१७म अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन
(रिपोर्ट)
१७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगर मे अपार जनसहभागिताक संग सम्पन्न भेल
मैथिली भाषा आ साहित्य अति प्राचीन अछि। ज्योतिरिश्वर ठाकुर, विद्यापति, कविश्वर चन्दा लगायत कतेको रास साहित्यकार, कवि, विद्वान् लेखक आ विचारक द्वारा मैथिली पोषित रहल। नेपाल आ भारत मे बाजल जायवला भाषा मैथिलीक इतिहास अत्यन्त समृद्ध अछि। मैथिलीक प्राचीन पान्डुलिपि नेपाल मे सुरक्षित भेटल। विद्यापति आ ज्योतिरिश्वरक कार्यक्षेत्र नेपाल रहल। ताहि नेपालक प्रदेश १ केर राजधानी विराटनगर मे १७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन अभूतपूर्व जनसहभागिता संग सम्पन्न भेल।
पुस ६ आ ७ गते विराटनगरक हाटखोला मैदान तथा जानकी सदनक रजत सभागार मे एक संग ई आयोजन भिन्न-भिन्न सत्र मे पूरा भेल अछि। करीब ३०० प्रतिनिधिक सहभागिता नेपाल, भारत आ अन्य देश सँ देखल गेल। भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज केर समृद्धिक उत्सवक रूप मे आयोजित एहि सम्मेलन मे सौ सँ अधिक विशिष्ट लोक केँ सम्मानित कयल गेलनि। विद्वत् विमर्श, कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आ झाँकी प्रस्तुति सँ भरल एहि दुइ दिवसीय आयोजन मे अलग-अलग कार्यक्रमक प्रस्तुति भेल छल।
हाटखोला मैदान मे २० गोट स्टाल लगायल गेल जाहि मे मिथिला चित्रकला, हस्तकला, कृषि वैज्ञानिक उपकरण, खानपान, तयारी चाउचाउ, बिस्कुट, प्रदेश १ सरकारक पर्यटन सूचना, पुस्तक आदिक प्रदर्शनी बिक्री कयल गेल। एहि सम्मेलन मे प्रदेश १ केर सामाजिक विकास मंत्री जीवन घिमिरे सम्मेलनक पहिल सत्र शोभा-यात्रा मे भाग लैत त्रिमूर्ति चौकपर महाकवि स्मृति सभाक उद्घाटन कयलनि। तहिना हाटखोला मैदान मे उद्घाटन सत्रक मुख्य अतिथि तत्कालीन उपप्रधान, कानून तथा न्याय मंत्री उपेन्द्र यादव छलाह।
कार्यक्रमक दोसर दिनक मुख्य अतिथि प्रदेश १ केर पर्यटन, उद्योग, वन तथा वातावरण मंत्री जगदीश कुसियैत केर सान्निध्य मे विशिष्ट व्यक्तित्व केँ सम्मानित कयल गेल। जानकी सदन मे आयोजित सत्रवार विद्वत विमर्श मे प्राज्ञ रमेश रंजन झा, डा. राम अवतार यादव, डा. योगेन्द्र प्रसाद यादव एवं भाषा आयोगक अध्यक्ष डा. लबदेव अवस्थी केर विशिष्ट उपस्थिति छल। एकर अतिरिक्त भारत सँ पूर्व शिक्षा मंत्री डा. राम लषण राम ‘रमण’, अमैस अध्यक्ष डा. महेन्द्र नारायण राम, डा. बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’, अमैस नेपाल संयोजक डॉ रामभरोस कापड़ि भ्रमर, अखिल भारतीय मिथिला संघ (दिल्ली) केर अध्यक्ष विजयचन्द्र झा, प्रेमकान्त चौधरी, राजकिशोर झा, सुमन खाँ समाज, राम कुमार सिंह, रामनारायण देव, परमेश्वर कापड़ि, जीवनाथ चौधरी, श्यामसुन्दर शशि, सुजीत झा, सतीश दत्त, कमलाकांत झा आदि संस्था प्रमुख लोकनिक सहभागिता सम्मेलन लेल विशेष रहल।
तहिना अमेरिका सँ सम्मानित व्यक्तित्व अजय झा केँ प्रतिनिधित्व करैत हुनक धर्मपत्नी नीरा झा आ मारिशस सँ डा. अनुभूति केर उपस्थिति सेहो विशेष भेल। अमेरिका मे कार्यरत वैज्ञानिक डा. संतोष मिश्र केर सम्मान ग्रहण करबाक लेल नई दिल्ली सँ विजय मिश्र भाग लेलनि। अन्त मे १० बुंदे घोषणा पत्र जारी करैत सम्मेलनक आगामी आयोजन भारतक वृन्दावन मे करबाक निर्णय संग ई १७म् अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन समापन कयल गेल।
