अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव अहमदाबाद आ मिथिलाक आर्थिक प्रगतिक परिकल्पना

अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव – अहमदाबाद

 
मिथिला अति प्राचीनकाल सँ समृद्ध सभ्यता रहल एहि बातक परिचय वर्तमान पीढीक दूरदृष्टिसंपन्न सन्तति केर सोच-विचार आ कर्मठता-प्रतिबद्धता सँ सेहो स्पष्ट रूप सँ झलकैत अछि। विभिन्न राजनीतिक गतिरोध मे जकड़ल मिथिलाक वर्तमान मे अगड़ा-पिछड़ा बीच मोट लकीर तानब तथा क्षेत्र मे अगबे सत्ताक खेल-वेल मे जनता केँ जातिवाद आदि मे फँसाकय शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, सिंचाई, रोजगार – हर क्षेत्र मे पिछड़ापन केर शिकार बनेबाक अलावे अन्य किछुओ नहि भेल अछि। भारतक बिहार राज्य अन्तर्गत पड़यवला मिथिला क्षेत्र हो अथवा नेपालदेशक तराई भूभाग मे पड़यवला मिथिला क्षेत्र, मिथिलाक नियति मे ‘पिछड़ापन’ आ रोजगार वास्ते अन्य क्षेत्र मे पलायन करबाक अतिरिक्त अन्य किछु नजरि नहि पड़ैत अछि। राजनीति केर अखाड़ा धरि यैह क्षेत्र आइयो बनल अछि, चाहे नेपाल चाहे भारत, भाग्य निर्माण मे एहि क्षेत्रक राजनीतिक क्रान्ति देश मे एक विशेष माहौल तैयार करैत अछि। बिहार मे विगत किछु वर्ष सँ ‘विकास आ सुशासन’ केर हवा चलल आ नव आशा जगौलक। नेपाल मे सेहो लम्बा संघर्षक बाद संघीय संरचना मे देश परिणति पौलक, नव संविधान केर सेहो घोषणा भेल, नव नारा ‘समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाली’ केर अवधारणा पर देश केँ आगू बढेबाक अभियान चलल अछि; परञ्च संविधान आ संघीयता दुनू पूर्णरूपेण लागू होयबाक बात बहुत धीमा गति सँ बढि रहल छैक। तथापि पूर्वक माहौल सँ आब आर्थिक बेहतरी दिश आगाँ बढेबाक वातावरण देखल जा रहल य।
 
मैथिल जनमानस प्रवासक क्षेत्र मे एकजूटताक भावना सँ ओत-प्रोत देखा रहला अछि। भारत हो वा नेपाल, वा विश्वक कोनो देश जतय मैथिलीभाषी जनमानस स्थायी-अस्थायी प्रवास मे छथि, ओहि सब जगह भाषा-संस्कृति, परम्परा, सभ्यता, मूल्य ओ मान्यता केँ बचेबाक लेल आगाँ बढि रहल देखाइत छथि। प्रवास क्षेत्र मे राजनीतिक पहुँच सेहो मजबूत बनेबाक लेल ई भाषिक एकजूटता वरदायक बनि रहल अछि। हालांकि एहि सभक शुरुआत नजरि पड़बा योग्य विगत एक दशक सँ मात्र भेल छैक। प्रवासक क्षेत्र मे सेहो कलमजीवी आ श्रमजीवी मैथिल बीच एकटा खधारि केँ पाटबाक काज करब शेषे अछि, तैयो भाषा-संस्कृति लेल जागरुकता ई लहरि सब जाति, वर्ग, धर्म लेल समानरूप सँ प्रभावी होयत ई सिद्धान्त कहैत छैक। भारतक राजधानी क्षेत्र दिल्ली जतय ३ महत्वपूर्ण राज्यक सीमा लगैत अछि, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आ दिल्ली – पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि सेहो एतहि सँ जुड़ल छैक – एहि समस्त क्षेत्र मे मैथिल जनसमुदाय अपन उपस्थिति आ संलग्नता सब विधा मे स्थापित कय चुकल अछि। भारतक अन्य राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश आदि मे सेहो अपन उपस्थिति आ संलग्नता बढेबाक काज होयब जोर पकड़ि लेने अछि। मुम्बई व आसपास सेहो मैथिलीभाषी जनसमुदाय केर गिनती स्थानीय राजनीतिक नेतृत्वकर्मी मे स्थान बना चुकल अछि। आर अहमदाबाद, वापी, सुरत, आदिक मैथिल जनसमुदाय द्वारा अपन उपस्थिति आ संलग्नता बढेबाक दिशा मे गोटेक-आधेक कार्यक्रमक जनतब भेटैत रहल अछि।
 
