अमेरिकाक बहुचर्चित मैथिली दिवा युएसए संग अन्तर्वार्ता – हर मैथिली दिवा लेल एक विशेष सन्देश

मैथिली दिवा युएसए संग अन्तर्वार्ता

अन्तर्वार्ता

“मैथिली दिवा युएसए” फेसबुक पेज सँ अन्तर्राष्ट्रीय जगत केर मैथिलीभाषी महिला सब केँ प्रेरणाक संचरण करैत आबि रहली अमेरिकाक डाल्लस-टेक्सस सँ आप्रवासी मैथिल काजल कर्ण संग भेल बातचीतक अंश प्रकाशित करैत हर्ष भऽ रहल अछि। नेपालक संचारक्षेत्र मे विगत किछु समय सँ निरन्तर एकटा समाचार प्रकाश मे अबैत रहल अछि जे “अमेरिका मे मिथिला महोत्सव” केर आयोजन भेल अछि। ५ दिन धरि चलय एहि मिथिला महोत्सव केर मूल बीजारोपण काजल कर्ण द्वारा भेल छल। तदोपरान्त मिथिला चित्रकला क्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार, प्रशिक्षक एवं अभियन्ता अजित शाह संग पूर्ण अवधारणा तैयार कय अमेरिकाक न्युयोर्क मे ई महोत्सव संयुक्त राष्ट्रसंघ केर स्थायी नियोग तथा मिथिला आर्ट एन्ड कल्चर सेन्टर केर संयुक्त तत्त्वावधान मे नेपाल राजदूतावास, नेपाल टुरिज्म बोर्ड व विभिन्न देशक राजदूत ओ कल्चरल एक्सचेन्ज कोओर्डिनेशन टीम संग सहकार्य मे महान उपलब्धिमूलक सफलताक संग ई महोत्सव संपन्न भेल अछि। एहि मे जनकपुर उप-महानगरपालिकाक प्रमुख लालकिशोर शाह सेहो भाग लेने छलाह। नेपालक भ्रमण वर्ष २०१९ सफल बनेबाक लेल एवं धार्मिक तथा सांस्कृतिक पर्यटन केँ बढावा देबाक लेल मिथिलाक प्राचीन राजधानी तथा वर्तमान संघीय नेपालक प्रदेश २ केर अस्थायी राजधानी जनकपुर क्षेत्रक विकास हेतु ई आयोजन मे १२ देशक राजदूत सेहो विशेष रूप सँ मिथिला सँ परिचित होयबाक तथा अपन-अपन देश मे सेहो एहि तर्ज पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान केर संस्कृति केँ बढेबाक लेल भाग लेलनि कहल जा रहल अछि। विभिन्न संचारक्षेत्र मे प्रकाशित समाचार तथा स्वयं मैथिली दिवा युएसए काजल कर्ण द्वारा पुष्टि कयल गेल अछि जे आब हरेक वर्ष १२ अप्रैल केँ अमेरिका मे ‘मिथिला महोत्सव’ केर आयोजन कयल जायत। काजल काफी प्रसन्न छलीह मैथिली जिन्दाबाद सँ ई खुशखबरी बँटैत।

अपन भाषा, भेष, भूषण संग अपन मिथिलाक संस्कृति केँ स्वधर्म मानि एहि मे जीवन केँ समर्पित कयनिहारि काजल कर्ण अमेरिका मे रहितो अपन भाषाक मिठास आ अपन मैथिल संस्कृतिक महत्व केँ कनिको काल लेल नहि बिसरि पेबाक बात कहैत छथि। ओ मोन पाड़ैत छथि २०१४ केर ओ क्षण जखन एकटा सौन्दर्य प्रतियोगिता मे ओहो प्रतियोगीक रूप मे भाग लेने छलीह।  कहैत छथि जे “मिसेज साउथ एशिया पोपुलर खिताब हमरा भेटल छल, लेकिन इ उपाधि जीतबाक कथा आइ धरि गुदगुदबैत रहैत अछि। शुरुआती राउन्ड मे भले तरह-तरह केर विदेशी परिधान यथा गाउन, पैन्ट-शर्ट, आदि-आदि कि-कि पहिरिकय रैम्प पर उतरय पड़ल छल, मुदा फाइनल राउन्ड मे फाइनलिस्ट बनि गेलाक बाद हम अपन जिद्द कय केँ अन्तिम दिनक शो अपन मिथिलाक परिधान मे करबाक लेल आयोजकक समक्ष अड़ि गेल रही। कतबो छँटा जेबाक आ फेका जेबाक घुरकी देलक सब, लेकिन हम एक्के गो बात सोचलहुँ जे हारि जायब तैयो कोनो बात नहि लेकिन मिथिलाक परिधान मे साड़ी पहिरिकय, मिथिलाक गहना यथा मँगटीका, झुमका, नथिया, गलहार, हथिशंकर, डँड़कस, पायल, बिछिया – सब किछु मिथिला मे प्रयोग होयवला मात्र पहिरिकय सजि-धजिकय उतरब आ कहीं जीत गेलहुँ त ई हमरहि टा लेल नहि सम्पूर्ण मिथिला लेल एक विलक्षण जीत होयत। आर देखू संयोग, हमर यैह सिलेक्शन आखिर हमरा उपाधि जीतय मे मददगार भेल। मिथिला हमर रोम-रोम मे अछि। एकरा सँ हम एको क्षण दूर नहि रहि सकैत छी।”