कि सब मांग कयल गेल अछि १० बुंदे घोषणापत्र सँ
17म अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन सम्पन्न
10 बुन्दा घोषणापत्र जारी
संघीय नेपालक प्रदेश 1 केर राजधानी विराटनगर में 2076 पुस 6 आ 7 गते तदनुसार 22 आ 23 दिसम्बर धरि चलल। 17म अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन पश्चात सार्वजनिक कयल गेल घोषणापत्र –
1. नेपाल में दोसर सब सँ बेसी बाजल जायवला भाषा मैथिली भाषा केँ संघीय नेपालक नेपाली संगहि मैथिली सरकारी कामकाजक भाषा बनाओल जाय।
2. प्राथमिक विद्यालय में मातृभाषा के लागू कराबय लेल स्पष्ट नीति बनाओल जाय संगहि विषय शिक्षक के नियुक्ति कयल जाय।
3. प्राथमिक विद्यालय में पढाओल जायवला विषयवस्तु एवं शिक्षण प्रणाली के बालमैत्री एवं बाल मनोविज्ञान आधारित बनाओल जाय।
4. संघीय आ प्रादेशिक स्तर पर मैथिली अकादमी गठन कयल जाय जाहि में मैथिली भाषा, साहित्य कला, संस्कृति संगहि मिथिलाक लोकगाथा, प्रदर्शनकलाक संरक्षण, सम्वर्धन, अध्ययन, अनुसंधान सहितक प्रकाशन आदि कार्य लेल पर्याप्त बजेट विनियोजन कयल जाय।
5. कलाकार, साहित्यकार, चित्रकार, आदिक हेतु आजीविका अनुदान एवं स्वास्थ्य बीमा कयल जाय।
6. मैथिली भाषी बहुल्य प्रदेश 1 आ 2 में पर्यटन प्रवर्धन एवं सांस्कृतिक सम्वर्धन हेतु सरकारी स्तरपर “मिथिलाग्राम” योजना लाओल जाय।
7. मिथिलाक्षर पुनरुत्थानक लेल संघीय सरकार एवं प्रादेशिक सरकार मिथिलाक्षर शिक्षा आ मिथिलाक्षर में पुस्तक प्रकाशन करय।
8. मैथिली भाषी बहुल्य प्रदेश 1 आ प्रदेश 2 क त्रिभुवन विश्विद्यालय, पूर्वांचल, राजर्षि जनक, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय सभक आंगिक महाविद्यालय (कैम्पस) सभमे स्नातकोत्तर धरिक शिक्षण व्यवस्था कयल जाय।
9. मिथिला चित्रकला के बाजारीकरण, विश्वव्यावसायिकरण हेतु संघीय आ प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान आ सहजीकरण के व्यवस्था कयल जाय।
10. प्रदेश 1 आ 2 में प्रदेश स्तरीय नाट्य रंगशाला एवं मिथिला आर्ट गैलरी के स्थापना कयल जाय।
आभार: घोषणापत्र जारी कयनिहार सुपरिवेक्षक समिति श्री जीवनाथ चौधरी, श्री श्यामसुंदर शशि, श्री रामरीझन यादव व श्री सुजीत झा
अभूतपूर्व छल शोभा-यात्रा – नगर-परिक्रमा
हजारों महिला तथा पुरुष मिथिलाक पहिरन मे सजि-धजिकय संसारीमाईस्थान सँ त्रिमूर्ति चौक (बरगाछी) धरिक शोभायात्रा मे भाग लेलनि। एहि शोभायात्रा मे जनक, जानकी, विद्यापति आ सलहेशक संग मिथिलाक सांस्कृतिक पहिचानक प्रतीक पान, माछ आ मखान संग दही आदिक शुभकारी तस्वीर संग ढोल-पिपही, भार-भरिया, नारदी कीर्तन, पारम्परिक कीर्तन, झरी-झरी, साइकिल यात्री, मुशहर समुदाय, गनगाईं समुदाय, संथाल समुदाय, राजवंशी समुदाय विशेषक विभिन्न झाँकी सहित कलश यात्राक झाँकी आर समस्त सहभागी प्रतिनिधिक संग करीब ५ किलोमीटर केर यात्रा अति विशिष्ट भेल। एहि यात्रा मे सामाजिक विकास मंत्री (प्रदेश १) जीवन घिमिरे सेहो किछु दूर संगे चलिकय अपन सदाशयता व्यक्त कयलनि।
उद्घाटन कयलनि उपप्रधान, कानून तथा न्याय मंत्री उपेन्द्र यादव
