मिथिलाक मुंगेरीलाल: मुंगेरीलाल मैथिल

मुंगेरीलाल मैथिल

भुमिका:
Chetan-Pandit-others-in-Raajneeti-stillहँ! हँ! मुंगेरीलाल वैह जे भारतीय दुरदर्शन डीडी१ चैनल सँ धारावाहिक केर पात्र छल। बेसी उम्मीद ओ बिहारहि केर कोनो भाग सँ छल सैह देखायल गेल स्मृतिमे अबैछ। शहरी परिवेश मे पलायनदंशक शिकार मुंगेरीलाल प्रवेश पबिते अचानक अपना-आप मे कहियो राजनेता, कहियो अभिनेता, कहियो सुपरमैन, कहियो भगवान्, कहियो हाकिम, कहियो राजा… विभिन्न दर्शन करैत छल। धारावाहिक केर खासियत छलैक जे जागल जुग मे जेहन दृश्य सोझाँ अबैक, ओकरा तुरन्त अपना-आप मे ओहि अनुकूल ‘भिन्न-भिन्न चरित्रक’ दर्शन होइक आ ओहि चरित्रक अनुकूल ओकर व्यवहार मे एकबैगे परिवर्तन होइक, धारावाहिक अपन अवधि भरि विभिन्न एपिसोड (भाग) अनुसार ओहि चरित्र केर भूमिका एकमात्र अभिनेता ‘मुंगेरीलाल’ मे देखैक, तैँ एहि धारावाहिक केर नाम छल ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’।

वर्तमान कथा थीक एक विशुद्ध मैथिल छौंड़ा जे जाने-अन्जाने अपन चरित्रमे मुंगेरीलाल बनबाक सपना देखैत अछि। फेसबुक केँ ओ अपन सपना सजेबाक धरातल मानैत अछि। यथार्थ जीवन मे सेहो ओकर व्यवहार अन्ततोगत्वा मुंगेरीलाल समान बनि जाइछ आ तैँ एतय ‘मुंगेरीलाल मैथिल’ केर शीर्षक देल गेल अछि। शब्द संयोग एहि कथाक भाव पाठकवर्ग मे स्पष्ट केने होयत एहि विश्वासक संग ई लेख एतय देल जा रहल अछि जाहि सँ जनकल्याणक होयब निश्चित अछि। मुंगेरीलाल जेकाँ सपना टा देखब आ जीवनक व्यवहार मे ओतबे दाकियानूसी-झाड़फानूसी राखब, हमरा बुझने वर्तमान मिथिला समाज केर ‘अच्छे दिन’ मे बाधक अछि। तैँ एहि कथा सँ सीधा उद्देश्य जे ‘मुंगेरीलाल मैथिल’ बनबाक चेष्टा नहि कियो नहि करय, यैह लेखकक मूल भाव अछि।

कथा-सार:

मुंगेरीलाल मैथिल मध्यमवर्गीय परिवार सँ छल। गाममे जन्म आ पोषण उपरान्त बाबु-माय कतेक कष्ट काटिकय शहर मे सेहो पढौने छल। चौतरफा दबाव छल मुंगेरीलाल पर जे ओ अपनाकेँ सुयोग्य प्रमाणित करय। शिक्षाक ऊँचाई आ गुणस्तर पर ओकर विवाह सेहो एकटा पैघ घरक बेटी संग कए देल गेल छलैक, जाहि मे भरपूर दान-दहेज सेहो लेल गेल छलैक। परिवार, समाज आ सासूर मुंगेरीलाल मैथिल सँ जे अपेक्षा करैत छल ताहि अनुसार यथार्थ मे पुष्टता ओकरा मे अपूर्ण विद्या आ अपूर्ण ज्ञानक चलते नहि आयल छलैक। यैह मजबूरी मे – सबहक अपेक्षा पर ठाढ उतरबाक लेल ओ एक हिसाबे जानि-बुझि मुंगेरीलाल बनि गेल छल। एमटी वेसेल्स साउन्ड मच – ई एकर सपना टुटबाक लक्षण छलैक। पहिने सब कियो बुझि जाय जे मुंगेरीलाल वास्तव मे एकटा सम्भ्रान्त लोक, खूब मेहनती, खूब पाइ कमेनिहार, गाम-सासूर दुनू सँ सबल, राजनीतिक सोच मे सेहो पूर्ण चौकस, मोदी तक केँ सल्लाहकार आ पक्ष-विपक्ष सबहक नीतिकार अपनहि केँ प्रमाणित करनिहार ताकतवर मस्तिष्कक मालिक – कोनो गुण नहि जे मुंगेरीलाल मे नहि भेटय। मुदा एमटीनेस लास्ट नो लोंग – रियलिटी एपियर्स सून, जी! बेचाराक अपन असलियत अपनहि पलायन सँ खोलि दैत छल।

