गाम हो तँ बघवा जेहेनः समर्पित पुत्र द्वारा गामक वर्णन

बघवा हमर गाम – हम एकर संतान
– भारत भूषण राय
baghwa essay bharatbhushanमिथिलाक एक सुन्दर गाम बघवा जेकर पावन भूमि प्राचीनकाल स निरंतर भगवानक लीला आर ॠषी मुनि लेल तपोभूमि समान रहल अछि । तहिमे स बाबा मनमोद (दलान बाबा) पहिल बेर आयल छल । मिथिला क्षेत्र केर जिला सहरसा सँ २२ कि. मि. पश्चिम, दिशामे, महिषी धाम स ५ कि. मि. दक्षिण में अबस्थित बाबा मनमोद केर बघवा गामक दृश्य अति मनोहर अछि । बाबा मनमोद (दलान बाबा) केर दलान आ पोखैर – हर तरहें एहिठामक वतावरण अत्यन्त अद्भुत अछि । एतय सत्यरथ नदी चारू कात सँ गाम केँ सुरक्षा घेरा मे बन्हने अछि। एहिठामक प्रसिद्ध मेला दिवाली पर लगैत अछि जाहि मेलामे दुर- दुर स दर्शक महानुभाव सब हजारोंक संख्यामे अबैत रहैत अछि। गामक बीच भाग मे बनाओल गेल बाबा दलानक मंदिर करीब एक बीघा मे पसरल अछि जे मनमोद बाबा अपना हाथ सँ बनौने छैथ आ गामक मध्य भाग मे करीब एक बीघा मे पोखैर सैहो खूनल गेल अछि जे मनमोद बाबा अपना हाथ स एक्कहि राति मे खूनने छथि, ई मान्यता अछि। अनुपम करिश्मा देखबाक लेल दर्शक सब केर मनमे एकटा अलग भवना जगाबैय लेल बघवा गाम बनायल गेल अछि, एतुका सुन्दरता आ शीतलताक दृश्य अद्भूत अछि ।
 
बघवा गाम बड्ड नीक अछि। गाम मे लोक शिक्षादीक्षा पर विशेष ध्यान दैत छथिन्ह। गाम मे कतेको स्कूल अछि। एकटा मिड्डल स्कूल, एकटा हाई स्कूल, एकटा संस्कृत विद्यालय, एकटा महाविद्यालय एहि गाम मे स्थापित अछि। धार्मिक स्थान केर रूप मे बाबा दलान मंदिर, ब्रहम बाबा मंदिर ( पुरनका आ नवका), दुर्गा मंदिर, हनुमान थान, राधा कृष्ण कुटी(ठाकुरवाडी), महादेव मंदिर, काली मंदिर इत्यादि दर्शनीय स्थल थीक। गाम मे पोखरि इनार केर कोनो कमी नहि।
 
गाम मे सब पाबैन-तिहार उमंग, उत्साह आर धार्मिक वातावरण मे मनायल जायत अछि। काली पूजा (दिवाली) आ फगुआ त किछ बेसिए नामी अछि मुदा दशहरा आ शिवरात्रि मनबय मे सेहो कोनो कम नहि। कृष्णाष्टमी, रामनवमी आ हनुमान जयंती सेहो परम श्रद्धा भक्ति सँ मनायल जायत अछि।
 
ई गाम कतेको रास रत्न समान सपुत केर जननी थीक, गिनायब मुश्किल अछि। एहि गाम मे कतेको इंजिनियर, डाक्टर, प्रोफेस्सर , ऑफिसर, शिक्षक इत्यादि अछि। सब प्रोफेसनल सब अपन-अपन क्षेत्र मे गाम केर आ देश केर नाम रोशन कय रहल छथि। ई गाम उन्नति करैत रहय आर एहि गाम संग समस्त मिथिला आ देशक कल्याण होएत रहय, यैह एहि ठामक हरेक सपुतक मुख्य जीवन-उद्देश्य होएत अछि। गामक जन-जन मे एहि वास्ते विशेष ध्यान देबाक आवश्यकता अछि। एहन नहि जे अपने व्यक्तिगत कल्याण टा मे लागल रही आर अपन जननीरूप मातृभूमि केँ बिसरि जाय।
 
