बात कम काज बेसी – ग्लोबल मैथिल केर विशेष परिचय

ग्लोबल मैथिलः काज बेसी बात कम

मानवीय संसारक वर्तमान ग्लोबल विलेज केर लोकप्रियता मैथिलीभाषी-मिथिलावासी लेल सेहो ‘ग्लोबल मैथिल’ केर नाम सँ साकार होइत देखा रहल अछि। मूल रूप सँ ‘शाश्वत मिथिला आ माँ जानकी सेवा समिति, अहमदाबाद’ केर कुशल संचालकगण द्वारा परिकल्पित ‘ग्लोबल मैथिल’ केर परिकल्पना २०१९ ई. मे आयोजित ‘अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव’ केर जनादेश-फलादेश केँ मूर्तरूप देबाक योजना थिक। ओना एकर बीजारोपण २०१८ ई. मे तहिये भऽ गेल जहिया शाश्वत मिथिला, अहमदाबाद द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव आयोजित करबाक निर्णय कयल गेल छल। डिजिटल संसार मे एहि नाम सँ खुजल व्हाट्सअप समूह केर तिथि ओना २५ दिसम्बर २०१८ थिक। २०१९ केर फरवरी २ तारीख केँ महोत्सव आयोजित भेल छल जाहि मे उद्यमिताक विकास संग कला-संस्कृति आ भाषा-साहित्यक एवं मैथिल समाजक समग्र हित पर आधारित चिन्तन, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक आयोजन, सम्मान वितरण सहितक अनेकों महत्वपूर्ण कार्यक्रम कयल गेल छल।

भारत, नेपाल, अमेरिका व अन्य मुलुक केर प्रतिनिधि लोकनिक सहभागिता मे ई आयोजन केँ मैथिली-मिथिलाक वास्ते नव प्राणतत्त्व रूप मे देखल-गानल जाइत अछि। अहमदाबाद, गांधीनगर, बड़ौदा, मुम्बई, दिल्ली, पटना, दरभंगा, गुआहाटी, बंगलुरु, नागपुर, जयपुर, इलाहाबाद, आदि अनेकौं स्थान सँ प्रतिनिधि लोकनिक सहभागिता मे सम्पन्न उपरोक्त अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली महोत्सव मे मैथिल पहिचान केँ वैश्विक पहिचानक बराबरी मे बढेबाक महात्वाकांक्षी योजना छल। एकरा साकार कयलनि आयोजक संस्था आ आयोजक राज्य गुजरात मे कार्यरत मैथिल ब्युरोक्रेट्स, इन्डस्ट्रियलिस्ट्स, प्रोफेशनल्स आर प्राइवेट सेक्टर मे सेहो महारत हासिल कएने अनेकों नामी हस्ती लोकनि। राज्यक मुख्य सचिव जे. एन. सिंह, डीजीपी शिवानन्द झा, एनएसआईसी केर क्षेत्रीय निदेशक प्रभात झा, सीईडी गुजरात प्रमुख डा. रामनाथ प्रसाद, प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय उद्यमी-व्यवसायी अजय झा, नेपालक सांसद एवं पूर्व मंत्री अनिल झा, पूर्व मुख्य न्यायाधीश (पटना हाईकोर्ट) धरणीधर झा, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, मुम्बई स्टौक एक्सचेन्ज केर डायरेक्टर अजय झा सहित अनेकों प्रख्यात नाम एहि महोत्सव मे उपस्थित भऽ मैथिल पहिचान केँ वैश्विक परिवेश मे उच्च स्थान पर पहुँचेबाक लेल प्रतिबद्धता प्रकट कयलनि। आर एहि अति महत्वपूर्ण आयोजनक जनादेश-फलादेश केर रूप मे जन्म लैत अछि “ग्लोबल मैथिल” समूह।