देश-विदेश सँ आयल सैकड़ों प्रतिनिधि पाहुन तथा आमन्त्रित विशिष्ट अतिथिक संग एहि १७म् अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनक उद्घाटन दीप प्रज्वलित करैत कयलनि। वितीशा ओ प्रतिभा द्वारा प्रस्तुत भैरवि वन्दनाक नृत्य उपरान्त राष्ट्रगीत आ स्वागत गीत संग अभियान गीत सेहो एहि सत्रक विशेष प्रस्तुति छल। सोच नेपाल केर लोककलाकार द्वारा झरी-झरी केर प्रस्तुति अति विशिष्ट छल। गन्गाईं समुदाय द्वारा विदापत नाच आ धनपालथान सँ दर्जनों संख्या मे आयलि लोककलाकार द्वारा झुम्मर गानक प्रस्तुति सेहो उद्घाटन सत्रक खास होयबाक तथ्य केँ सिद्ध कयलक। एहि छोट-छोट झाँकी प्रस्तुतिक संग वक्ता लोकनिक विचार सेहो अबैत रहल।
उपप्रधानमंत्री यादव मैथिली भाषा आ मिथिला संस्कृति केर प्राचीनता जगविदित होयबाक बात कहलनि। परञ्च एकल भाषा नीति केर हावी होयबाक चलते मैथिली सहित विभिन्न मातृभाषा पाछाँ पड़ि जेबाक बात कहैत एहि दिशा मे अभियान चलाकय न्याय पेबाक प्रेरणा ओ सम्मेलनक प्रतिनिधि सहित आमजन केँ देलनि। ओ कहलनि जे जा धरि कोनो भाषा केँ सरकारी कामकाजक भाषा नहि बनायल जाइछ, रोजी-रोजगारक भाषा नहि बनायल जाइछ, ता धरि ओकर अस्तित्वक रक्षा संभव नहि छैक। एहि लेल अभियान चलाकय मैथिली केँ मजबूत करबाक आवश्यकता अछि। स्वयं अपन सहयोग लेल वचनबद्धता प्रकट करैत सम्मेलनक सफलता लेल शुभकामना सेहो देलनि।
बिहारक पूर्व शिक्षा मंत्री डा. राम लषण राम ‘रमण’ सेहो अपन वक्तव्य मे सम्मेलनक सफलता लेल शुभकामना देलनि। तहिना मधेशी आयोग प्रमुख विजय दत्त सेहो अपन संछिप्त मन्तव्य मे भाषा आ साहित्यक संग समाजक सम्बन्ध पर प्रकाश दैत सम्मेलन सफलता पेबाक शुभकामना देलनि।
एहि सत्रक संचालन किसलय कृष्ण, अध्यक्षता आयोजक संस्था मैथिली एसोसिएशन नेपालक अध्यक्ष प्रवीण नारायण चौधरी तथा स्वागत संबोधन स्वागताध्यक्षत्रय तेजलाल कर्ण, पंकज वर्मा ओ जीवानन्द झा देलनि। मिथिलाक आर्थिक विकास आ संस्कृति-साहित्यक संरक्षण लेल अहमदाबाद सँ आयल पाहुन राजकिशोर झा अपन ओजपूर्ण मन्तव्य रखलनि। प्रतिकूल मौसमक कारण कार्यक्रम देरी सँ आरम्भ भेल जाहि मे कतेको लोकक प्रस्तुति आखिरकार नहि लेल जा सकल, सम्मान प्रदान करबाक कार्यक्रम सेहो आधा-अधूरा मात्र संभव भऽ सकल। तथापि समग्रता मे कार्यक्रम सफल हेबाक प्रतिक्रिया प्रतिभागी लोकनि देलनि।
सम्मेलनक दोसर दिन – कोन-कोन विषय पर विद्वत विमर्श भेल
सम्मानित व्यक्तिक व्यक्तित्व पर कुमुदानन्द झा प्रियवर, सतीश दत्त, डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू, राम सागर पंडित, डा. रामभरोस कापड़ि भ्रमर, नीरा झा द्वारा प्रकाश देल गेल छल। मोरंग आ प्रदेश १ मे मैथिलीक इतिहास विषय पर रामनारायण देव केर व्याख्यान आयल। तदोपरान्त भाषाक महत्व आ १००% साक्षरता विषय पर प्रा. डा. योगेन्द्र प्रसाद यादव केर व्याख्यान आयल। पुनः रमेश रंजन झाक संचालन आ भाषा आयोग प्रमुख डा. लबदेव अवस्थीक अध्यक्षता मे ‘नेपालक संविधान आ छटपटाइत मातृभाषा’ विषय पर गरमागरम बहस भेल। एहि विमर्श मे राजेश्वर नेपाली, रामरिझन यादव, प्रा. डा. विशाल पोखरेल, आदि विद्वान् लोकनि अपन विचार रखलनि। तदोपरान्त मैथिली भाषाक वर्तमान अवस्था पर संछिप्त टिप्पणी केर विषय मे विभिन्न विद्वान् लोकनि अपन मत रखलाह। किछु आरो महत्वपूर्ण विषय पर विमर्श समयक चाप आ मौसमक प्रतिकूलता सँ देरी सँ आरम्भ होयबाक चक्कर मे छुटि गेल।
कवि-सम्मेलन भेल विशेष
