कोरोना – प्रकृति द्वारा पूर्वस्थिति मे वापसीक निरन्तरता

कोरोना – Continuous Roll Back By Nature

(कोरोनाः प्रकृतिक पूर्वस्थिति मे वापसीक निरंतरता)

– देवांशी चौधरी, बी-टेक (प्रथम वर्ष), वीआईटी युनिवर्सिटी, वेल्लोर

बहुत अजीब लागि रहल अछि हमरा ई सोचिकय जे काल्हि तक जे दुनिया भरिक लोक अलग-अलग विषय मे अपन-अपन अलग-अलग राय द’ क’ लड़ैत रहय pro-CAA anti-CAA, हिन्दू-मुस्लिम, रोनाल्डो-मेशी, आदि मुद्दा पर, आइ उएह सब एकजूट भ’ क’ लड़ि रहल छै बस एकटा कोरोना नामक चीज के खिलाफ।

दिन सब जेना-जेना बितैत जा रहल अछि, तहिना-तहिना हमर ई बात पर यकीन बढल जा रहल अछि जे कोविड-१९ हमरा सब केँ सिखाबय लेल एकटा प्रकृति केर सबक थिकैक। एकटा न्यूज रिपोर्ट मे हम पढलियैक जे lockdown (तालाबन्दी) केर कारण पृथ्वी पर नाइट्रोजन लेवल बहुत भारी मात्रा सँ नीचाँ पहुँचि गेल छैक। प्रकृति अपना आप केँ सैनिटाइज (स्वच्छ) करय मे लागल अछि। एहि सँ हमर इएह सीख लेलियैक।

कोरोना प्रकृति केर तरफ सँ एकटा हमरा सब लेल उपहार सेहो थिकैक। बाहरक भगदड़ सँ बचिकय किछु समय अपन परिवार संग घर पर बितेबात एकटा अनमोल अवसर। केकरो अन्दर दम नहि रहैक जे अपन व्यस्त जीवन सँ किछु दिनक छुट्टी मांगि सकैत अपन मालिक सँ, लेकिन एहि संसारक मालिक केँ शायद बिना मंगनहिये दय के आदति छैक त उएह सही!

कोरोनाक कारण आइ जनता केँ एकटा मौका भेटलैक जाहि मे ओ नीक आ खराब गवर्नमेन्ट (सरकार) मे फरक कय सकतै। कठिन परिस्थिति मे कि कदम उठबैत छैक गवर्नमेन्ट ई जनता सब केँ ऐगला चुनाव मे फैसला करय मे मदत करतय।

कोरोना प्रायः बूढ़-बुजुर्गक जान लय रहल अछि, त भ’ सकैत छैक जे प्रकृति आदमी केँ एवरेज लाइफ स्पैन (आयु विस्तार) कम करय मे लागल अछि। ओनाहू मनुष्य बहुत किछु करि नहि रहल छैक, एतेक-एतेक दिन धरि जीबिकय प्रकृतिक लेल।

बहुत जगह सुनलियैक जे कोरोना बैट-सुप (चमगादड़क मांसक झोर) सँ उत्पन्न भेलैक, त हमर ई माननाय अछि जे प्रकृति आब अपन जानवर सब केँ विनाश करबाक बदला हमरा सब सँ लय रहल अछि जानवरहि केर थ्रू (माध्यमे)। Now it’s revenge time!

और अन्त मे जे आखिरी एकटा सबक कोरोना देलक हमरा ओ ई छियैक जे कोरोना एकटा नियम बना देलकय हमरा सब लय, जेकर अनुसार कियो केकरो कखनहुँ नहि छूतैक; कियैक तँ ओनाहू छुआछुत केर विधान त रहबे करय मनुष्यक पास, त आब नीके सँ ओकर पालन कयल जायत।