हम पुछलियनि जे कि अमेरिका मे रहनिहार हर मैथिल अहीं जेकाँ अपन मिथिला केँ हर-पल-हर-क्षण मोन पाड़ैत छथि की? काजल कहली, “एतय १०० मे १०० त नहि मुदा ५० सँ किछु बेसी लोक मैथिली-मिथिला प्रति उदार भाव रखैत छथि। कतेक लोकक कहब छन्हि जे एतय मैथिलीक कोन जरूरत आ कोन उपयोगिता, आखिर सब दिश त अंग्रेजी केर प्रयोग मात्र कयल जाइछ…. तेँ ओहेन लोक अपन घरहु मे मैथिलीक प्रयोग सँ कतराइत छथि। लेकिन हम जेहेन समाज आ संगतिया सभक संग एहि ठाम जीवन देखि रहलहुँ अछि, ताहि मे ५०% सँ बेसी लोक अपन मौलिकता केँ बचाकय राखय चाहि रहल छथि।” हम आगाँ पुछलियनि जे कहीं ओतहु मैथिली-मिथिला लेल संस्था आ संगठन सब बनल अछि आर ओ सब कोनो विशेष आयोजन भाषा-संस्कृतिक संरक्षण-संवर्धन लेल करैत छथि की? काजल चौंकाबय वला जबाब देलनि। ओ कहलनि, “एतय मधेशी आ पहाड़ी वला बहुत रास संगठन सब अछि। लेकिन भाषा-संस्कृति केर हिसाब सँ एको गो संस्था नहि देखि रहल छी। मैथिली-मिथिला सँ संस्थागत हिसाबे किछु नहि भऽ रहल अछि। हमहीं सब ३-४ गोटे अपन भाषा-संस्कृति लेल समर्पित रहिकय किछु-किछु काज करैत छी तेकर सकारात्मक प्रभाव धरि समाज पर पड़ैत देखा रहल य।”

अहाँक लगाव मैथिली-मिथिला मे कहिया सँ भेल? – एकर उत्तर मे काजल बतेलीह जे हुनकर व्यक्तिगत रुचि बच्चे सँ अपन भाषा आ बाबा-बाबी, नाना-नानी, दाय-पीसी सभक संगति मे संयुक्त परिवारक महत्व आ सभक संग खुलल जीवन आ निर्भीकता सँ स्वतंत्र दिनचर्याक अभ्यास काफी प्रेरित करैत रहलनि। ओ चहकैत विहुँसैत चुटकी लैत कहैत छथि, “लेकिन ईहो बात सच छैक जे बंगाली केँ अपन भाषा प्रिय अछि, गुजराती सदिखन अपनहि भाषाक प्रयोग करत, अमेरिका मे मैक्सिकन, स्पैनिश सब केँ अपन भाषा संग लगाव देखैत छी। मुदा मैथिली आ भोजपुरी भाषाभाषी मे अपन मातृभाषाक प्रयोग करैत लज्जाबोध हेबाक आ दोसर सँ नुकेबाक प्रवृत्ति हावी अछि। ओ सब जानि-बुझिकय दोसर केँ देखैत देरी अपन भाषा सँ एकदम अंजान बनिकय अंग्रेजी केर प्रयोग पर उतारू भऽ जाइत छथि।”

