सुखसेना सँ बंगलुरू धरि अपन आइडिया केर झंडा बुलन्द कयनिहार युवा ‘राकेश कुमार झा’

साक्षात्कार

मिथिलाक युवा मे विद्या आ बुद्धि संग विवेक, करुणा, दानशीलता, समाजसेवा आ हर तरहें अपन जीवन केँ बिल्कुल जनक समान कर्मठ बनेबाक प्रखरता – एतेक रास सद्गुण एक्के व्यक्ति मे भेटि जाय त बुझू बड पैघ बात भेल। जी! ई सब बात एक गोट युवा मे विशेष रूप सँ देखलनि मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी आर आइ हुनका संग भेल साक्षात्कार राखल जा रहल अछि मैथिली जिन्दाबाद केर समस्त पाठक लेल, खासकय युवावर्ग लेल, एहि विश्वासक संग जे ई साक्षात्कार बहुतो युवाजन केँ जीवन जीबाक एक विशेष कला सीखेतनि, सीखबाक लेल प्रेरित करतनि।

हिनक नाम थिकनि राकेश कुमार झा, ग्राम सुखसेना (पूर्णिया) सँ छथि। गाम सँ महानगर धरि बहुत दूर तक यात्रा पूरा कयलनि अछि। जीवन मे संघर्ष सँ कथमपि कतहु न डर न कोनो संकोच कयनिहार युवा सामाजिक अभियन्ताक रूप मे हिनका संग भेंट भेलाक बाद मात्र किछुए घंटाक दरम्यान हिनकर व्यक्तित्व मे कय टा विशिष्ट व्यक्तिक समाहित होयबाक सत्य उजागर होइत अछि। बंगलुरू सन महानगर मे अपन बच्चा लेल गायक ताजा दूध नहि भेटल तऽ ओहि दिन संकल्प कय लेब जे ई समस्या अपना जे भेल से भेल, दोसर केँ नहि होबय देबैक आर ताहि लेल एक समय एला पर स्वयं गायक बथान आरम्भ करैत ताजा दूध सप्लाई करबाक उद्यम शुरू कय लैत छथि। एहेन-एहेन कय गोट जोशीला कार्य करैत आइ सफल जीवन जीबि रहल छथि राकेश कुमार झा। आउ, देखी हुनका संग कि-कि बात भेल।

प्रवीणः अहाँ अपन जीवन यात्रा कतय सँ कतय धरि पहुँचैत देखि रहल छी?

राकेशः हमर विचार मे, जेना आमतौर पर बहुतो लोकक जीवन शुरू होइत छैक – हम, माँ, पिताजी और अबैत-अबैत आब अपन परिवार मे धर्मपत्नी, बच्चा और जीवन केर चक्र मे बढैत जा रहल छी एक गृहस्थ-उद्यमी-पेशाकर्मी आ समाज सँ लैत विभिन्न विषय पर एक मानवसेवीक रूप मे। मुदा हमर यात्रा शुरू भेल परिवार, समाज और देश सँ और अंत सेहो हएत देश, मिथिला, समाज, एवं परिवार पर।

प्रवीणः आइटी क्षेत्र मे अहाँक विशेषज्ञता कि सब अछि?

राकेशः आईटी मे हम करीब-करीब १४-१५ साल सँ छी, जाहि मे शुरुआती दौर मे संघर्ष मे रही, मुदा तुरंत बुझा गेल (जे आइ-काल्हिक लड़का सब कम बुझैत छैक) जे आईटी क्षेत्र मे रहबाक लेल अहाँ केँ विशेषज्ञता हासिल करय पड़त, और नया-नया टेक्नोलॉजीज सीखय पड़त। ई समझ सीखलाक बाद हम आरम्भ केलहुँ मोबाइल एप्लीकेशन बनाबय मे और एखन तक तकरीबन १००+ मोबाइल एप्लीकेशन बनेलहुँ अछि। जाहि मे छोट-छोट एप्स सँ लय केँ भारत सरकार केर मोबाइल एप्स, बैंकिंग, कमर्शियल, एकाउंटिंग, यूटिलिटी, गेम एप्स डेवलपमेंट आदि कय सकलहुँ। ताहि सँ पहिने हम रही वेबसाइट डिज़ाइन डेवलपमेंट, छोट-छोट सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट डेवेलपमेंट मे। तखन अनुभव भेल जे आब मोबाइल एप के जमाना किछ कम भऽ रहल यऽ तऽ मूव केलहुँ “डाटा साइंटिस्ट” मे, आईआईएम से “डाटा एनालिस्ट” केर कोर्स केलहुँ २०१८ मे, एखन “मशीन लर्निंग एवं आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस” पर काज कय रहल छी।