सम्मेलनक दोसर दिन समानान्तर रूप सँ दुइ अलग स्थान पर कार्यक्रम आयोजित छल। पहिल दिन समयक दबाव मे छुटल छल ‘बहुभाषिक कवि सम्मेलन’ से दोसर दिन हाटखोला मैदान मे दिनक ११ बजे आरम्भ भेल। एहि सत्रक संचालन प्रारम्भिक दौर मे वन्दना चौधरी कयलीह। पुनः विकास वत्सनाभ द्वारा संचालन कयल एहि भव्य कवि सम्मेलन मे सुमन समाज, भोगेन्द्र शर्मा ‘निर्मल’, मुकेश पूर्वे, पूनम झा मैथिली, ललिता झा, श्रीराम मंडल, कृष्ण मैथिल, शंभूश्री, रमण धीरू, विद्यानन्द बेदर्दी, रामकुमार मंडल, रघुनाथ मुखिया, कमलेश प्रेमेन्द्र, अर्जुन प्रसाद गुप्ता ‘दर्दीला’, प्रेमकान्त चौधरी, विभा झा, करुणा झा, प्रीति झा, रंजू झा, मंजू मंडल, शान्ति झा, प्रवीण नारायण यादव, गायत्री सिंह, गजेन्द्र गजूर, हृदय नारायण यादव, किसलय कृष्ण, शिव नारायण पंडित सिंगल व अन्य कवि लोकनि अपन सुन्दर काव्य पाठ कएने छलाह। तहिना नेपाली भाषा एक सुन्दर गजल मधू पोखरेल प्रस्तुत कयलनि।
काव्य संग-संग गायनक सेहो भेल प्रस्तुति
दोसर दिन हाटखोलाक मुक्ताकाश मे १७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनक विभिन्न प्रस्तुति एक संग आयोजित भेल। काव्य पाठक बीच वीरेन्द्र झा, रचना झा, कंचन झा, लोककलाकार आ सोच नेपालक विभिन्न कलाकार संग अन्य विभिन्न स्थानीय कलाकार लोकनि अपन सुन्दर गीत सेहो परसैत रहलाह। एहि बीच मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्री जगदीश कुसियैत केर हाथ सँ दर्जनों सम्मानित व्यक्तित्व केँ सम्मान पत्र सेहो हस्तान्तरित कयल गेलनि। सोच नेपाल केर कलाकार द्वारा आजुक विशेष प्रस्तुति पमरिया नाच केर भरपूर सराहना कयल गेल छल। होली गायन आ नृत्य सेहो ओतबे आकर्षक रहल। मैथिली फिल्म पर पूर्णेन्दु झा आ सामाजिक अभियान पर कुन्दन झा केर संबोधन संग मिथिलानी सशक्तीकरण केर विषय पर विभा झा केर संबोधन बहुत ओजपूर्ण रहल। आयोजक दिश सँ पूनम सिंह, वसुन्धरा झा, मंजू मंडल, सुधा ठाकुर, करुणा झा, रंजू झा, प्रीति झा, प्रीति मेहता आदिक सहयोग सँ संचालित दोसर दिनक मंच अत्यन्त सुसज्जित-सुशोभित सब कार्य केँ भव्यता सँ पूरा कयलक।
समापन सत्र मे भीजल आँखि सँ विदाई
१७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनक समापन मे आयोजक संग आगन्तुक प्रतिभागी सब कियो काफी भावुकता सँ एक-दोसर केँ विदाई कयलनि। संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी सब गलती-त्रुटि केँ क्षमा करबाक लेल समदाउनक स्वर मे ‘कहल सुनल सब क्षमा करियौ यौ भोला बाबा, मेटि दियौ सब अपराध’ गाबि भावुक भऽ गेलाह। तहिना पंकज वर्मा, तेजलाल कर्ण, वन्दना चौधरी, किसलय कृष्ण, किशोर चौधरी, कुन्दन मंडल, सुमन समाज, सन्दीप कश्यप, विवेकानन्द झा, आदि समस्त प्रतिभागी लोकनि एक-दोसर केँ सम्मेलनक सफल आयोजन लेल बधाई ज्ञापित करैत भावुकता सँ पुनः ऐगला बेर भेटबाक वचन देलनि। एहि अवसर पर अमैस महासचिव डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू द्वारा १०१ सदस्यीय आयोजन समिति १८म् सम्मेलन लेल मनोनीत कयल जेबाक घोषणा कयलनि जाहि मे कुल ३१ गोट सदस्य नेपाल सँ राखल गेल अछि। अन्त मे अमैस अध्यक्ष डा. महेन्द्र नारायण राम अध्यक्षीय संबोधन मे सब केँ धन्यवाद करैत सम्मेलन केँ समापन घोषणा कयलनि।
१७म अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगर द्वारा सम्मानित व्यक्तित्व लोकनिः
सम्मानक वर्गः मिथिला रत्न
१. श्री राजेश्वर नेपाली, जनकपुर, साहित्य एवं संचारकर्म
२. श्री अजित साह, जनकपुर, मिथिला चित्रकला केर विश्वव्यापीकरण
३. श्री वीरेन्द्र झा, विराटनगर, संगीत