एहि समूह मे हाल धरि विश्व भरिक कुल ७० गोट नाम जुड़ि चुकल छथि आर नव-नव नाम जुड़बाक सिलसिला जारी अछि। सौंसे संसार मे मैथिल कतय-कतय आ कोन-कोन रूप मे अपन मौलिक पहिचान केँ ससम्मान स्थापित कएने छथि आर ओ लोकनि कोन तरहें अपन मातृभूमि मिथिलाक सम्मान केँ आरो ऊंचाई धरि पहुँचेबाक लेल तत्पर व प्रतिबद्ध छथि तेकरे नाम थिक “ग्लोबल मैथिल”।

आउ एक नजरि मे देखी जे ग्लोबल मैथिल केर ऑब्जेक्टिव्स आर डायरेक्शन्स मे कोन तरहक विषय समेटल जा रहल अछि –

१. बिस्फ़ी मे महाकवि विद्यापतिजी केर नाम पर राष्ट्रीय स्मारक केर निर्माणक परिकल्पना आ प्रयास –

एहि मे कतहु दुइ मत नहि अछि जे आइ विश्व भरि मे मैथिल पहिचान केँ ससम्मान चिन्हेनिहार एकटा अभूतपूर्व छवि छथि महाकवि विद्यापति। अपन रचनाधर्मिता सँ जन-जन केर कंठ मे विराजमान विद्यापतिक राष्ट्र प्रति समर्पण सँ लैत भक्ति प्रसंग आ वीर गाथा सब किछु ओतबे प्रसिद्ध अछि। मुदा हुनक मूल डीह पर विरानगी-शून्यता मैथिल पहिचानक प्रतिष्ठाक चाँद मे कलंकक दाग जेकाँ देखाइत अछि, अतः एहि ठाम राष्ट्रीय स्तरक स्मारकक निर्माण लेल पहिल निर्णय लेल गेल अछि। स्मारकक नक्शा आ स्ट्रक्चरल ड्राविंग संग अनुमानित खर्च आ अपेक्षित सहयोगीक सूची सहित प्रारम्भिक कार्य सम्पन्न कयल जा चुकल अछि। सम्बन्धित राज्य सरकारक निकाय संग केन्द्र सरकारक निकाय मे सेहो एहि निर्माण कार्य लेल आवश्यक अनुमति संग उचित सहकार्य लेल उचित स्रोत व्यक्ति लोकनिक माध्यम सँ बातचीत आगू बढाओल गेल अछि। बहुत जल्द निर्माणकार्य आरम्भ करबाक अपेक्षा पूरा होयत।

२. मिथिला-मैथिली सँ जुड़ल संस्थाक बीच समन्वय हेतु प्रयास –

ग्लोबल मैथिल द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष शोध, खोज, अध्ययन सँ प्राप्त विवरण कहैत अछि जे मैथिल समुदाय आइ विश्व मे कोनो अन्य विकसित समुदाय सँ पाछाँ नहि छथि। लेकिन संगठनात्मक एकता आ सहकार्यक अभाव मे एकटा रिक्त स्थान बनि जेबाक कारण माहौल मे नैराश्यता अछि। यदि एहि रिक्तता केँ उचित सहकार्य सँ भरबाक कार्य होयत तँ परिणाम निश्चिते सकारात्मक आ सफलताक रूप मे आओत। एहि लेल विगत २ वर्ष सँ विभिन्न संस्था संग समन्वय आ सहकार्यक माहौल बनबैत उपलब्धिमूलक कार्य सब सम्पादित करैत उल्लेख्य सफलता हासिल सेहो कयल गेल अछि। एकर कय गोट उदाहरण छैक, यथा – अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल संस्था सम्मेलन सँ सब केँ जोड़बाक अवधारणा पर चेतना समितिक अगुवाई मे प्रयास, अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगर, विश्व मैथिल सम्मेलन दिल्ली (जे कोरोनाक कारण लम्बित अछि), अहमदाबाद केर २०२० केर सम्मेलन, हालहि संपन्न वेबिनार मे संस्था प्रमुख लोकनि संग विमर्श आ भविष्यक योजनाक क्रियान्वयन ऊपर चर्चा, आदि। विभिन्न स्थान पर कार्यरत विभिन्न संस्था आ महत्वपूर्ण व्यक्तित्व सब केँ जोड़बाक कार्य निरन्तर आगू बढि रहल अछि।

