आजुक ताजा समाचार – राजनीतिक व्यंग्य (हँसी-मजाक)

राजनीतिक व्यंग्य
 
भारतीय औषधि बाजार सँ बरनौल केर घोर अभाव सृजना होयबाक समाचार
 
एकजूट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन आ सुनियंत्रित नेतृत्व मे सभक एकमत सहमति मे चारूकात ‘मोदी-मोदी’ केर सुनामीरूपी चूनावी तूफान चलबाक कारण कतेको विरोधी आ मोदी हेटर्स केँ भयंकर बर्न्स (आगि सँ जरबाक घाव) होयबाक समाचार भेटल अछि। एहि बीच हमरा पास खबरि संग एकटा तस्वीर आयल अछि जाहि मे स्वयं मोदी जी बरनौल हाथ मे लय केँ ‘सबका साथ सबका विकास’ केर नारा केँ जीवन मे धारण करबाक संकल्पक संग ओहि जरलहा घाव पर मरहम लगेबाक वास्ते हाजिर भेल देखाइत अछि।
 
हमरा बुझल अछि जे हमहुँ सब बाहर रहितो ‘मोदी-मोदी’ करैत आबि रहल छी, जाहि कारण कतेको अपन भाइ-बंधु सेहो जरिकय खकस्याह भेलाह। हम चाहब जे ओहो लोकनि मोदी जी केर हाथ सँ ई बरनौल कनेक जरूर लगा लेथि। ठंढा पहुँचतनि। बाकी घाव त २३ मई केर बादे ठीक हेतनि, एखन सिर्फ लहरि केँ कम करबाक लेल बरनौल सहित मोदी जी केर एहि फोटो सँ काज चलाबथि, हम शुभकामना दय रहल छी।
 
आइ मिथिला क्षेत्र मे ५ गोट सीट पर मतदान भऽ रहल अछि। लेटेस्ट न्यूज भेटबाक समय तक ४०% मतदान संपन्न भऽ गेल अछि। बंगाल मे मोदी विरोधी सभक जरबाक घावक संग असह्य नोचनी सेहो भेलाक कारण अपने इच्छे चुनावी बूथ पर नौटंकी आ हिंसक तड़प बीच छटपटाइत देखल गेलैक। कतेको ठाम सुरक्षाकर्मीक चुत्तड़सेकाई सँ नोचनी कम हेबाक समाचार सेहो भेटल अछि। ओम्हर विपक्ष केर नेता राहुल जी सुप्रीम कोर्ट मे राफेल वर्डिक्ट पर देल गेल बयान प्रति पुनः खेद जतौलनि अछि। हुनकर वकील अभिषेक मनु सिंघवी जे आँखि मारिकय जज साहेब केँ कहलखिन जे प्लीज इस बार आप मान लें, स्थिति को संभाल दें, बेईज्जती और अधिक न करें… लेकिन सोझाँ ठाढ मिनाक्षी लेखी हुनकर आँखि झमकेबाक नियत केँ भाँपि फेर सँ कहलखिन जे देश मे एकर बड़ा खराब सन्देश जेतैक जे नेता आ नामदार लेल सुप्रीम कोर्ट केर औकात सेहो जीरो छैक… ताहि सँ एकटा करारा आदेश जारी कय दंडित कयल जेबाक चाही।
 
आब देखा चाही आगू कि होयत!
 
ओना कानपुर सँ हमर प्रिय भाइ आ मित्र अनिल भाइ हमर मोदीक पक्ष लेबयवला पोस्ट सँ घबराहट आ हड़बड़ाहट मे भले हमरा ब्लौक कय केँ अपन आली-हौसे कय रहल होइथ… लेकिन अमित भाइ केर अनुसार कानपुर मे सेहो ‘नमो-नमो’ भऽ गेल।
 
अस्तु, भारत मे एक मजबूत सरकार आबि रहल अछि, तेकर शुभकामना। अगुवाई आब जे जितता सैह करता, लेकिन विपक्ष मे पुनः पप्पूगोई नहि चलय ताहि लेल सेहो केजड़ीवाल सवाल ठाढ करैत देखा रहला अछि।
 