गाम मे समस्या सेहो कम नहि अछि। बेरोजगारी केर तऽ किछु बेसिए समस्या चुनौतीक रूप धेने अछि। भरि-भरि दिन तास खेल कय युवक सब अपन उर्जा आ मेधा समाप्त कय रहल अछि। नशा केर समस्या एक भीषण समस्या एहेन सुन्दर गाम केँ अपन फाँस मे फँसा चुकल अछि, एकरो निदान आवश्यक अछि। बघवा दलान आ बघवा समाजक लेल एकटा छोटछीन प्रयास अछि जे सभकेँ एकसूत्र मे बान्हिकय अपन संस्कृति सँ अवगत करबैत रही, एहि गामक मर्यादाक रक्षा लेल ई परम अनिवार्य अछि।
 
जतेक तेजी सँ जुग बदैल रहल अछि जे किनको पास समय नहि छैन जे ओ अपन परिवार केँ देखता आ कि समाज केँ, सभ कियो अपन रोजी रोटी मे लागल रहैत छैथ। …..मुदा एहनो बहुत व्यक्ति छैथ जे अपन बहुमूल्य समय निकैल एहि समाज लेल समय दैत छथिन हुनका सभ केँ समाजक तरफ सँ बहुत-बहुत शुभकामना ! आ जे कियो समय नै द पबैत छैथ हुनका सँ आग्रह अछि जे कम सँ कम ओ समाजक ओहि वर्गक सबहक उत्साह बढेता जे अपन समय दऽ कऽ समाज केर लेल आ अपन संस्कृति केर, धरोहर केर रक्षाक लेल कार्यरत छैथ।
 
बघवा नगरिया बाबा भेलै बिराना भेलखिन बिधाता बाम यौ ..
कोना क’ लौटत बघवा के गौरव सब मिलि दियौ भैया ध्यान यौ!!
बंद पड़ल यऽ बघवा केर आँखि यौ, बंद कसैया सरकारक कान यौ
घर-दुअरिया मे ताला लटकल, सुन्न छै अँगना दलान यौ!!
 
बघवा अधिकार परिषद्, बघवा केर ओ समूह अछि जिनका मोन मे बघवाक लेल असीम प्रेम बसय छनि आ बघवा सँ दूर रहियो कय अपन मातृभूमि बघवाक लेल किछु करय के भावना रहय छनि । बघवा अधिकार परिषद् तीन स्तर केर साथे काज कय रहल अछि। पहिल स्तर पर २१ लोक केर मार्गदर्शक समूह अछि, जेहि मे श्रेष्ठजन सब अपन अनुभव सँ मंच केँ मार्गदर्शन करैत छथि। मंच केर क्रियाकलाप पर निगरानी रखय छथि। मार्गदर्शक समूह केर प्रत्येक सदस्य केँ अपन-अपन क्षेत्र मे विशिष्ट योगदान रहल छनि। “बघवा अधिकार परिषद्” एतेक कम समय मे सफलता पाबय मे एहि समूहक बहुत पैघ योगदान छनि।
 
 
दोसर स्तर पर, पूरा देश सँ १०० युवा छथि जे तन-मन-धन सँ बघवाक विकास लेल सम्मिलित रूप सँ प्रयासरत छथि। अपन-अपन जीवन यापन केर संग-संग ई युवा सब बघवाक नव निर्माण केर नींव राखि रहल छथि जे आबयवला समय मे बघवाक पहचान बनत दुनियाँ मे। तेसर स्तर पर परिषद् केर ओ सदस्यगण सब छथि जे प्रत्यक्ष वा परोक्ष रूप सँ समय-समय पर परिषद् केर सब काज मे बराबर सहयोग दैत रहैत छथि। सम्पूर्ण विश्व मे पसरल बघवावासी सब एहि अभियान मे जुड़ि रहल छथि आ निरंतर परिषद् आगाँ बढि रहल अछि अपन अभियान में…. “बघवा अधिकार परिषद्” बघवाक चहुमुखी विकास चाहैत छैथ।
 