अहमदाबाद मे एहि वर्ष ३ फरवरी केँ एक विशाल आयोजन राखल गेल अछि। एहि मे भारत, नेपाल, अमेरिका व अन्यान्य देश सँ उद्यमी-व्यवसायी मैथिल समुदाय विशेष रूप सँ भाग लेबय जा रहला अछि। किछु मास पूर्व मे सेहो एक गोट कान्क्लेव केर आयोजन एतय भेल छल जाहि मे विषय उद्यमिता केर विकास छल। आर्थिक हितचिन्तन मे एहि तरहक निरन्तर आयोजन संकेत दैत अछि जे उत्सवधर्मिताक संग असल सरोकार केर विषय पर सेहो मैथिल जनमानस मे हलचल अछि। शाश्वत मिथिला आ माँ जानकी सेवा समिति द्वारा आयजित अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव मे ‘उद्यमी शिखर सम्मेलन’ मुख्य आकर्षणक विषय होयत। एनएसआइसी केर आंचलिक प्रमुख प्रभात कुमार झा केर अलावे गुयाना (अमेरिका) सँ प्रसिद्ध उद्यमी अजय झा, बीएसई (एसएमई) एवं स्टार्टअप (मुम्बई) प्रमुख अजय ठाकुर, सीईडी प्रमुख डा. रामनाथ प्रसाद (गांधीनगर), विनायक ग्रुप सँ करसन पटेल आदि अनेकानेक हस्तीक सहभागिता मे ई उद्यमी सम्मेलन उद्यमशीलता केर संवर्धन-प्रवर्धन लेल अपन-अपन महत्वपूर्ण विचार रखता। कार्ययोजना केर विकास होयत। तदनुरूप मिथिला क्षेत्र मे पूँजी निवेश आ रोजगार अभिवृद्धि कयल जायत।
 
आजुक अर्थ युग मे सब सँ पहिने लोक केँ आर्थिक आमदनीक बात मोन मे घर कएने रहैत अछि। मिथिला मे एहेन कय गोट कला आ कुटीर उद्योग सभक संग कृषिजन्य वस्तु सभक उपजा आ बाजार वितरण कय केँ लोक सबल बनि सकैत अछि। आर्गेनिक खेतीक युग पुनः आरम्भ भेला सँ एहि ठामक विशेष मौसमी साग-सब्जी-फल-अनाज आदिक उपजा आ तेकर बाजार विस्तार सँ आर्थिक सबलता बढि सकैत अछि। संभावना बहुत रास रहितो उचित प्रबन्धन आ बाजार सँ जुड़ावक अभाव मे स्वरोजगारक विकास उचित मात्रा मे नहि भऽ पाबि रहल अछि। आर एहि सब लेल उद्यमिताक विकास वरदायक सिद्ध होयत। संगहि देशक विभिन्न भाग मे बाजार केर मांग अनुरूप उत्पादन करबाक परम्परा सँ लाभ भेटत। उत्पादनक संग-संग संगठित श्रम आपूर्ति (मैनपावर सप्लाइ) आ पर्यटन विकास सँ सेहो मिथिला क्षेत्र केँ क्रान्तिकारी आय आर्जनक अवसर भेटत। बिहार सरकार द्वारा सेहो एहि तरहक कार्य मे काफी रास योजनाक विकास कयल गेल अछि। भारत सरकार केर योजना हो आ कि बिहार सरकारक आ कि नेपाल सरकारक – स्वरोजगार केर विकास लेल स्वयं सहायता समूह आदि केँ संगठित रूप सँ सक्रिय करय पड़त। आर, एहि सब लेल मंथनक एकटा नीक परम्परा आरम्भ करत ‘अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव’ अहमदाबाद। विकास मे उद्यमिताक भूमिका, सूक्ष्म एवं लघु व्यवसाय आरम्भ करबाक प्रक्रिया, डिजीटल एवं सामाजिक क्षेत्र मे उद्यमिताक अवसर एवं भविष्य, उद्यम विकासक लेल सटीक एवं प्रासंगिक विज्ञापनक चयन – एहि सब तरहक महत्वपूर्ण विषय पर व्याख्यान देल जायत। तदोपरान्त श्रोता-वक्ता बीच अन्तर्क्रिया केर एक गोट छोट सत्र होयत। आर तदोपरान्त मैथिली भाषा-साहित्य केर एक सँ बढिकय एक पुरोधा साहित्यकार लोकनिक सान्निध्य मे कवि सम्मेलन आ कलाकार लोकनिक सहभागिता मे सांस्कृतिक संध्याक आयोजन होयत।
 
डा. संत कुमार चौधरी समान वरिष्ठ शिक्षाविद् सँ लैत नेपालक पूर्व उद्योगमंत्री अनिल झा – सखी-बहिनपाक संस्थापक आरती झा, नेपाल सरकार मे सचिव एहेन सम्मानित पद पर उद्यम विकास क्षेत्र सँ लैत विभिन्न अन्य योगदान देनिहार व्यक्तित्व सब सहभागिता देबय जा रहला अछि। चेतना समिति पटनाक अध्यक्ष विवेकानन्द झा, मिथिला विकास परिषद् केर अध्यक्ष अशोक झा सहित गोआ, बंगलुरू, मुम्बई, दिल्ली व अन्य स्थान सँ संस्थागत प्रतिनिधित्व रहत एहि आयोजन मे। विशिष्ट पाहुन मे शिवानन्द झा सहित दर्जनों आइएएस सहभागिता देता। नेपालक प्रदेश २ केर प्रदेश सांसद डिम्पल झा सेहो भाग लेती। तहिना मंच उद्घोषक कमलाकान्त झा, कविश्रेष्ठ जयप्रकाश जनक एवं डा. चन्द्रमणि केर उपस्थिति सँ महोत्सव मे चारि चाँद लगबे करत। गायक-कलाकार लोकनि मे हरिनाथजी, पुनम मिश्रा, माधव राय व जुली झा केर उपस्थिति रहत। हर तरहें एकटा ऐतिहासिक कार्यक्रम होयबाक अपेक्षा अछि। प्रस्तुत तस्वीर मे आमंत्रण पत्र व आयोजक संस्थाक सदस्य लोकनि देखा रहला अछि। दूर-दूर सँ आबि रहल अतिथि लोकनि केँ स्वागत सँ लैत एहि आयोजन केँ सफलतापूर्वक पूरा करय लेल प्रतिबद्ध छथि।
 

हरिः हरः!!