“एखन जे मिथिला महोत्सव भेल न्युयोर्क मे ताहू मे विभिन्न देशक राजदूत आ अन्य लोक सभक बीच, ओतेक रास वीआईपी व्यक्तित्व लोकनिक सामने मैथिलीक प्रयोग केलहुँ, भले फेर सँ सब केँ बुझय लेल ट्रान्सलेशन कय देलियैक बाद मे… लेकिन मिथिलाक नारी हेबाक कारण अपन सुन्दरता आ विशेषता केँ स्वयं शोकेसिंग केलहुँ, मूर्त्ति आ कनियाँ-पुतरा जेकाँ नकली बनाकय टाउट रूप मे नहि देखेलहुँ। अपन रंग मे अपने रंगिकय देखेबैक तखनहि दोसर लोक हमर महत्व केँ सही ढंग सँ आत्मसात कय सकत।” हालहि सम्पन्न मिथिला महोत्सव मे काजल अपन भूमिका उदाहरण दैत कहलीह – “बहुत प्रसन्नता भऽ रहल अछि जे आब अमेरिका मे हरेक साल अप्रैल १२ – मिथिला दिवस करेबाक नियार भेल अछि, इम्बैसी द्वारा स्वीकृति भेटल अछि। ई आयोजन जेन्युनली अपन दिल सँ केलहुँ। अपन जिम्मेवारी बुझिकय केलहुँ। दुनियाक कोनो कोण मे रहू – अपन मातृभाषा मे करबाक डिटरमिनेशन राखू। अपन हेरिटेज बचेबाक बात करय पड़लैक।”

अहाँ कहिया सँ कय रहलहुँ अछि – एकर जबाब मे पुनः काजल कहैत छथि जे एतय हमरा सभक पारिवारिक प्रतिष्ठा आ सम्पन्नता काफी लोकप्रिय अछि। हम शुरुए सँ अपन भाषा-संस्कृति आ कला आदिक प्रति सजग रहलहुँ। करबाक लेल पहिनहुँ करैत रही। अपन व्यक्तिगत रुचि सँ काज करैत आयल छी सब दिने। लेकिन हाल हम एकरा पब्लिक मे प्रदर्शन कय केँ करबाक एकटा नया नीति अपनेलहुँ अछि। पहिने अपना मे एतेक हिम्मत नहि होइत छल जे कोनो काज केला पर ओकरा प्रदर्शन करी, लजाइत छलहुँ। लेकिन आब सोचैत छी जे सोशल मीडियाक युग मे जँ देखाकय करब तऽ एकर सकारात्मक असर एको-दू गोटा पर होयत त अपना जेकाँ आरो समर्पित लोकक संख्या बढत। संगहि हमरा सभक सभ्यता सँ बाहरोक लोक केँ प्रेरणा भेटबाक संभावना बनत। मिथिला महोत्सव मे सेहो ८०% बाहरी लोक केँ मिथिलाक बात, विचार आ मान-मर्यादा सँ परिचित हेबाक मौका भेटलैक। बाहरी मुल्क केर निवासीक सोझाँ अपन मिथिलाक प्रवर्धन केलहुँ। २०% मात्र अपन मैथिली-मिथिलाक लोक छलाह। हमरा गर्व अछि जे अपना रंग मे सब केँ रंगलियैक।”

काजल केर बात-विचार मे संतुलन आ मर्यादाक रक्षा हर हाल मे होइत रहबाक संस्कार छलैक रहल छलन्हि। लेकिन ओ विश्व केर अन्य संस्कृतिक स्तर सँ सेहो बखूबी परिचित बुझेलीह। पुछलियनि, मैथिलीभाषीक संख्या कतेक अछि अहाँ दिश? ओ बतेलीह, “बहुत नहि। २००-२५० केर संख्या मे गेस्ट सब उपलब्ध भऽ जाइत छथि डालस-टेक्सस मे। नोत-पिहानी मे सेहो बजबैत छी हमरा लोकनि एक-दोसर केँ। दशहरा-छठि मे एकजूटता सँ कार्यक्रम करैत छी। अपन सांस्कृतिक महत्व केँ बच्चा मे ट्रान्सफर करबाक उद्देश्य रहैत अछि, बादो वला जेनरेशन एहि मे कतहु पाछू नहि छुटय। विदेश मे रहय वला लेल बहुत चैलेन्जिंग होइत छैक अपन सांस्कृतिक आ मौलिक मर्यादा केँ बचौनाइ। ओकरा सब केँ कतहु माहौल नहि भेटैत छैक। ताहि हेतु हम सब जतेक मैथिलीभाषी एहि लेल जागरुक छी ओ सब कियो विशेष ध्यानपूर्वक आपस मे मेल-मिलाप आ सांस्कृतिक एकजूटताक प्रदर्शन लेल साल मे एक-दू बेर कान्वेन्शन सेहो करैत रहैत छी।”