पहिले दिन भेट मे ओ ई जरुर कहि दैत छल जे हमरा लंग दु टा गाड़ी अछि, एकटा लक्जरियस फूल अप्शन पजेरो आ दोसर जे आइ धरफरी मे चढि आयल छी से मारुती ८००… ई वैह मारुती ८०० छी जे अपन कठिन कमाईक पैसा सँ किनने रही, पजेरो बेसीकाल पैघ-पैघ व्यक्ति जेना सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, नितीश गडकरी, राजनाथ सिंह, नरेन्द्र मोदी, सीताराम येचुरी आ भारतक ए-क्लास नेता सब सँ भेटयकाल बेसी प्रयोग करैत छी। सुशील मोदी आ नितीश कुमार आदि सँ बेसीकाल फोनहि पर सब गप भऽ जाइत अछि। कोनो काज लेल बाधा उत्पन्न नहि होइछ। सुखी छी। अपन लोक सब सँ बहुत प्रेम अछि। सबहक लेल जान आ जिगर सब हाजिर कए दैत छी। आदि। भेटनिहार आब एकटा आशा राखैत जे कहियो हमरो काज पड़त तऽ मुंगेरीलाल मैथिल जरुर काज एता, से सोचि खुश-खुश घर घुरैत छथि। आब मुंगेरीलाल सेहो बाग-बाग जे नवका सपना जिनका संग सजेलहुँ ओ दीवाना बनि गेलाह, शुरु होइत अछि फोन-लव आ घंटों-घंटा अपन विभिन्न बहादुरीक गाथा शुरु होइत अछि। ओकरा लंग ओकर शिकायत, बस अपना केँ महान मानि सब ज्ञान मुंगेरीलाल मैथिल देनाय नहि बिसरैत अछि। यैह ओकर सामान्य जीवनशैली छैक।

ओहो दिन दूर कहाँ जे सामनेवला केँ कोनो काज पड़ि गेलैक आ ओ मुंगेरीलाल मैथिल सँ कहि देलक जे कने भाइ हमरा फल्लाँ नेता सँ – फल्लाँ पार्टी सँ ई काज करबा दितहुँ…. मुंगेरीलाल मैथिल सहजहि गछि लैत छल। दिल्लीक दिलवाली भूमि पर सबहक दिल आ दिलेरी ओकरा सँ छूपल थोड़ेके न छैक, बस दुइ दिन बचल अछि ओकर एकटा देहरादूनक प्रोजेक्ट पूरा होइ मे, ओ बड जरुरी छैक कारण विदेश सँ क्लाइन्ट सब इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानस्थलहि पर ओकरा संग इन-ट्रान्जिट मिटींग रखने छैक, सेम फ्लाइट सऽ ओकरा सबकेँ रिटर्न पठा देत तेकर बाद चलत ओ अहाँक काज कराबय। बस दुइ दिन रुकि जाउ। हे प्रभु! दुइ दिन रुकनाय कोन बड़का बात भेलैक, जैँ एतेक दिन तैँ दुइ दिन आर। हौ बाबु! मुंगेरीलाल मैथिलक वादा आ फेर ई अन्तिम दुइ दिनक समय…. बितैत बेर नहि लगैक, आ तेसर दिन मुंगेरीलाल मैथिलक फोन मे अहाँक फोन स्पेशली डिजाइन्ड सेट अप सँ डिसकनेक्ट अछि। आब आशा पालनिहार लेल तऽ ई बड पैघ दिन छलैक, आखिर सपना देखबाक अधिकार केकरा नहि छैक।