हमर विशेषज्ञता मुख्यतः अछि स्टार्टअप सपोर्ट, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, प्लानिंग, स्केपिंग, प्रोडक्ट आईडिया, प्रोडक्ट डिज़ाइन, सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट। एखन स्टार्टअप कंपनी “ComicFlix” में “सीनियर टेक्निकल मैनेजर” मे कार्य करैत छी।

प्रवीणः बहुत रास कंप्यूटर इंजीनियर सब आइ बेरोजगारी खेपि रहल अछि। कि ओकरा सब लेल स्वरोजगारक एहेन किछु विकल्प छैक जे ओ गामहु मे रहिकय किछु रोजगार चला सकय?

राकेशः ई अहम मुद्दा छैक आइ के डेट मे। कम्प्यूटर इंजीनियर कोर्स कय केँ किछु नहि होयवला छैक (ई यूनिवर्सिटी इशू छैक, कोर्स सिलेबस २०-३० साल पुरान) आजुक युग मे बहुत कम युनिवर्सिटी छैक जे नया-नया टेक्नोलॉजीज या फेर जे मार्किट मे चलयवला टेक्नोलॉजीज पढ़बैत छैक। जेना “ML या AI” (मशीन लर्निंग और आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स), बिग डाटा, डाटा एनालिटिक्स, ग्राफ़िक प्रोसेसिंग, आदि।

एहेन परिस्थिति मे इंजीनियर के पास ऑप्शन छैक जे कोनो एक टेक्नोलॉजीज या लैंग्वेज मे महारथ हासिल कयकेँ घर सँ स्वरोजगार स्टार्टअप के रूप मे कार्य कय सकैत य। किछ हम लिस्ट दैत छी, जाहि मे लाखो रुपया कमा सकैत छी घर बैसले-बैसल, बशर्ते कि अहाँ एक चीज़ पर ध्यान दी –

१. यूट्युब चॅनेल (Youtube chanel ) – अहाँ अपन यूट्युब चॅनेल केर माध्यम से नौलेज शेयर कय सकैत छी – कोनो विशेष डिटेल्स आ सुझाव लेल अपन समीपक विशेषज्ञ अथवा जरूरत मे हमा‍‍रा सँ कांटेक्ट कय सकैत छी।  २. वीडियो एडिटिंग ३. फोटो एडिटिंग ४. वेबसाइट डिज़ाइन & डेवेलपमण्ट ५. डाटा एंट्री एवं सर्वे ६. ट्रेनिंग (लोकल एवं इंटरनेशनल) – यूट्यूब चॅनेल के माध्यम सँ ७. दोसर जँ अहाँ एज येन इंजीनियर दोसर काज मे मोन लगैत य जेना एग्रीकल्चर तऽ आईटी के यूज करू एग्रीकल्चर मे ८. किसान के टेक्नोलॉजीज और नया नया तरीका के बारे में ट्रेनिंग दय केँ अहाँ कमा सकैत छी ९. ऑथर बनि सकैत छी – बहुत सारा ऑप्शन छै, जे हम अपन यूट्यूब चैनल पर दै छी “The Young Indian Talks” पर हम साझा करब अहाँ सब फॉलो कय सकैत छी। लिंक – https://www.youtube.com/channel/UCLaNrCxatQhhRhVokKZpqgg

प्रवीणः कौमिक्स सम्बन्धित अहाँक अपन आइटी कंपनीक बारे सेहो कनेक विस्तार स बताउ।

राकेशः “ComicFlix” केर आईडिया छै, मूवी से कॉमिक्स बनेनाय, सॉफ्टवेयर केर माध्यम सँ (www.comicflix.com)

comicflix केर मुख्य कार्य

१. अपन मूवी से कॉमिक बना सकैत छी
२. वेडिंग मूवी सँ वेडिंग कॉमिक एल्बम बना सकैत छी
३. अपना बच्चा केर बर्थडे वीडियो सँ कॉमिक बना सकैत छी
४. या कोनो भी तरह के वीडियो सँ कॉमिक एल्बम बना सकैत छी, सैंपल अहा सब देख साकेत छी (library.comicflix.com) पर
५. भारत में वेडिंग कॉमिक एल्बम पर विशेष जोड़ देने छी – ([email protected] पर संपर्क कय सकैत छी)