४. डा. आभास लाभ, जनकपुर, संगीत
५. श्री सुरेश पंकज, समस्तीपुर, संगीत
६. श्री विजयचन्द्र झा, दिल्ली, भाषा-संस्कृति संरक्षण अभियान
७. श्री विनोद कुमार झा,महासचिव, मैथिली लेखक संघ, पटना (हालः दिल्ली), – मैथिली भाषा-साहित्य-संस्कृतिक संरक्षणार्थ मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल
८. श्री प्रेमकान्त चौधरी, गुआहाटी, आसाम – पूर्वोत्तर भारत मे मैथिली-मिथिलाक अभियान
९. श्री राजकिशोर झा, अहमदाबाद, पश्चिम भारत मे मैथिली-मिथिलाक अभियान
१०. पंडित मधुकान्त मधुकर (मरणोपरान्त) – अभिनव विद्यापति
११. डा. विभा कुमारी, मधुबनी, भाषा-साहित्य
१२. सुश्री वसुन्धरा झा, विराटनगर, भाषा-संस्कृति-समाजसेवा अभियान
१३. श्री रामरिझन यादव, सिरहा, भाषा-साहित्य-संचारकर्म
१४. माननीय मातृका यादव, पूर्व मंत्री, नेपाल सरकार – मिथिला रत्न सह नागरिक अभिनन्दन (अनुपस्थितिक कारण सम्मान हस्तान्तरण लम्बित)
१५. डा. संतोष मिश्र, अमेरिका, औषधीय विज्ञान मे शोध
१६. श्री अजय झा, अमेरिका – मैथिली-मिथिलाक पहिचान केँ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर सम्मानित करब
१७. श्री राम भजन कामत, विराटनगर – रंगकर्म
१८. सुश्री रचना झा, दरभंगा, संगीत
१९. श्री रमेश रंजन झा, काठमान्डू
२०. श्री सुनील कुमार मल्लिक, जनकपुर
२१. श्री राम नारायण देव, राजविराज
२२. सुश्री काजल कर्ण “मैथिलीदिवा”, अमेरिका
२३. श्रीमती करुणा झा, भाषा-साहित्य और अभियानी, राजविराज
२४. श्री देवेन्द्र मिश्र, भाषा-साहित्य आ शिक्षा मे मैथिली केर अभियान, राजविराज
२५. श्री सुरेन्द्र नारायण यादव, संगीत, पटना
२६. श्री मिलन झा, चेस चैम्पियन, सीतामढी
अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना सम्मानः
१. श्री लक्ष्मीकान्त नेवटिया, विराटनगर (मारवाड़ी)
२. श्री गोपाल अश्क, वीरगंज (भोजपुरी)
३. श्री सुमन पोखरेल, विराटनगर (नेपाली)
४. श्रीमती सरिता तुलाधर, विराटनगर (नेवारी)
५. श्री प्रेमलाल गच्छेदार, विराटनगर (थारू)
६. श्री पवन राजवंशी, झापा (राजवंशी)
७. श्री दीपेन्द्र ठाकुर, मधवापुर, सप्तरी (संस्कृत)
८. श्री धर्मेन्द्र कान्त मिश्र, सुपौल (संस्कृत)
९. सुश्री सारिका मंडल, मोरंग (गनगाईं)
मैथिल कारपोरेट आइकनः
१. श्री सनातन मंडल, संचालक, गोल्डेन अस्पताल, विराटनगर
२. श्री रंजीत झा, निर्माण-व्यवसायी, विराटनगर
३. श्री कुमार पृथु, प्रबन्धक, विराटनगर आँखा अस्पताल, विराटनगर
४. श्री तेजलाल कर्ण, उद्योगपति, विराटनगर
५. श्री पंकज वर्मा, व्यवसायी सह प्रबन्धक, विराटनगर
६. श्रीमती आशा झा, उद्यमी, विराटनगर
७. श्री संतोष चौधरी, संचालक, जानकी पोलिटैंक, विराटनगर
८. श्री भगवान् झा, संचालक, एनआईटी, विराटनगर
९. श्री शैलेन्द्र मोहन झा, संचालक, छिन्नमस्तिका मेडिकल कालेज & अस्पताल, राजविराज
१०. श्री कुमोद झा, संचालक, द ड्रीमलैन्ड (उद्योगपति), विराटनगर
११. श्री मुकेश कुमार झा ‘मुन्ना’, संचालक, राजा ईंटा उद्योग, विराटनगर
१२. श्री कमलेश कर्ण, संचालक, दिव्य-ज्योति अस्पताल, विराटनगर
१३. श्री भरत यादव, संचालक, आधुनिक फर्नीचर, विराटनगर
१४. श्रीमती साधना झा, उद्यमी, विराटनगर
१५. श्री लक्ष्मी यादव, उद्यमी, विराटनगर
१६. श्री जीवानन्द झा, संचालक, कश्यप विद्यापीठ, इनरुवा
१७. श्री बिपीन झा, उद्यमी, विराटनगर
१८. श्री आनन्द मोहन झा, उद्यमी, विराटनगर
