अलग मिथिला राज्य संभव नहि अछि: गृह मंत्रालय

विशेष रिपोर्ट

भारतीय गृह मंत्रालयक वेबसाइट मार्फत् मिथिला राज्यक एक समर्थक आ स्वराज्य लेल उत्सुक युवक एकटा शिकायत पठौने छलाह। पंजियन संख्या MINHA/E/2013/01470 – शिकायतकर्ता श्याम झा, नव दिल्ली, शिकायत पेबाक तारीख ३० जुलाई, २०१३ तथा पठायल शिकायत निम्न रूप मे छल।

no mithila“चूँकि बिहार सरकार उत्तरी बिहार (मिथिला) मे बाढिक प्रकोप केँ नियंत्रित नहि कय सकल, लोक आजीविका लेल पलायन करैत अछि, क्षेत्र मे विकास उपेक्षित अछि, विगत मे डैम बनेबा लेल आबंटित कोष केँ दोसर राज्य मे बिहार सरकारक चुप्पीक कारण पठा देल गेल, बाढि नियंत्रण पर खर्च लेल आबंटित कोष अन्य मद मे खर्च कय देल गेल, नव शैक्षणिक संस्थान गंगाक दक्षिण मे खोलल जा रहल अछि वा उत्तर सँ दक्षिण स्थानान्तरित कैल जा रहल अछि, मिथिला मे औद्योगिक परियोजना आदि नहि खोलल जा रहल अछि, बिहार सरकार द्वारा पिछला ६६ वर्ष मे बिजली नहि उपलब्ध करेबाक कारणे छोट स्तरक उद्योग आदि फैल-फूलि नहि सकल, कृषि आधारित उद्योग केँ सेहो अपने-आप मरय लेल छोड़ि देल गेल, कोनो कोषक उपलब्धता पूर्वाग्रह सँ ग्रसित रहल, मिथिलाक विकास दर ऋणात्मक रहल, बुनियादी सुविधा एतुका लोक केँ सरकार द्वारा उपलब्ध नहि करायल जा सकल, वगैर सरकारी सहयोगक एतुका भाषा, संस्कृति आ साहित्य सेहो विडंबनापूर्ण रहल, बेरोजगारी चरम पर रहल, पूलिस प्रशासन बदतर रहल, सरकारी भवन पूर्णरूपेण जीर्ण अछि, विद्यालय तथा महाविद्यालय अव्यवस्थित अछि, कक्षा मे पढाई न्युन आ गौण अछि, बच्चा कूपोषणक शिकार अछि, महिला असुरक्षित अछि… सब किछु भगवानहि भरोसे छोड़ल बुझाइत अछि। हम सब स्वयं आब सब व्यवस्था करय लेल चाहैत छी। हमरा सबकेँ मिथिला, एक अलग राज्यक रूप मे भारतीय गणतंत्र मे चाही।”
एकर जबाब १२ मई, २०१५ केँ गृह मंत्रालय द्वारा देल गेल जे “मिथिला राज्य पृथक नहि कैल जा सकैत अछि”। एहि जबाबक संग उपरोक्त शिकायत केँ ‘केस क्लोज्ड’ कहि शिकायत प्रेषणकर्ता केँ जानकारी करा देल गेल अछि। ध्यातव्य हो जे शिकायत मे जाहि-जाहि कमजोरी केँ दरसाओल गेल अछि वैह आधारविन्दु थीक राज्य अलग करेबाक, गृह मंत्रालय – भारत सरकार एहि शिकायत पर आरो कोनो दृष्टिकोण सँ ध्यान देलक आ कि नहि ई एकटा आगाँक उत्सुकता बढबैत अछि। तहिना एहि समस्त विन्दु पर जनप्रतिनिधि लोकनि कतेक सजग छथि आ ओ अपन क्षेत्रक विपन्नता लेल कोना योजना बनबैत छथि, अहु दिशा मे गंभीर संकेत भेटैत अछि। प्रसन्नताक बात कहि सकैत छी जे वर्तमान युवा पीढी मे एहि तरहक जागरुकता जे भारत सरकारक सब संयंत्र मे विषय प्रवेश करेबाक लेल समुचित उपलब्ध साधनक उपयोग कय रहल अछि आ निश्चित रूप सँ मिथिला राज्यक सपना सब कियो देखि रहल अछि। कतय मिथिला पहिने मिथिलादेश कहाइत छल, कतय आइ ई एकटा राज्य केर स्वरूप तक नहि निर्वाह कय सकल अछि। ई लज्जास्पद आ कलंक हर मैथिल नेतृत्वकर्ता पर आ जनमानस पर कायम अछि जे भारतवर्षक निर्मात्री भूगोल आइ स्वयं भारतीय संविधान अन्तर्गत एकटा राज्यक दर्जा नहि पाबि सकल अछि। देरी जतेक होइ राज्य बनय मे, मुदा युवा शक्तिक एहि आकांक्षा आ प्रयास केँ मैथिली जिन्दाबादक संपूर्ण कार्यसमूहक तरफ सँ बेर-बेर नमन अछि। मैथिली जिन्दाबाद!! मिथिला जिन्दाबाद!!