिनका लोकनि संग हमर बात सेहो भेल आर औपचारिक निमंत्रण पत्र तारीख निर्धारण कएला उपरान्त पठेलाक बाद के सब औता से तय भेल अछि।

nirajan jaleshworएहि बीच निराजन झा सिरहा, सप्तरी एवम् महोत्तरी तिनू जिला मे रहल महाकवि विद्यापति केर गुप्तवास सँ जुड़ल अत्यन्त प्रसिद्ध स्थल ‘बनौली’ केर यात्रा करैत विभिन्न जिलाक भिन्न-भिन्न पुरातात्त्विक महत्वक स्थल सबहक प्रत्यक्ष भ्रमण कएलनि अछि। संछेप मे पठाओल किछु रिपोर्ट अत्यन्त उत्साहवर्धक अछि। निराजन मैथिली जिन्दाबाद संग बात करैत कहलैन अछि जे ई यात्रा एतेक महत्वपूर्ण आ गंभीर ज्ञानवर्धक होयत से सोचनहियो नहि रही। ओना सुनिते रहि जएतहुँ, मुदा भ्रमण केला सँ आ लोक सब सँ प्रत्यक्ष वार्ता केला सँ तरह‍-तरह केर जानकारी सब समेटबाक लेल भेटि रहल अछि। मिथिला कतेक गहिंर अछि ताहि पर बहुत प्रकाश भेटि रहल अछि। मात्र बनौलीक चर्चा करी तऽ ई तीन ठाम भेटल, तिनू ठाम विद्यापतिक जीवन सँ जुड़ल कतेको तरहक प्रमाण सेहो भेटल। 

nirajan janakpurसिम्रौनगढ – जेकरा मिथिलाक एक निश्चित अवधिक राजधानी सेहो मानल जाएछ, ओतुका तऽ गजबे लीला सब देखबा आ सुनबा लेल भेटल। लोक मे मिथिला प्रति एहेन लगाव देखायल – वर्तमान समय विकास लेल एहेन भूख देखायल जेकर चर्चा शब्द मे करब कठिन बुझाएत अछि। विश्वास नहि होयत किनको मुदा ई सच अछि जे एहि ठामक वासिन्दा केँ हरेक दिन कोनो न कोनो ऐतिहासिक वस्तु एतय भेटिते रहैत अछि। बच्चा-बच्चा मे अपन ऐतिहासिक सम्पन्नताक गाथा चर्चाक विषय बनल रहैत अछि।

nirajan murtiyaसर्लाही मे मूर्तिया नामक एकटा एहेन विलक्षण स्थान भेटल जतय अत्यन्त प्राचीनकाल मे प्रयोग मे रहल अनेकानेक मूर्ति सब भेटैत अछि। बेसी मूर्ति ओना शिव एवं शक्ति सँ जुड़ल देखाएछ, किछु मूर्ति मे हाथीक बच्चा केँ सिंह पकड़ने अछि ताहि तरहक विचित्र मुदा रहस्य सँ भरल मूर्ति सब भेटबाक चर्चा सुनलहुँ। किछु कैमरा मे सेहो कैच केलहुँ। एतय नेपाल पुरातात्त्विक विभाग द्वारा एखनहु उत्खनन टोली खटायल देखबाक अवसर प्राप्त भेल। 

nirajan mahisauthaसिरहाक विष्णुपुर मे ८-१० घैला कौड़ी सँ भरल भेटबाक इतिहास सुनलहुँ। बगले मे महिसौथा – जे राजा सलहेशक दरबारक रूप मे जानल जाएत अछि सेहो देखबाक-घुमबाक अवसर भेटल। एतय माटिक बर्तन, मूर्ति आदि प्राप्त भेल अछि। एक सम्भ्रान्त भद्र लोक जानकारी करौलनि जे एकटा घैला आइ सँ २०-२५ वर्ष पूर्व भेटल छल जेकर कीमत कलकत्ताक बाजार मे एक लाख मे लगाओल गेल छल। मुदा राष्ट्रक सम्पत्ति बुझि ओ घैल नेपाल सरकार केँ बुझेलहुँ, मुदा आइ ओकर कतहु अता-पता नहि चलैत अछि। नहि जानि कतेक बेशकीमती ऐतिहासिक महत्वक समान सब एतय छुपल अछि माटिक गर्भ मे।  