उपरोक्त दुइ महत्वपूर्ण विन्दुक अलावे ‘ग्लोबल मैथिल’ केर अर्जुन दृष्टि निम्न विषय पर केन्द्रित रहि आगू बढि रहल अछि –

१. सामाजिक आ सांस्कृतिक संस्थाक भविष्यक दशा-दिशा पर निरंतर विमर्श

२. नव जनरेशन के अपेक्षा आ भावनाक अनुरूप समुचित बदलाबक संभावना पर विमर्श तथा अनुपालन

३. मिथिलाक विकासक लेल समग्रता आ उन्मुक्ततासँ चर्चा

४. संस्थाक सोच आ कार्यप्रणाली मे विरासत आ आधुनिकताक संगमक आयाम पर विमर्श आ काज

५. अनछुआ पहलु सब पर सेहो खुला मोन सँ चर्च – मानव आ सामाजिक हर पहलु पर चर्चा एतय संभव होमय। मैथिलीक प्रमुखता मुदा अन्य भाषाक प्रति ओहने सम्मान।

६. संस्थागत कार्यक्रम मे लोकहित सँ जुड़ल गतिविधिक समावेश जेना (उद्यमिता, जॉब फेयर, मिथिला-मैथिली आधारित क्विज कॉम्पिटिशन, सामाजिक कुरीतिक उन्मूलन, सरकारक लोकोपयोगी स्कीमसँ लोककेँ जागरूक करेनाय, मैथिल गरीब बच्चाकेँ economic weaker सेक्शन स्कीम तहत नामांकन में मदद आदि)

७. संस्था १००% अराजनैतिक रहए मुदा राजनीति मे रुचि रखनिहार हेतु यथोचित वातावरण बनेनाइ एकर लक्ष्य रहए। ई बाध्यता नहि मुदा नजरिया बदलबाक बात थिकैक। यदि किनको आगू बढाबय में समाज सहभागी नै रहतै त’ हमेशा पिछलग्गू बनि क’ रहए पड़त। अतः मैथिल पहिचान केँ राजनैतिक तौर पर कतय आ कोन रूप मे सम्वर्धन-प्रवर्धनक जरूरत अछि ताहि पर उचित परामर्शक संग निष्पक्ष भावना सँ योगदान देल जायत। सोच मैथिल सब क्षेत्रमे आगू बढथि।

८.संस्था केँ प्रति लोकक उद्गार, सहयोग आ सम्मान कोना बढ़य ताहि पर चिंतन। समाजक लेल संस्थाक सार्थकता आ प्रासंगिकता बनेनाइ।

९. वृहत काज लेल कोना सब संस्था संग बीच सहकार्य कयल जाय, ताहि लेल टारगेट निर्धारण। चाहे ओ मैथिली केँ बिहारक शिक्षा मे समुचित स्थान दियेबाक बात हो, मिथिला विकास बोर्ड हेतु सहयोगक बात हो, कोनो आन्दोलन केँ बैक-अप देबाक जरूरत हो, या फेर समय-समय पर एहि समूह सँ जिनका जेहेन अपेक्षा हो, ताहि पर ‘ग्लोबल मैथिल’ परिवार एकटा सहमति बनबैत योगदान देत।

१०. पर्यटन विकास या अन्य तरहक लगानी लेल सहकारिताक विकास – आर्थिक गतिविधि बिना कोनो समूह लेल दीर्घकालीन संचालन संभव नहि होयत। ताहि कारण ग्लोबल मैथिल आर्थिक कोष व्यवस्थापन लेल सहकारिता संस्थानक तर्ज पर पूंजी निर्माण, लगानी आ आयार्जन लेल सेहो उचित वातावरण बनायत, सदस्य अथवा गैर-सदस्य सँ शेयर लगानीक मार्फत पूँजी कय आयार्जनक लेल सेहो छोट-छोट प्रतिष्ठान संचालित करय त नीक बात।