१९. श्री सुभाष चन्द्र यादव, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट, विराटनगर
२०. श्री सलीम अंसारी, व्यवसायी सह फिल्म निर्माता, विराटनगर
२१. श्री शंभू नाथ झा, उद्योगपति, काठमांडू
२२. श्रीमती विभा झा, उद्यमी, काठमांडू
२३. श्री कुन्दन झा, उद्यमी, जनकपुर
२४. श्री पूर्णेन्दु झा, फिल्म निर्माता-निर्देशक, जनकपुर
२५. श्री प्रदीप कुमार झा, उद्यमी सह मीडिया संचालक, दिल्ली
२६. डा. रजनीश रंजन, संचालक, तकनीकी शिक्षण संस्थान, सहरसा
२७. श्री नीरज कुमार, उद्योगपति, अहमदाबाद
२८. श्री ललित कुमार झा, उद्यमी, अहमदाबाद
२९. श्री प्रवीण झा, उद्यमी, अहमदाबाद
३०. श्री चंदन कापड़ि, उद्यमी, भारदह
३१. श्री कुन्दन कुमार मंडल ‘पप्पू’, उद्यमी सह फिल्म स्टुडियो संचालक, भारदह
३२. श्री मनीष झा, निर्माण-व्यवसायी, भारदह
३३. श्री आकाश राजभंडारी, संचालक, सहकारिता संस्थान सह मीडिया हाउस, भारदह
३४. श्री राजेश झा, संचालक, शिक्षण संस्थान, विराटनगर
३५. श्री दीपक झा, उद्यमी सह मैथिली संचारकर्मी-प्रकाशक, मुम्बई
३६. श्री कुणाल ठाकुर, फिल्म उद्यमी, मुम्बई
३७. श्री संजीव कश्यप, उद्यमी, दिल्ली
३८. श्री संदीप कश्यप, उद्यमी, सहरसा
३९. श्री रामविलास साह, विराटनगर
४०. श्री भास्कर चौधरी, विराटनगर
विशिष्ट अभियानी सम्मानः
१. श्री विद्यानन्द यादव ‘बेदर्दी’, भाषा-संस्कृति अभियानी सह कवि, राजविराज
२. श्री गजेन्द्र राय ‘गजुर’, भाषा-संस्कृति अभियानी, हनुमाननगर
३. श्री सुभाष यादव ‘वीरपुरिया’, लोकगायन ओ भाषा-संस्कृत अभियानी, राजविराज
४. श्री सुजीत झा, लेखन ओ संचारकर्म, जनकपुर
५. श्री श्याम सुन्दर यादव ‘पथिक’, लेखक-संचारकर्मी, राजविराज
६. श्री राम कुमार सिंह, कवि ओ भाषा-संस्कृति अभियानी
७. श्री संजीव मिथिलाकिङ्कर, संचारकर्मी ओ अभियानी
८. श्री जीवनाथ चौधरी, अभियानी
९. श्री मुन्ना चमन, अभियानी
उत्कृष्ट नागरिक सेवा सम्मान
१. डा. श्याम रौनियार
२. डा. रमेश चौरसिया
३. डा. संगीता मिश्रा
४. डा. नवीन कर्ण
५. डा. तपेश्वरलाल कर्ण
६. डा. प्रदीप गुप्ता
७. डा. सुदन ढकाल
८. डा. सतीश यादव
९. डा. रंजीत यादव
१०. डा. अजय कुमार यादव
११. डा. रम्भा देव
१२. डा. के. एम. गुड्डी
१३. डा. यज्ञराज खरेल
१४. डा. संजय दास
१५. डा. किरण यादव
विशेष सहयोग लेल “सम्मान पत्र”
१. श्री भीम पराजुली, मेयर, विराटनगर
२. श्री राजन मेहता, मेयर, इनरुवा
३. श्री अयुब अन्सारी, अध्यक्ष, कोसी गाउंपालिका
४. श्री सैलेश कुमार साह, मेयर, हनुमाननगर-कंकालिनी नगरपालिका
५. श्री गफ्फार अन्सारी, अध्यक्ष, हरिपुर गाउंपालिका
१७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन केर प्रतिभागी लोकनिक सूची
संयोजकक कलम सँ….
सन्दर्भः १७म अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन – विराटनगर
जानकी जीक चरणक ओ निर्माल वला फूल छल
सबटा नीके होयबाक बात मूल छल
कयलहुँ सभ कार्य नीयत अपन नीक
नियतिक अवस्था नियंत्रण मे नहि रहल
तथापि जतबे भेल से भेल बुझू
मिथिला-मैथिलीक प्रस्तुतिक दहपेल बुझू
एक सँ बढि एक झाँकी
जतुवाक नारदी कीर्तन
आ कि रामजानकी मन्दिरक टोली
वसुन्धराजीक संयोजन मे
उमड़ल सैकड़ों कलश सहितक नारी
रसनचौकी कि झरी-झरी
अत्यन्त रमणीय रहल शोभा-यात्रा
सभक मोन केँ पुलकित कय देलक
लागल जेना स्वयं सियारामजी आ
गौरीशंकर सहित सब देवी-देवता
मना रहला अछि “मिथिला दिवस”!