प्रवीणः चर्चा-चर्चा मे अहाँ कहने रही जे अपन बच्चा लेल गायक दूध – ताजा दूध बंगलुरू मे नहि भेटल त अहाँ निर्णय लय लेलहुँ जे अपने ई काज शुरू करब आ दोसरक बच्चा केँ दूधक कमी नहि होबय देबैक। आर फेर बंगलुरू सँ ८० किलोमीटर दूर कतय जमीन आदि बन्दोवस्त कय गाय पालन शुरू केलहुँ। एखन धरि ई करिते छी आ कि कोना कि? एतेक उद्यमशीलता अहाँ कोना सम्हारि लैत छी?

राकेशः जी प्रवीण जी अहाँ सही सुनलहुँ य। ई हमर सिद्धांत अछि और हम अन्य युवा लोकनि केँ सेहो कहय चाहबनि जे रास्ता खुद बनाबू। हम दशरथ मांझी (माउंटेन मैन) सँ बहुत प्रभावित छी। जे रास्ता खुद बनेलखिन जखन दिक्कत भेलैन तखन। हम त ईहो कहैत छी, हम पान खाइत छी, जँ हमरा कोनो जगह पान नहि भेटत तऽ हम पान दोकान खोलबा देबैक।

अहाँ जे गायक डेयरी फार्म सम्बन्ध जिज्ञासा कयलहुँ अछि ताहि सन्दर्भ मे हम “पाजश डेरी फार्म” मे एखन १७ बीघा जमीन लेने छी, और एखन १०+ गाय यऽ (सब के सब प्योर देसी नस्ल केर गाय छी, हम जर्सी गाय केर विरोध में छी)।

पाजश डेरी फार्म में हम रविवार-रविवार टाइम दैत छी, और रेस्ट टाइम जे दोसर मैनेजर छथि से देखैत छथिन। मैनेज केनाय सब अहाँक अपना ऊपर रहैत अछि, टाइम, प्रायोरिटी केर बेसिस पर अहाँ मैनेज कय सकैत छी। दोसर मेहनत तऽ अहाँ केँ करहे टा पड़त।

प्रवीणः अहाँ नेतागिरी मे सेहो आगू रहैत छी। भाजपा बंगलुरू केर आइटी शेल मे आ कि संगठन मे, कतय कि-कि करैत छी?

राकेशः जी, हम नेतागिरी त नै करैत छी, मुदा लीडरशिप जरूर करैत छी। हमर विचार में नेता और लीडर में बहुत अंतर छैक। २००८ मे बंगलोर मे बीजेपी कर्नाटक आईटी शेल केर स्थापना केलहुँ और कर्नाटक केर हर चुनाव मे आइटी मैनेजमेंट करैत छी। पोलिटिकल प्लानिंग, इलेक्शन प्लानिंग, इलेक्शन स्ट्रेटेजीज, कैंडिडेट ब्रांडिंग, इलेक्शन कैंपेन, डोर टू डोर कैंपेनिंग, मीटिंग वोटर्स छोटा छोटा ग्रुप्स,
रिक्वायरमेंट्स केँ बुझनाय, और ताहि बेसिस पर नीचाँ लेवल तक इनफार्मेशन केँ कोना फ्लोट करायल जाय – ई सब लेल लीडरशीप देबाक कार्य करैत छी।

प्रवीणः मिथिलाक ४-५ लाख युवा बंगलुरू मे रहैत छथि। आइटी सेक्टर मे हिनका सभक नीक योगदान छन्हि। मैथिल अड्डा – कनेक्ट टु मिथिला केर माध्यम सँ हिनका सब केँ जोड़ैत विश्व भरिक मैथिल केँ जोड़बाक काज मे अहाँ मुख्य भूमिका निभा रहल छी। कतेक कि प्रगति भेल अछि?