हमर भातिज अखिलेश जे हालहि मे ‘आप’ छोड़िकय ‘कन्हैया कुमार पार्टी’ मे ज्वाइन केलक, ओकरा हिसाबे कन्हैया कुमार लगभग २००००० मत सँ गिरिराज सिंह केँ चित्त करता – लेकिन अखिलेश द्वारा ई बजैत देरी मोदीभक्त हुनका पर झपट्टा मारिकय कहलकनि जे कन्हैया तीन नंबर पर जायत।
 
सकरी लग जे बड़का तरौनी अछि ओतय सँ पीके बूथ पर कन्विन्स कय केँ गोपाल जी ठाकुर केँ जितेबाक बात त कय रहला अछि, लेकिन संजय सरावगी आ झंझारपुर दिशका जदयू नेताक जे वोट छलन्हि से गोपाल जी केर बिपरीत जेबाक भय सँ ओ काफी आक्रान्त छथि। लेकिन ताहि अमरनाथ गामी संग दरभंगा बीजेपी कार्यालय मे हेमन्त कुमार झा भाइ सभक हिसाब जोड़ि रहला अछि, सब बूथ पर सँ रिपोर्ट लय रहला अछि। भाजपा संग गद्दारी आ अन्तर्घात बहुत महंग पड़बाक बात ओ कहि रहला अछि।
 
आब अपना सब देखैत चलू आगू….!
दु-तीन टा खबैर आर जुड़ि गेल य….

राहुल गांधी जी केँ बहुतो बुझेलाक बादो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सब केँ झाड़-झपाट कय केँ मनमोहन सिंह केर कैबिनेट निर्णय वला कागज केँ फाड़ि देबाक घटना मोन पाड़ैत स्पष्ट सन्देश देलखिन जे हम पप्पुए बनल रहब, भारतक जनता आइ न काल्हि हमर पप्पूगिरी पर दया करत, नहि एहि इलेक्शन त ऐगले मे सही… ओनाहू मोदी जी बड़ा २०२२ केर चर्चा बेर-बेर करैत छलाह… से देख ली ई २०२२ मे कोन चमत्कार करैत छथि, हम अहाँ सभक बात नहि मानब, कैबिनेट निर्णयवला कागज जेकाँ अहाँ सभक बात केँ फाड़ि देलहुँ से बुझि जाउ।

लेकिन भाजपा सँ पार्टी बदैलकय कांग्रेस मे गेला नवजोत सिंह सिद्धू अचानक एखनहि सँ पप्पूगोई केर दीवानगीक हद्द पार करैत मीडिया मे बयान देलखिन य जे अमेठी सँ यदि एहि बेर राहुल जी हारि जेता त ओ फेर सँ क्रिकेट खेलाय चलि जेता… ओ राजनीति छोड़ि देता। पत्रकार पुछबो केलकनि जे क्रिकेट अहाँ केना खेलब जखन ओहि सँ पहिने संन्यास लय लेने छी… ताहि पर चारि-चारि हाथ कूदैत ओ अपन शरीर मे एखनहुँ तागत ओतबे रहबाक बात कहैत पार्टी आ नीति बदलनाय हुनका लेल बायाँ हाथक खेल रहल कहलनि, क्रिकेट मे सेहो भारत केँ हरेबाक कतेको बेर खराब बल्लेबाजीक उदाहरण सेहो देलनि।

स्मृति इरानी अचानक बेड पकड़ि लेलीह, कारण चुनावी भाषण दैत-दैत गहुँमक खेत मे जे आगि लागि गेल छलैक तेकरा मिझाबय लेल कल वैह चलौलनि, डाँड़्ह मे ददर छन्हि कहाँ दिना। घरक लोक बहुत बुझा रहल छथिन जे अहाँ हेमा मालिनी केर नक्कल कियैक कय रहल छलहुँ जखन बुझल अछि जे ओ कतेको फिल्म मे हिरोइनी रहली आ अहाँ एक गो धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी कय केँ नेतागिरी मे आबि गेलहुँ।

चुनावक समय मे ई सब होइते छैक… अपना सब त साक्षी टा छी। देखैत रहू खाली!

हरिः हरः!!