राजद केर चुनावी प्रचार मे बेर-बेर आरक्षण खत्म करबाक कुप्रचार कियैक?

आजुक चुनावी मंथन मे एहि विन्दु पर अपन विचार राखय जाउ। राष्ट्रीय जनता दल केर प्रवक्ता डा. मनोज झा सहित प्रबुद्ध वर्गक विशिष्ट चिन्तक लोकनि जाहि मे डा. सूरज यादव ऊर्फ सूरज मंडल एवं डा. रतन लाल (तीनू व्यक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय मे प्राध्यापक) सभक सोझाँ सम्पन्न संलग्न साक्षात्कार मे राजद नेता तेजस्वी यादव केर चिन्ता पर अपन विचार जरूर राखी।

सत्ता मे पहुँचबाक एक गोट हथियार केर रूप मे प्रयोग होइत आबि रहल ‘आरक्षण’ आ‘मंडल आयोग’ आ तदोपरान्त भाजपाक ‘कमंडल प्रयोग’ – एहि सब केँ आपस मे सूत्र जोड़िकय अपन मंथन करब तऽ शायद जैड़ धरि पहुँचि सकब। आइ कमंडल सब पर हावी भऽ गेल अछि। ५ वर्ष मे कमंडल द्वारा ‘राम राज्य’ जेकाँ ‘अच्छे दिन’ केर अनुभूति जन-जन केँ करा देल गेल अछि। कहीं तेकर भय सँ आक्रान्त ई चिन्तक लोकनि सत्ताक हथियार ‘आरक्षण आ मंडल-कमंडल’ केँ जानि-बुझिकय बिहारक जनता पर विशेष रूप सँ थोपय चाहि रहल छथि?

हरिः हरः!!