स्नातक मे नामांकन आरम्भ, भाषाक विकल्प मे ५० अंक केर मातृभाषा मैथिली रखबाक सुझाव

विचार

– प्रेम मोहन मिश्र

स्नातक प्रथम खंड 2019 -22 के नामांकन प्रारंभ भ रहल अछि। भारतीय संविधान एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्रिभाषा फार्मूला केँ ध्यान में राखि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कएल गैल पाठ्यक्रम के अनुरूप कोनो छात्र केँ प्रथम खंड में पांच पत्रक अध्ययन करबाक छनि। जाहि मे प्रतिष्ठा विषयक दू पत्र, अनुषांगिक विषय क 2 पत्र और एक पत्र भाषा विषय के पढबाक छनि। हिंदी भाषी छात्र केँ 100 अंकक हिंदी राष्ट्रभाषा और अहिंदी भाषी छात्र केँ 50 अंक के राष्ट्रभाषा नन हिंदी एवं 50 अंक के मातृभाषा पढबाक छनि। मिथिला विश्वविद्यालय क्षेत्र के अंतर्गत के निवासी छात्रक मातृभाषा मैथिली अछि। अतएव अहिठामक छात्र-छात्रा लोकनि केँ 50 अंक के राष्ट्रभाषा अहिंदी आ 50 अंक के मातृभाषा मैथिली लेब उचित। अहि क्षेत्रक कोनो विद्यार्थीक मातृभाषा अंग्रेजी नहि भ सकैत अछि। परंतु दुखद बात ई जे मिथिला विश्वविद्यालयक सिलेबस मे मातृभाषाक रूप मे अंग्रेजी लेबाक विकल्प सेहो अछि, पाठ्यक्रम निर्माण समितिक सदस्य लोकनि आगू अहि पर ध्यान देथि से आग्रह।

देखल जाइत अछि जे अज्ञानतावश अधिकांश छात्र मातृभाषा में अंग्रेजी भरैत छथि। मिथिला विश्वविद्यालय के अंतर्गत सब महाविद्यालय के माननीय प्रधानाचार्य, नामांकन प्रभारी एवं काउंटर पर कार्यरत कर्मी सँ अनुरोध करैत छी जे अहि तथ्यक जानकारी छात्र लोकनि केँ देल जाए और तदनुरूप हुनका आवेदन में सुधार करबाल मौका देल जाए। मीडिया बंधु सँ निवेदन जे अहि बातक बेसी सँ बेसी प्रचारित करबा में सहयोग करथु। संगहि मैथिली के शिक्षक लोकनि सँ अनुरोध जे अपना-अपना महाविद्यालय में अहि बातक ध्यान राखी जे मैथिली भाषी छात्र-छात्रा गण मातृभाषा में 50 अंक के मैथिली राखथि । मिथिला विश्वविद्यालय के अतिरिक्त पूर्णिया विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, बिहार विश्वविद्यालय, भागलपुर विश्वविद्यालय, सिद्धू कान्हू विश्व द्यालय आ कोल्हान विश्वविद्यालय में सेहो अहि पर ध्यान देब आवश्यक अछि । छात्र संगठन, मिथिला-मैथिलीक आन्दोलनी संगठन आ ब्यक्ति लोकनि सँ सेहो सहयोगक निवेदन करैत छी।

(प्रेम मोहन मिश्र, संयोजक, मैथिली परामर्श मंडल, साहित्य अकादमी, दिल्ली।)