एम्हर शुरु होइक मुंगेरीलाल मैथिलक उनटा ड्रामा – “सार! कि बुझैत अछि अपना आप केँ… हमर भाइ फल्लाँ (अहाँ) वला एकटा छोट काज कहलियैक… सत्रह गो रस्ता देखा देलक… सार हेन्ना…. सार मेन्ना…. सार टेन्ना…” घंटौआ फोन-लव केर समय फेर फोन आबि जाइक मुंगेरीलाल मैथिलक ओहि आशा पोसल लोक लग आ ओम्हर सऽ ई कथा-गाथा शुरु भऽ जाइक। ओ काज तऽ नहि भऽ पायत, लेकिन चिन्ता नहि करू, विदेशिया पार्टी सब संग नीक वार्ता भेल हँ, अहाँ लेल किछु उमदा अछि मुंगेरीलाल मैथिल लंग।… भरोसा… भरोसा… गप्प…. गप्फ… गप्पा! कतेक लोक बुझि गेल जे वास्तव मे मुंगेरीलाल खोखला ढोल मात्र छी, एकरा जतेक जोर सँ पीटब ई ततबे आवाज टा करैत अछि। बाकी ई शून्य!! आब अहाँ बुझलहुँ तऽ बुझलहुँ, ई गप कतहु बजलियैक कियैक… बाजि देलियैक… तऽ आब देख लियौक मुंगेरीलालक बकथोथी! फेसबुक सँ शुरु होइक ओकर तीन पुस्त केँ उकटनाय – ओकर बाप एना, ओकर बाबा एना, ओकर खानदान एहेन, ओकरा लंग औकात कि… कननी, बजनी, हगनी, मुतनी, सब कला मे मुंगेरीलाल मैथिल निपुन – बस कलाक इजहार करैत अपन परिवारक संग जीवन गुजारैत रहल। कनी दिन मे ओ टूटल, फेर कनी दिन बात दोसर टूटल… टूटिते रहल, लोक भगिते रहल। तखन दिल्ली सन जगह पर कोनो लोकक कमी छैक। जेकरा आइ ठकब ओकरा सँ दोबारा भेंट तहिये होयत जे फेर शुरु सँ सेम पैटर्न पर मुंगेरीलाल मैथिल जेकाँ ओकरा ठकू, ओहो ठकेलाक बादे याद करत जे ‘अरे राम! एहि सँ पूर्वो यैह मुंगेरीलाल मैथिल ठकने छल।’

जँ अपन इज्जत सँ कनिकबो लगाव हो तऽ एहन-एहन मुंगेरीलाल मैथिल सँ दूरे टा नहि रहू, सोझाँ पड़य कि मोन पारि दियौक, ‘कि रे मुंगेरी! आइ धरि जतेक बजलें तेकर एको प्रतिशत काजो केलें।’ ओ अपनहि नांगरि सुटका कय दूर रहत।

हरि: हर:!!

अनुरोध: ई कथा-सार पूरा पढलाक बाद अपन प्रतिक्रिया आ सुझाव जरुर व्यक्त करी जाहि सँ पूर्ण कथा लेखन मे लेखक केँ सहयोग भेटत। मैथिली भाषा मे पठन संस्कृति फेर आबि जायत एहि कामनाक संग समस्त युवा मैथिल सँ अपन भाषा पढबाक, लिखबाक आ संवर्धन-प्रवर्धन लेल प्रयास करबाक अनुरोध करैत छी।