राकेशः जी प्रवीण जी, अहाँक डाटा करीब-करीब सही यऽ जे ४-५ लाख मैथिल बैंगलोर मे छथि, और मुख्यतया ई सब आइटी सेक्टर मे छथि, और किछ अपना बिज़नेस लाइन मे सेहो छथि। “मैथिल अड्डा – कनेक्ट टु मिथिला” के माध्यम से विश्व भर के मैथिल के मिथिला से जोड़े के प्रावधान छैक। मैथिल अड्डा मे दू तरहक यूजर छथि –

१. Consumer – कोनो भी मैथिल प्रोडक्ट केर आर्डर दय केँ मँगा सकैत छी।

२. Supplier (Entrepreneur) – जतेक एंटरप्रेन्योर छैथ सब केँ मैथिल अड्डा सँ जोड़य के हुनका लेल मार्केट के रास्ता खोलबाक हमर सबके उद्येश य। जेना – संगीत, क्राफ्ट, मैथिल फ़ूड, ट्रेवल, म्यूजिक, मैथिल पेंटिंग, पाग, मखान उत्पादक, जनेऊ (जे आइ-काल्हि नहि भेटैत अछि) आ एग्रिकल्चर प्रोडक्ट ….

एक उदाहरण – अहाँ मैथिल छी और कहीं दोसर शहर जाइत छी, त अहाँ केँ बहुत प्रॉब्लम होयत। “मैथिल अड्डा केर सपोर्ट” मोबाइल एप्स पर रजिस्ट्रेशन कय अहाँ हरेक जानकारी मोबाइले सँ लय सकैत छी। जेना, बढ़ियाँ खाना कतय भेटत, घर, ट्रेनिंग, इंस्टिट्यूट सब कतय भेटत, जॉब केर कोनो ऑप्शन … बहुत सारा फैसिलिटी भेटत। आर एकर मुख्य लाभ मैथिल केँ हेतनि, कियाक त सप्लायर मैथिले रहता।

कहीं भी कोनो संगीत कार्यक्रम मे “मैथिल अड्डा संगीत ग्रुप” केर तरफ सँ कलाकार भाग लेता, नया-नया कलाकार केँ “मैथिल अड्डा” बहुत सपोर्ट करैत छन्हि, हर तरह से, मोरल, फाइनेंसियल, एडवर्टाइजमेन्ट, हर तरह से।

प्रवीणः टेस्ट अफ बिहार – मिथिला केर विशेष खाद्य परिकार सब बंगलुरू मे उपलब्ध करेबाक महत्वपूर्ण कार्य सेहो अहाँ करैत छी। कि अहाँ संग एहि सब लेल अलग सँ कार्यदल (वर्किंग टीम) अछि आ कि एक्के समूह सँ सब तैर काज करैत छी?

राकेशः जी “टेस्ट ऑफ़ बिहार (र)” के टीम अलग टीम छैक। टेस्ट ऑफ़ बिहार खोलबाक सेहो अलगे अपन कहानी छैक, जेना दूध के। “लिट्टी चोखा”, “तिलकोरा के तरुआ” खाय के मोन भेल मुदा कहीं नै मिलल, त सोचलों जेना हमरा नै मिलल तहिना दोसरो के त नै मिलैत हेतैक, तऽ चलू खोलू मिथिला, बिहार केर स्पेशल खाना के होटल (ओनली स्पेशल आइटम जे बैंगलोर में जल्दी नै मिलैत यऽ जेना लिट्टी, तिलकोरा पत्ता, मक्कइ के रोटी, मिथिलाक स्वादवला माछ-भात, बरी-भात, आदि। आब टेस्ट ऑफ़ बिहार “मैथिल अड्डा” केर एक अंग भऽ गेल अछि।

हमरा सभक हर कार्य लेल अलग टीम छैक। संगीत टीम अलग अछि, आईटी टीम अलग, ट्रेवल टीम अलग, इवेंट टीम अलग … आरो बेगरता पर नव-नव टीम ठाढ करैत सेवाक्षेत्र बढेबाक संकल्प सेहो अछि।

प्रवीणः मिथिला सँ अहाँक जुड़ाव कतेक रहि पबैत अछि? साल मे कय बेर गाम अबैत छी? गामक युवा सब केँ सेहो स्वरोजगार आ उद्यमशीलता लेल प्रशिक्षण आदि कियैक नहि दैत छियैक?

