राज्यसभा सांसद भेनाय बड छोट बात, मिथिलाक बेटा भेनाय बड पैघ बात – वरिष्ठ भाजपा नेता प्रभात झा

 
उद्यमी शिखर सम्मेलन आ वरिष्ठ नेता प्रभात झा
 
३ फरवरी २०१९ केँ सम्पन्न अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव बहुतो हिसाब सँ जनोपयोगी आ पश्चिम मे सूर्य उदय करयवला एकटा कहाबत केँ चरितार्थ केलक। प्रथम सभा मे आयोजित उद्यमी शिखर सम्मेलन अपन समय सँ आरम्भ भऽ गेल छल। एहि सत्र मे प्रमुख अतिथि राज्यसभा सांसद आ भारतीय जनता पार्टीक राष्ट्रीय नेता प्रभात झा उपस्थित छलाह। जहिना एहि सत्रक आरम्भ एनएसआईसी जोनल डायरेक्टर प्रभात कुमार झा केर स्वागत संबोधन ओजपूर्ण सन्देश सँ प्रतिभागी उद्यमी-व्यवसायी एवं आम मैथिलजन केँ लाभान्वित केलक तहिना प्रमुख अतिथि आ अनुभवी नेता – पेशा सँ संचारकर्मी आ सम्पादक प्रभात झा द्वारा राखल गेल विचार प्रभावित, प्रेरित आ प्रोत्साहित केलक।
 
श्री प्रभात झा स्वयं केर जीवनक उदाहरण आ ओ २६ दिसम्बर १९७५ केर ऐतिहासिक दिन केँ मोन पाड़ैत कहलनि जे ‘सैद्धान्तिक पक्ष पर प्रतिबद्धता’ सँ अपन जीवनक रास्ता अपने बनेबाक संकल्प आइ एहि मुकाम धरि पहुँचेलक अछि। ताहि समय भारत मे ईमरजेन्सी लागब आर अपना पर वारन्ट निकललाक बाद पिताजीक संग छोड़ि मुम्बई सँ मध्यप्रदेश पहुँचब आर ताहि ठाम ई संकल्प लेनाय जे आब जे करब से अपन बदौलत एतहि मध्यप्रदेश मे करब – आर वैह कमिटमेन्ट, जज्बा, जीजिविषा, जुनून देशक कय गोट सामाजिक-राजनीतिक अवस्था सँ यात्रा करबैत हाल देशक राजधानी दिल्ली धरि पहुँचा सकल अछि जतय देशक एक प्रमुख राजनीतिक दल संग आबद्ध रहैत अपन योगदान दय रहल छी।
 
मिथिला मे सब सँ पैघ ‘ब्रेन’ सब भेलाह, उदाहरण काशी आ इलाहाबाद सँ लेल जा सकैत अछि। डा. सर गंगानाथ झा, अमरनाथ झा, जयकान्त मिश्र – कतेको विद्वान लोकनिक नाम भेटैत अछि। १९५२ केर पहिल सांसद ललित नारायण मिश्र, जे प्रथम प्रधानमन्त्री नेहरू जीक पीए सेहो बनलाह, दोसर प्रधानमन्त्री शास्त्री जीक कैबिनेट मे डेपुटी होम मिनिस्टर, तदोपरान्त प्रधानमन्त्री इन्दिरा जीक कैबिनेट मे विदेश, व्यापार आ कइएको प्रभार सँ लैत रेलवे मन्त्री तक बनलाह – एहेन बहुप्रतिभाशाली व्यक्तित्व सभक कमी नहि रहल मिथिला मे। अदौकाल सँ ई भूमि वरदपुत्र सभक जन्मस्थली रहल अछि।
 
बिना उद्यम भारतक प्रगति संभव नहि अछि। मिथिला मे सेहो उद्यमक मुख्य आधार सब दिने रहल। जीत लेल कमिटमेन्ट सब सँ पैघ फैक्टर थिक। उद्यम मात्र सँ जीवन शिखर पर जाइत अछि। जँ उद्यमी नहि बनैत छी तऽ मानू अपन सुन्दर जीवन केँ बर्बाद करैत छी। मिथिलाक लोक लेल एकहि ठाम सब वस्तुक प्राप्ति संभव नहि अछि से भाव रखैत नेता झा कहलनि जे स्वयं जन्म लेल नाना गाम हरिहरपुर (दरभंगा) मे, प्राइवेट नौकरी करनिहार पिताक संग मुम्बई मे रहिकय पढाई कयलहुँ, ईमरजेन्सी लगलापर मध्यप्रदेश एलहुँ, पार्टीक काज सँ विभिन्न राज्य मे जाय पड़ल, गुजरात के अहमदाबाद मे सेहो रहल छी आ काज कएने छी। अपन जीवन केँ सफल आ सुखमय बनेबाक वास्ते हमरा सब केँ काज करहे पड़त, उद्यमी बनहे पड़त।
 