“अपन मिथिला सँ दूर गेलाक बाद आर बेसी फील होइत छैक जे हमरा सभक मौलिक संस्कारक कतेक महत्व अछि …. १०० मे १०० डिवोटेड नहि होइ…. मोर देन ५०% अपन भाषा-संस्कृति केँ संरक्षण करबाक ध्येय जरूर रखैत अछि। बाकी अमेरिका मे मैथिलीक कोनो महत्व मैथिल नहि दैत छथिन, अंग्रेजी बेसी चलैत अछि। एतय मैथिली दिवा युएसए – पेज निर्माण २०१९ मे – मात्र २ महीना मे १८ हजार फोलोवर्स भेटि गेल अछि, बहुत बेसी स्नेह भेट रहल अछि। फेसबुक पेज, युट्यूब पर सेहो छैक मैथिली दिवा। ई काज बहुत दिन सँ करय छलियैक… पहिले सँ करैत रहियैक लेकिन एक्सपोज नहि करैत रहियैक… बाद मे लागल जे कहीं एहि सँ इन्सपायर हेबाक संभावना सँ बाद मे सोशल मीडिया मे राखि देलियैक। भाइ-बहिन सेहो सिखबो करतैक। हमर नारा अछि –

मिथिला के नारी, कतबो मोडर्न तैयो संस्कारी
दुनिया के कोनो कोणा मे रही, अपन मातृभाषा सँ प्रेम करी

फेसबुक लाईव मार्फत मायक महत्व केँ देखबैत बच्चा केँ संस्कार देबाक मुख्य कर्तव्य पूरा करैत छी। सब जेकर जड़ि मिथिला सँ छैक ओ सब मैथिली दिवा थिकैक – सब बौआ आ बहिन बजबैत छथि हमरा…. खूब नीक लगैत अछि।”

कला प्रति अपन रुचि केहेन अछि अहाँक मैथिली दिवा युएसए? काजल पुनः अपन विशिष्ट मुस्कानक संग कहली, “बालीवूड सिंगर नहि छी – लेकिन अपन संस्कृति मे गीतगायनी होइत छलैक वैह संस्कार, गीत गेनाय, अरिपन देनाय, तरुआ बनेनाय, बरी पकेनाय… आवाज बढियां भेनाय जरूरी नहि छैक, विद्यापति गीत, पूजा गीत, भगवती गीत, लोक गीत… से हम गबैत रहब। हमरा गर्व अछि जे हम मिथिलानी छी। हमरा सभ केँ जे संस्कार अपन श्रेष्ठजन सँ भेटल ताहि पर सदिखन गर्व करैत छी।” अमेरिका मे मैथिलीक एना अहर्निश सेवा – शुरुए सँ सभक सहयोग भेटल आ कि किछु चुनौती सेहो भेटल? – “टंगघिचाई सब ठाम छैक। ईहो हमरा सभक विशेष मौलिक कला मे सँ एक अछि। एतय अमेरिको मे हमरा पर दबाव खूब पड़ल शुरुए मे… लोक टोकि दिअए, अहीं ठिक्का नहि लेने छियैक सभक… लेकिन, वैह विरोधी आब हमर फोलोवर्स अछि।” हम चुटकी लैत पुछलियनि जे ई टंगघिचाई मे पुरूष समाज छल आ कि महिला समजा? काजल ठहाका लगबैत जबाब देलीह ठोकल शब्द मे, “महिला समाज”।

मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ ‘मैथिली दिवा युएसए’ केँ बहुत-बहुत शुभकामना। आशा करैत छी जे अहाँक अन्तर्वार्ता सँ लाखों आप्रवासी मैथिल संग-संग प्रवासी मैथिल लोकनि केँ आ विशेष रूप सँ मिथिलानी लोकनि केँ ई बेसी प्रभावित करतनि। अन्त मे किछु मैसेज देबय चाहब? काजल सभक लेल शुभकामना आ मैथिली-मिथिला प्रति बेसी साकांछ होयबाक संग विशेष रूप सँ मायक रूप मे बच्चा केँ संस्कार देबाक काज केर बेसी महत्व रहबाक बात कहैत घरक माहौल मे महिला द्वारा मैथिलीमय वातावरण बनाकय राखय पर जोर देलीह। मैथिली दिवा युएसए केर पेज सँ ई यैह काज निरन्तर स्वयं लाईव आबिकय करैत रहैत छथि। अहाँ लोकनि सेहो हिनकर पेज पर नजरि राखी, ई आग्रहः https://www.facebook.com/MaithiliDivaUSA/