राकेशः हम मिथिला सँ हरदम जुड़ल छी, जँ अबय-जाय के गप करैत छी त साल मे ४-५ बेर जाइत-अबैत छी। चूँकि हम एतहु बैंगलोर मे मैथिल लोकनि सँ घेरल रहैत छी, दसो हजार मैथिल सँ सम्पर्क मे छी मैथिल अड्डा केर तरफ सँ, त, हम सब दिन मिथिला सँ जुड़ल रहैत छी बुझू। 

हम पर्सनल लेवल पर गांव मे बहुत सारा प्रशिक्षण देने छी। आइ सँ नहि हम २००४ सँ अपन गांव सुखसेना (पूर्णिया) मे कंप्यूटर प्रक्षिक्षण, स्वरोजगार प्रशिक्षण शुरू कएने रही किछ मित्र केर साथ, तेकर बाद हम बहुत जगह पर्सनल लेवल पर स्वरोजगार के लेल छोट-छोट फण्ड सेहो उपलब्ध करबैत छी… जेना गो-पालन, मछली पालन, बकरी पालन आदिक लेल तथा छोट-छोट दोसर बिज़नेस केर लेल सेहो… जेकर जेहेन लेवल छैक, ताहि तरहें लगानी मे सहयोग कय दैत छियैक। 

अहाँ केँ बताबैत प्रसन्नता भऽ रहल अछि जे जल्दिये सुखसेना मे “सुखसेना डेवलपमेंट बोर्ड” बना रहल छी, जे गांव केर विकास पर जोर देत। (डिटेल्स हमर यूट्यूब चैनल पर देखु “The Young Indian talks”) पर पूरा डिटेल्स आईडिया देल अछि जे कोना बिना सरकारी मदद सँ कोनो भी गांव अपन डेवलपमेंट खुद कय सकैत अछि। 

हमर जे आईडिया अछि, ओहि पर जँ गांव चलत तऽ ५ साल मे ओहि गांव केँ सरकार केर मदद के जरुरत नहि रहत, मुदा सरकार जाय केँ मदद मांगत गांव सऽ, “दे दे बाबा गरीब के नाम पर ई सरकार के किछ पाइ दे दे”।

प्रवीणः भविष्य मे आरो कि सब करब?

राकेशः एक तथ्य, जे हम भविष्य पर कम विचार करैत छी, मुदा वर्तमान मे ही भविष्य बनबैत छी। मगर एक मन मे विचार जरूर यऽ (जाहि लेल प्रयास सेहो शुरू कय देने छी) मिथिला राज्य अलग बनाबे के, मिथिला केर विकास एहि तरह सँ करी जे “मिथिला” केर “रोल मॉडल” जेकाँ पुरे विश्व मे जगह मिलय। हम जे कय रहल छी ओकर लाभ मिलत, जल्दी देखे लेल मिलत –

१. हरेक मैथिल के अपन सोर्स ऑफ़ इनकम रहय।
२. हरेक मैथिल के अपन शिक्षा, चिकित्सा, गाड़ी हुए, मैथिल सँ पाइ लेल सब आबय।
३. बिज़नेस के हरेक क्षेत्र मे मैथिल के डंका बाजय।
४. क्राइम फ्री, करप्शन फ्री, डर फ्री वातावरण मे रहय।
५. सब मैथिल के चेहरा पर हर समय ख़ुशी, हंसी रहय।

यैह कामना अछि।

प्रवीणः मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक लेल किछु सन्देश?

राकेशः आइ के युग मे शायद ही कोनो लेखक, पत्रिका, या ब्लॉग अछि जे अपन और सिर्फ अपन इलाका, भाषा के लेल आवाज़ उठाबय के शक्ति राखैत अछि। पत्रिका पर सामाजिक, पोलिटिकल एवं फाइनेंसियल एतेक दबाव रहल जे अपन मुद्दा सँ भटैक गेल, मुदा मैथिली जिन्दाबाद (हम जुड़ल छी २०१५ स्थापनाकाल सँ) अपन मुद्दा पर अपन स्वाभिमान पर, मैथिली-मिथिला के विश्वास पर टिकल अछि। 

त पाठक सब सँ एक रिक्वेस्ट जरूर करबनि जे जँ कोनो कलाकार, एंटरप्रेन्योर, स्टूडेंट, नवोदित डिज़ाइनर, थिंकर, प्रवक्ता, कोनो विषय वस्तु, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक मुद्दा, कल्चरल एक्टिविटी मे छथि त “मैथिली जिन्दाबाद” केँ जरूर बताबू, और हम “मैथिली जिन्दाबाद” सँ सेहो आग्रह करब जे ओहेन परिचय सब केँ “मैथिल जिन्दाबाद” पर स्थान देथि, या अहाँ “मैथिल अड्डा – कनेक्ट टू मिथिला” केर फेसबुक पेज पर पर सेहो दय सकैत छी। 

हमरा सँ कांटेक्ट के लेल –

[email protected]
मोबाइल – ९८८६३३६६१९

जय मिथिला! जय मैथिली! जय हिन्द!!