बघवाक शिक्षाक क्षेत्र मे हो वा स्वास्थ्य मे वा सांस्कृतिक संरक्षण हो, हर तरह सँ बघवा केर विकसित आ अपन पुरान ऐतिहासिक शिख़र तक पहुंचाबय लेल प्रतिबद्ध अछि परिषद्। बघवा गाम केर दु गो हाथ अछि, पहिल हाथ अछि बघवा विकास मंच आ दुसर हाथ अछि बघवा अधिकार परिषद् ।
 
बघवा गाम छी बाबा दलान केर हुनकर हम सब संतान यौ,
बाबा दलान केर नाम पर शुरू करु सब विकासक काज यौ॥
 
गाम केर फेसबुक समूह सॅ शुरू भेल बघवा अधिकार परिषद् केर सदस्य मिलिकय प्रयास केलहु जे गाम केर विकास मे हम सब भागीदार बनी। अपन भागीदारी गाम स बाहरो रहय सेेहो तय करी। कोना प्रयास कैल जाय, कुन-कुन मुद्दा उठायल जाय, ओही लक्ष्य केँ कोना प्राप्त करी, इत्यादि विषय सब पर सक्रिय सदस्य केर बीच में बड्ड विमर्श भेल आ मंथन सेहो। ई सब मंथन केर बीच मे तय भेल जे गाम मे जागरूकता फैलाओल जाय, एहि लेल किछ पार्टी बनाओल जाय। ताहि सँ बघवा अधिकार परिषद् बनाओल गेल।
 
अपना हाथ सँ ठेला घीचकय शिशिर राय, गुड्डु झा, दीपक झा आ भारत भूषण राय पुरे गाम मे घुमिकय प्रचार केलैथ, टोले-टोल, गली-गली घूमि कय प्रचार केलैथ आर लोक सब केँ आश्वस्त करय के भरिसक प्रयास केलैथ एही पार्टी केर बारे मे। मुद्दा मूल उद्देश्य पाटी नहीं अछि, ई त एकटा माध्यम अछि जकर सहारा सँ हम सब गाम केर विकास करबाक लक्ष्य प्राप्त करय लेल चाहैत छी। हमरा सब केँ लक्ष्य मात्र ध्यान मे रखबाक चाही, हर समय बघवा अधिकार परिषद् जतेक मुद्दा केँ उठा रहल अछि आ जतेक पर विमर्श कय रहल अछि, ओकरा कोना लागू कैल जाय, एहि मे मतैक्य नहि बनि रहल अछि। अपन सबहक सीमा केँ देखैत हमरा सब केँ मिलिकय कोशिश करय पड़त जाहि सँ कि अपन जन्मभूमि लेल किछु बेहतर काज कय सकब।
 
एक बेर बाबा दलान सँ निवेदन करब जे हउ बाबा! अपन धिया पुता सब केँ एतेक शक्ति दहक जे ओ सब किछ काज कय सकय, अपन गाम केर लेल, बघवा गाम केर लेल। अहां सब केँ बहुत बहुत धन्यवाद जे अहां सब हमरा संगे मिशन बघवा विकास मे जुड़लहुँ। मिलिजुलि कय आवाज उठेलहुँ। जकर परिणाम गामक हित मे आबि रहल अछि। आय हमरा-अहाँ बघवा विकास आन्दोलनक विकराल रुप देख रहल छी। हम अपन जीवन में पैहलुक दिन अपन गामक वीर पुरुष सब केँ प्रणाम करैत छी। बघवा आब रस्ता पर आबय लागल अछि। बस अहां सब जुड़ल रहु हमरा संगे, गामक भविष्य केर चिन्तन पर विचार विमर्श करैत रहु।
 
हम छी बेटा एहि बघवा केर, हमर भूषण अछि नाम यौ!
अहाँ सब केर सहयोग पाबिकय, करय छी बेर-बेर प्रणाम यौ!!
 
धन्य-धन्य बघवा केर धरती जे बाबा दलान केर गूणगान करय!
मनमोद राय भगवान बनि अयला, हिनकर सब कियो नाम भजय!!
कहाबय बेटा ओ बघवा केर, जे बघवा केर विकास करय।
छोड़ि गूटबाजी ओहि सँ ऊपर जे नव बघवा निर्माण करय॥
 
जय दलान जय बघवा!!