पूरे विराटनगर मुख्य बाजार होइत
पहुँचि गेलहुँ धरान रोड हाईवे पर
ओतहि आबि गेलाह माननीय मंत्री
ओहो संगे चलिकय सदासयता देखौलनि
पहुँचल काफिला त्रिमूर्ति चौक पर
जतय भाषाशास्त्री महानन्द सापकोटा भाइ
भाइ आदिकवि भानुभक्त आचार्य संगे
स्वयं विराजमान छथि महाकवि कोकिल विद्यापति
नेपालक एकमात्र सौहार्द्रक निशानी थिक ई स्थल
मंत्रीजी सहित सब कियो एतबे बजलाह
मैथिली भाषा आ मिथिला संस्कृति केँ बचेबाक लेल
वचनबद्धता प्रकट कयलनि सब कियो
ई छल पैघ उपलब्धि एहि सम्मेलनक ओपनिंग सेशनक!
तदोपरान्त अव्यवस्थाक झेल भेल
नियतिक देल ठंढाक संग किछेक व्यवस्था फेल भेल
कोहुना-कोहुना पहुँचाओल गेलाह सैकड़ों लोक
हाटखोला मैदान मे जतय महापंडाल लागल छल
स्टाल सब सजाकय राखल छल
मुदा खानपानक स्टाल पर व्यवस्थापक जीतू गोल छल
जीतुओक कोनो दोष नहि
ओकरा स्थानीय लोक गैस चुल्हा नहि जरबय दैक मैदान मे
खुल्ला मैदान मे खाना पकेबाक लेल विरोध भेलैक
ताहि कारण सबटा योजना बिगड़ि गेलैक
समय पर भोजन नहि कराओल जा सकलैक
मुदा धीरे-धीरे सब बात एलैक पटरी पर
कारण मुख्य उद्घाटन सत्र आरम्भ कय देल गेलैक
मुख्य अतिथि उपप्रधान कानून ओ न्याय मंत्री उपेन्द्र यादव छलाह
जे एक दिन पूर्वहि मौसमक अनिश्चित गति केँ भँपैत आबि गेल रहथि
से किसलय कृष्ण जीक संचालन मे जखन शुरू भेलैक सत्र
जानकी जीक कृपा सँ डेढ सौ सँ दुइ सौ लोक केँ बजा लेल गेलनि मंचहि पर
हौ बाबू! तैयो छुटि गेलाह किछु लोक जे मंच पर अबय योग्य रहथि
चलू, कि करबय, राम भरोसे सबटा काज छल से कोहुना सम्हैर गेल
उद्घाटन सत्र केर मंच सजि गेल आ प्रस्तुति सब गजब मनमोहक रहल
वितीशा ओ प्रतिभाक भैरवि वन्दना पर नृत्य
रश्मि रानी, अविनाश ओ रामा मंडल भैयाक स्वागत गीत
तेजलाल भाइजी ओ पंकजजीक स्वागत संबोधन
संयोजक-सह-अध्यक्षक विषय प्रवेश
बीच-बीच मे झुम्मर, झरी-झरी, नारदी कीर्तन, आदि
छोट-छोट मन्तव्यक संग विशाल सम्मान कार्यक्रम
चलैत रहल – चलैत रहल – चलिते रहल….!
आर तेकर बाद संध्याकाल मे भेल सांस्कृतिक कार्यक्रम
मिथिलारत्न सँ सम्मानित “सुरेश पंकज, वीरेन्द्र झा, आभास लाभ”
“रश्मि रानी, अविनाश, संजीव कश्यप, कइएक गायक-गायिका”
आर मंच संचालन मे वन्दनाजीक सहयोग बीच किसलयजी स्वयं
दर्शक दीर्घा मे एक सँ बढिकय एक भूप लोकनि
सब तरहें रातिक दस बजे धरि चलल रहय सांस्कृतिक कार्यक्रम
एम्हर जानकी सदन मे सब अतिथि लोकनि केँ चलि रहल छलन्हि भोजन
राति भरि भेल आरो कतेको कार्यक्रम
सदनक बड़का सभागार मे सब कियो जुटि गेल छलाह
हमहूँ ओतहि रही जतय परमादरणीय कुञ्जबिहारी मिश्र सन गायक
सुरेश पंकज आ केदार कुमर समान गायक
किशोर भैया आ तेजलाल भाइजीक संग किसलय कृष्णजीक संचालन
खूब जमलैक जखन मिलि बैसल रही किछु यार
जीवू बाबूक ओ खिलखिलाहट आ कतेको दर्शक संग
ई छल राति २ बजे धरिक सेशन!!
