तारा नन्द दास रचित एक अति-अति विशिष्ट मिथिला-वर्णनः संक्षिप्त मिथिला दर्शन

साहित्य-सृजन

– तारा नंद दास, ग्राम- सखवाड़, सरिसवपाही, दरभंगा, बिहार ।

संक्षिप्त मिथिला-दर्शन

सुकृत्य कृत पावन मिथिलाधाम सुसंस्कृत सुंदर श्रेष्ठ महान
एतय अवतरित भेली माँ सीता, राजा जनक समान
एतय एला पाहुन पुरुषोत्तम राम सदृश भगवान
गौतम गेहिनी भेली पावनी पाबि रूप अभिराम
रामचरण रज केर प्रभाव सौं एतहि अहिल्याधाम
पाग प्रतीक एतय सम्मानक माथ पाग मुख पान
पग पग पोखरि एतय भेटत आ अतिथिक बड़ सम्मान
अद्भुत सभा लगय सौराठक एहन ने कोनो ठाम
शुग्गो संस्कृत पाठ पढ़य ई मिथिला केर अभिमान
जतय जन्म लेल कवि कोकिल विद्यापति बिस्फी गाम
ओतहि एला चाकर बनि शंकर विद्यापतिक दलान
याज्ञवल्क्य, गौतम, वाचस्पति, मण्डन सदृश महान
कवि चंदा, मुंशी रघुनंदन, लालदास, कवि शेखर बद्रीक गाम
उदयन शंकर ओ गोकुलसन विद्वानक ई धाम
पंडित सीताराम त्रिलोचन त्रिलोकनाथ विद्वान
गंगानाथ अमरनाथक जोड़ी बड़ प्रतिभावान
गोनूझा सन प्रत्युत्पन्नमति व्यक्ति भेला एहि ठाम
सुमन मधुप ओ अमर किरण सौं पुष्पित ई उद्यान
ईशनाथ मणिपद्म रेणु ओ रामनाथ विद्वान
भट्टकुमारिल ओ दिनकर केर करय विश्व गुणगान
बाबा नागार्जुन, हरिमोहन, नरेंद्रनाथ मतिमान
एतहि अयाची एतहि भारती विदुषी से जग जान
एतहि बसय सुभद्र, दामोदर, उमेश मिश्रक प्राण
ख्याति प्राप्त फुच्चुर ख़लीफ़ा हृष्टपुष्ट बलवान
तंत्रनाथ सन शिक्षोपाशक दुनू उजाने गाम
दास जहूरी ओ दरबारी नटुआ रत्न समान
गायक रामचतुर मल्लिक के जग में हो यशगान
कतेक नाम कहु होयत थोरबहि ई विद्या केर खान
भोर पराती ओ बसंत सन मिथिला में शुभ गान
अछि प्रशस्त एखनहु मिथिला केर माँछ मखान ओ पान
भाषा भाव मधुर मिथिला केर तैं ई विश्व प्रधान
दरिभंगा राजक परिसर तौं दिव्य भव्य स्थान
मधुबन्नी केर चित्रकला खादी जग के नहि जान
राजनगर केर राजमहल तौं रिझबय सकल जहान
महिषी माँ उग्रतारा मंदिर मंडनक जन्म स्थान
एतय बहथि माँ गंगा कोशी गंडक कमला बलान
अन्य अनेकों सरि-सरिता सौं पाटल मिथिलाधाम
कंदर्पी रणभूमि एतय ओ शूरवीर गुणवान
शष्यश्यामला धरा एतय ओ पुष्पित बाग बगान
भव्य भवानीपुर शिव मंदिर उग्रनाथ भगवान
बाबा कुशेश्वर ओ कपिलेश्वर बाबा बिदेश्वर धाम
सीतामढ़ी और उच्चैठक विश्व पटल पर नाम
बाबा सिंघेश्वर और अनेको पावन तीर्थ स्थान
ई मिथिला शिथिला नहि होएती सब मैथिल गतिमान
तारानंद दिव्य पावन मिथिला कें करथि प्रणाम
सुकृत्य कृत पावन मिथिलाधाम सुसंस्कृत सुंदर श्रेष्ठ महान
जै जै जै मिथिलाधाम !!! जै जै जै मिथिलाधाम