nirajan rautahatरौतहट मे राजदेवी मन्दिरक इतिहास आर आसपासक क्षेत्र मे पुरातात्त्विक उत्खनन केर आवश्यकता पर लोक सब मे विमर्श होएत देखल। महोत्तरीक जलेश्वर मे शिव मन्दिर कोन समयक थीक तेकर पता नहि चलि पबैत अछि। एहि मन्दिर मे एकटा एहेन रहस्यमयी गूफा अछि जेकर गहराई अथाह मानल जाएत अछि। ई सदिखन पानि सँ भरल रहैत अछि। एक दिवस शिवरात्रि मात्र पर एकरा कोनो विधि सँ लोक पानि उपैछियोकय एहि गूफाक भीतर मे शिवलिंग केर दर्शन करैत अछि। एतय ३ टा संतक समाधि स्थल सेहो अछि जेकर काल-निर्धारण करब एखन धरिक शोध सँ नहि भऽ सकल अछि।

nirajan saptariएम्हर सप्तरी मे सखड़ा भगवतीक मन्दिर व आसपास सेहो पुरातात्त्विक महत्वक कतेको रास स्थल अछि। एतय राजा शक्रेश्वर सिंह केर दरबार आ तेकर अवशेष सब विभिन्न समय मे भेटैत रहल अछि। रूपनी मे चन्द्रभागा पहाड़ सेहो पुरातात्त्विक दृष्टि सँ अत्यन्त महत्वपूर्ण मानल गेल अछि। सखड़ा भगवतीस्थान सँ सटले गंगजला महार केर नाम सेहो एहि सूची मे राखल जाएछ। एहि सब स्थल पर आरो बेसी शोध, उत्खनन व अध्ययनक आवश्यकता बुझाएछ। मिथिलाक गहिंर इतिहास केँ स्थापित करबा मे ई सहयोग करत आ संगहि एहि सब स्थल केर पर्यटकीय विकास सेहो संभव होयत।

विराटनगर मे आयोजित द्विदिवसीय समारोह सम्बन्ध मेः

एहि बीच मुख्य यात्री प्रवीण नारायण चौधरी केर गुआहाटी भ्रमण सँ बाहरी प्रतिनिधित्व लेल आमन्त्रण कार्यक्रम आरम्भ यैह २७ मार्च सँ होमय लागल। संगहि कार्यक्रमक एकटा सुनिश्चित प्रारूप सेहो तय कैल गेल। तय प्रारूपक मुताबिकः

“द्विदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल सामाजिक अभियंता सम्मेलन विराटनगर लेल गुआहाटी सँ आमन्त्रण देब आरम्भ कयल। आइ गणेश भाइ संग सहकार्य करैत ई शुभ कार्य केर श्रीगणेश भेल। आब जानथि जानकी आ राघव। स्वयं कामख्या केर दरबार में ई कार्यक्रम अपन रूप तय केलक।

अप्रैल 9 केँ उद्घाटन सत्र उपरान्त नेपाली मिथिलाक पुरातात्त्विक महत्त्वक ऐतिहासिक स्थल पर परिचर्चा गोष्ठी में निराजन झा केर संचालन आ महान पुरतत्त्वविद् एवम् इतिहासविद् लोकनिक विशेष सहभागिता होयत। ई सत्र करीब 3 घण्टा 11 सँ 2 बजे धरिक होयत।

भोजनोपरान्त 3 बजे सँ 5 बजे गुआहाटी, सहरसा आ मधुबनी केर मैथिली मिथिला अभियान पर कुल 3-3 वक्ता प्रतिनिधि द्वारा सम्बोधन कैल जायत। 2 समीक्षक आर खुल्ला प्रश्नोत्तरी सँ एहि सत्रक समापन होयत।

पुनः संध्याक चाह पान भेलाक बाद 6 बजे सँ 9 बजे विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रम जेना गीत, नृत्य आ नाटक आदिक प्रदर्शन कैल जायत।

दोसर दिन काशी, प्रयाग एवम् कानपुर केर मैथिली मिथिला अभियान पर चर्चा सँ कार्यक्रम शुरू कैल जायत। पाहिले दिन जेकाँ दोसरो दिन समाजिक अभियान पर चर्चा में 3-3 वक्ता प्रतिनिधि एवम् 2 समीक्षक तथा खुल्ला सत्र होयत। समय 10 सँ 12 बजे। 12 सँ 1 भोजनावकाश।

1 बजे सँ 3 बजे धरि राजविराज, विराटनगर आ जनकपुर केर अभियान पर चर्चा होयत। पुनः 3 बजे सँ 5 बजे पटना, दिल्ली एवम् जमशेदपुर। 6 बजे सँ 9 बजे कवि गोष्ठी आ मनोरंजन कार्यक्रम।

प्रतिनिधित्व लेल पूर्व निर्धारित सूची रहत। सम्पुर कार्यक्रम में सहभागिता सीमित रहत।”