भोरे ६ बजे सँ चाहक चलल दौर
दोसर दिन दू ठाम कार्यक्रम केर शेड्युल बनेबाक कार्य
किशोर भैयाक संग किसलयजीक सुझाव मे
कोहुना बना सकलहुँ दोसर दिनक कार्यक्रमक शेड्युल
रजत सभागार मे के-के विद्वान कोन-कोन विषय पर बजताह
हाटखोला मैदान मे कखन कि-कि कार्यक्रम कयल जायत
सब बातक एकटा खाका तैयार करैत बाजि गेल दस
नास्ता कयला उपरान्त सब कियो पहुँचि गेलाह सभागार मे
ओतय सब केँ सब जानकारी करबैत आरम्भ भेल सेशन
सम्मानित व्यक्तिक व्यक्तित्व पर राखल गेल विचार
मोरंग आ प्रदेश १ मे मैथिलीक इतिहास पर रामनारायण देव सर
नेपालक संविधान आ छटपटाइत मातृभाषा पर रामरिझन यादव सर
संग मे डा. राम अवतार यादव सर, डा. योगेन्द्र प्रसाद यादव सर,
डा. राम भरोस कापड़ि भ्रमर आ रमेश रंजन झा भाइजी,
मुख्य आतिथ्य रहलनि डा. लबदेव अवस्थी, भाषा आयोग अध्यक्षक
जबरदस्त गरमागरम विमर्श भेल
सब खुलिकय बजलाह आ एकटा निस्तुकी निर्णय कयलनि
१०-बुँदे घोषणापत्र जारी भेल!
ओम्हर हाटखोला मैदान मे वन्दना चौधरी द्वारा संचालन करैत
महिला शक्ति सभ केँ सहभागिता लेल आह्वान
सांस्कृतिक प्रस्तुति आ कवि सम्मेलन मे लगभग १०० कवि
लगातार ११ बजे सँ ५ बजे धरि चलल मिश्रित सत्र
बीच मे २ बजे एलाह प्रमुख अतिथि पर्यटन मंत्री माननीय जगदीश कुसियैत
हुनकर हाथ सँ दियाओल गेल दर्जनों सम्मानित व्यक्ति केँ सम्मान
आर तखन शुरू भेल समापन सत्र
डा. बैजू बाबू महासचिव आ अमैस अध्यक्ष डा. महेन्द्र नारायण राम संग
नेपाल संयोजक डा. रामभरोस कापड़ि भ्रमर सर संग
चेतना समिति पटनाक अध्यक्ष विवेकानन्द झा सर
भारदह सँ पहुँचल सम्मानित स्रष्टा कुन्दन कुमार मंडल भाइ
आयोजक समिति मैथिली एसोसिएशनक सम्पूर्ण कार्यकर्ता
स्वागताध्यक्ष पंकज वर्मा ओ तेजलाल कर्ण जी
सलाहकार रामरिझन यादव सर आ हमर धर्मपत्नी वन्दनाजी
अपूर्व सहयोगी रंजू बहिन, पूनम बहिन, वसुन्धराजी, विभाजी,
ममता कर्णजी, सुमन समाज भाइजी, भाष्कर भाइ,
ओम प्रकाश साह उपाध्यक्षजी, जितेन्द्र ठाकुर पत्रकार भाइ,
अबधेश झा, नेपाल पत्रकार महासंघ केर केन्द्रिय सदस्य,
आर समस्त प्रतिनिधि लोकनि
ताहि बीच सोच-नेपाल केर एक सँ बढिकय एक सांस्कृतिक प्रस्तुति
पमरिया नाच, होली, आदि….
सङ्गोर समूह द्वारा भाषा आ बोलीक बारे जनजागृति करयवला डकुमेन्ट्री
मैथिली फिल्म पर पूर्णेन्दु झा जी द्वारा संबोधन
कुन्दन जी द्वारा युवा पुस्ता केँ भारवहन लेल संकल्प
कतेको रास बात आ कतेको लोकक सम्मान… सब किछु भेल!
अन्त मे कार्यकारिणीक घोषणा कयलनि बैजू बाबू
ऐगला सम्मेलनक स्थान बनल “वृन्दावन”, भारत
हम कल जोड़िकय सब सँ क्षमायाचना कयल
“कहल सुनल सब क्षमा करियौ यौ भोला बाबा मेटी दियौ सब अपराध”
समदाउनिक एक पंक्ति सँ भीजल आँखि विदाह भऽ गेलहुँ!
हरिः हरः!!
केना केना कि भ गेलइ
बुझबो नहि केलियै
नेह जुड़ल एतबे बुझल
आर हम किछु न बुझलियै
मन पवित्र आ नेत सही
से बुझले छल
नियतिक चोटक दर्द
स्नेहवश सब सहलियै
केना केना….
प्रेम करब से करिते रहब
से गछने रही
प्रेमहि भाव मे अपनहुँ
देखलहुँ खूब नहेलियै
केना केना….
निश्छल भाव निःस्वार्थ मित्रता
निमहल ई जीवन
संग अहाँक पाबि हम
देखू तैरियै गेलियै
केना केना….
हरि हर!!