मैथिली भाषाक मिठास केँ विशेष रूप सँ स्मरण करैत ओ कहलनि जे ई बड मीठ भाषा होइत छैक। गीत केँ संगीतक संग लेल सुर आ ताल केर आवश्यकता होइत छैक, मुदा मैथिली भाषाक मिठास एहेन होइत छैक जे ई आपरूपी संगीतवद्ध रहैत अछि। ‘सुनू न यौ!’ ‘कतय जाइत छी यौ!’ आदि कोनो आन भाषा मे बाजब त ठाढे लागत, लेकिन मैथिलीक मिठासक बाते किछु आर अछि। लेकिन नियति आइ एहि ठामक लोक केँ पलायन करय लेल विवश कएने अछि… धरि कतहु जाउ, मुदा गाम नहि बिसरू। उद्यमी सेहो हम मिथिलावासी सँ पैघ दोसर कियो नहि अछि। एखनहुँ भारतक ऐतिहासिक बजट बनेबा मे फाइनेन्स सेक्रेटरी ए. एन. झा केर नाम जोर-शोर सँ चर्चा मे अछि। तखन कमी मे कमी यैह जे हमरा लोकनि आर समाज जेकाँ एकजूट नहि होइत छी। कहाबत छैक जे जखन कोनो लहास उठेबाक बेर होइत अछि तखनहि चारि गोट मैथिल केर कन्हा एकठाम लगैत अछि। एकता केना बनत ताहि पर सब कियो बेर-बेर चिन्तन करू।
 
बौद्धिक विमर्श मे सेहो हमरा लोकनि आइ आन कोनो समुदाय सँ बहुत बेसी आगू छी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केँ जखन बड भारी दुविधाक स्थिति होइत छन्हि तखन ओ पुरी मे मैथिल शंकराचार्य निश्चलानन्द जी सँ सम्पर्क करैत छथि। निश्चलानन्द जी विशिष्ट वैज्ञानिक आ वैदिक गणितज्ञ थिकाह, एखनहुँ ओ कंप्युटर संग क्रीड़ा करैत छथि आर हुनकर अध्ययन – मनन – चिन्तन केर त जबाबे नहि अछि। जजुआर मे यजुर्वेद, अथरी मे अथर्ववेद, सामा मे सामवेद आ रीगा मे ऋग्वेद केर जन्म मिथिला मे भेल अछि। ताहि मिथिला मे जँ साहसिकता केँ बढेबाक लेल एकता नहि होयत तऽ उद्यमशीलताक वातावरण नहि बनि सकत। रज-रज, रग-रग आ कण-कण मे जतय विद्वताक पराकाष्ठा रहल ताहि ठाम एकताक अभाव सँ समस्या विद्यमान अछि। आर, जे अतीत केँ बिसैर गेल से विकास नहि कय सकैत अछि। कुलदेवता, ग्रामदेवता आ धर्मदेवता मे सदैव उच्च मान्यताक संग आगू बढब आवश्यक अछि। अपन लोक केँ ई स्मरण करेनाय परमावश्यक अछि। केकरो खिद्दांश नहि करू।
 
अत्यन्त उदारताक संग अपन मोनक महत्वपूर्ण विचार सब रखैत नेता झा आगू बिहार मे नित्यानन्द युनिवर्सिटी जेहेन महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानक स्थापना लेल डा. सन्दीप झा केर प्रशंसा करैत कहलनि जे कठोर प्रतिबद्धता सँ सफलताक आदर्श उदाहरण थिकाह डा. सन्दीप झा। महाराष्ट्र मे ३०० एकड़ जमीन मे एक्के ठाम अनेकों विधाक पढाई करेबाक संस्थान बनौलनि, अपन कठोर संकल्प सँ पहिल व्यक्ति बनलाह जिनका बिहार मे प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापना करबाक स्वीकृति राज्य सरकार सँ भेटलनि। ओतहि नकारात्मकताक तुलना ‘अधजल गगरी छलकत जाय’ कहाबत सँ करैत ओ कहलनि जे कम ज्ञानी आ देखेनाय बेसी – एहि तरहक प्रवृत्ति सँ मिथिला समाज केँ काफी नुकसान उठाबय पड़ि रहल अछि। सब केँ शपथ लेबाक चाही जे भले मैर जायब लेकिन कथमपि भीख नहि मांगब।
 
जीवन मे लाभ कमेबाक लेल सूत्र बतबैत उद्यमी शिखर सम्मेलन मे प्रभात झा बजलाह जे ‘हम अपन पार्टीक लोक सब केँ एतबे कहैत छियनि जे चाटुकार सँ बचू। चाटुकार जतय अपन योगदान देनाय शुरू केलक, ओतय सिर्फ बरबादी टा अबैत अछि।’ अन्त मे ओ सीतामढी सँ साढे तीन किलोमीटर दूरी पर अवस्थित पुनौराधाम केर जिकिर करैत ओतुका महिमागान करैत सब सँ अपील कयलनि जे अहाँ सब एहि स्थान पर जरूर पहुँची, जगज्जननी जगदम्बा जानकीक ई प्राकट्यस्थल बहुत वरदायिनी अछि। एकटा उदाहरण मे जगत्गुरु रामभद्राचार्य जी आ वर्तमान भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द जी केँ देल गेल आशीर्वादक उल्लेख करैत ओ कहलनि जे राष्ट्रपति बनय सँ मात्र किछुए मास पूर्व तत्कालीन बिहारक राज्यपाल कोविन्द जी जगत्गुरु सँ ई आशीर्वाद वैह पुण्य भूमि पर पेलनि जे बहुत जल्द अहाँक जीवन मे पैघ उपलब्धि भेटत आर ओ राष्ट्रपति बनलाह। अतः हम-अहाँ जे एहि मिथिला पुण्य भूमिक सन्तान छी से एहि वरदायक स्थल पर जरूर पहुँची। एतय बिहार सरकार आ केन्द्र सरकार केर सहयोग सँ भव्य मन्दिरक निर्माण करायल जेबाक जनतब सेहो ओ देलनि। आर फेर, भावुक बनि श्री झा बजलाह – राज्यसभा सांसद भेनाय बड छोट बात भेल, मिथिलाक बेटा भेनाय एहि सब सँ बहुत उच्च आ बड पैघ बात थिक।
 
हरिः हरः!!