सखी-बहिनपा लोकनिक आनलाइन मैथिली लघुकथा प्रतियोगिता

विराटनगर, ५ जनवरी २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!

फोटोः फाइल (मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल, दिल्ली)

सखी-बहिनपा फेसबुक ग्रुप द्वारा मिथिलाक सजग नारी समाज साहित्यिक जागरण मे सेहो आगू बढि रहली अछि। एहि ग्रुप केर संस्थापक एवं संचालक श्रीमती आरती झा द्वारा सब सखी-बहिन सँ लघुकथा लिखिकय #लघुकथासखीबहिनपा केर मुख्य प्रतियोगितात्मक शीर्षक अन्तर्गत पठेबाक अनुरोध कयलीह अछि। एखन धरि दर्जनों सखी-बहिन लोकनि अपन-अपन लघुकथा पोस्ट करबाक जनतब भेटल अछि। सखी-बहिनपा सँ आबद्ध वन्दना चौधरी बतौलनि जे सामाजिक, पारिवारिक आ सांस्कृतिक आयोजन सभक बाद वर्तमान समय साहित्यिक क्रान्तिक सूत्रपात ‘सखी-बहिनपा आ एकर कुशल संचालिका आरती दीदी’ द्वारा कयल गेल अछि।

विदिते अछि जे स्थापनाक किछुए वर्ष मे ‘मिथिलाक नारी नहि छथि बेचारी’ एहि उक्ति केँ चरितार्थ करयवला क्रान्तिकारी समूह केर नामक रूप मे आगू आयल अछि ‘सखी-बहिनपा’। देश-विदेश सगरो एहि ग्रुप सँ जुड़ल महिला लोकनि अपन विभिन्न प्रतिभा सँ ई साबित कय देलीह अछि जे ई लोकनि जे सोचि लेती से कय केँ देखा देती। एक समय मैथिली कार्यक्रम सभ मे महिलाक उपस्थिति नगण्य देखि क्रान्तिकारी नेत्री आरती झा मोने-मन संकल्प लेने छलीह जे किछु एहेन प्रयास कयल जाय जाहि सँ मिथिलाक नारी मे रहल असीम अन्तर्शक्ति केँ संसारक सोझाँ आनल जाय। ई लोकनि मात्र कुशल गृहिणी आ बच्चा जन्म देनिहाइर, पालन-पोषण कय कतेको दक्ष-कुशल मानव परिवार बसेनिहाइर टा नहि – पुरूषवर्ग जेकाँ हरेक क्षेत्र मे प्रतिभावान छथि आर मिथिलाक दुर्भाग्यक कारण ‘लैंगिक विभेद, पर्दा आ लाजप्रथाक संग उच्च शिक्षा सँ पर्यन्त वंचित राखब’ माननिहारि आरती झा अपन प्रयोग मे उच्च सफलता हासिल कय रहली अछि।

वन्दना चौधरी अपनहि उदाहरण दैत कहली जे हमरा समान कतेको गृहिणी (महिला) केँ काफी प्रेरणा भेटैत अछि सखी-बहिनपा पर समय-समय पर कयल जा रहल गतिविधि सब सँ। नेतृत्वक श्रेय दैत ओ आरती झा प्रति आभार प्रकट करैत कहली जे दीदीक बात आ विचार सदिखन मिथिलानी सभक भीतर मे रहल कतेको खजाना केँ ताकि लैत अछि। वर्तमान लघुकथा प्रतियोगिताक असैर थिक जे कय गोटे महिला मे छुपल लेखन-शक्ति सोझाँ आयल अछि। एक दिश मैथिली पढनिहार तक कम देखैत छी मुदा दोसर दिश सुन्दर लेखनीक संग महिला लोकनि केँ आगू आयब संकेत दैत अछि जे मैथिली केर भविष्य बहुत स्वर्णिम अछि।