मिथिलाक ओ जानकी जे मैत्रेयी-गार्गी-भारती-भामती केँ अपन शक्ति सँ परिचित करौलनि

‘सखी-बहिनपा’ केर संस्थापक दीदी ‘आरती झा’ केर जन्मदिन पर ‘प्रवीण शुभकामना”

देखिते-देखिते क्रान्ति बनि गेल ‘सखी-बहिनपा’ – एक फेसबुक सँ आरम्भ समूह जाहि मे मैथिलानी (महिला) समाज केँ आगू बढेबाक मंत्र छुपल अछि!
 
सब सँ पहिने श्रीमती आरती झा केर परिचय
 
एक जागरुक आ अदम्य हिम्मत – साहस सँ भरल मिथिलाक बेटी, रेडियोलौजीस्ट डा. अखिलेश झा, राजविराज केर धर्मपत्नी, मिथिला आ मैथिली केर विभिन्न अभियान मे सदिखन डेग सँ डेग मिलाकय मैथिली-गार्गी-मैत्रेयी-भारती-भामतीक रिक्त स्थान केँ पूरा कयनिहारि किछेक नेतृत्वकारी महिला मे सँ एक, मृदुभाषी, अध्ययनशील, दूरदृष्टिसंपन्न आ अपन यथोचित लगानी करैत मातृभूमि, मातृभाषा, मातृअस्मिता, मातृशक्ति-महिलाक उत्थान-विकासक संग मिथिलाक अदौकालक परम्परा जे पुरूष समाजरूपी शिव केँ शक्तिरूपा दुर्गा समान असुरसंहारिणीक खतरनाक जोखिम अपना माथा पर लैतो देवलोकक सत्ता केँ कायम राखब ताहि तरहक सशक्त भूमिका खेलाइत आबि रहली स्वयं ‘रानी पद्मावती’ जेकाँ सुन्दर, शिष्ट आ सामर्थ्यवान “आरती झा” हमर “दीदी” छथि।
 
फेर ई दीदी एहेन नहि जे भाइ केर सब बात केँ ब्लाइन्ड मानि लेती, ना… सदिखन मैत्रेयी जेना याज्ञवल्क्य केर क्लास लगबैत रहैत छलीह आ हुनक मोक्षविद्या केँ आरो स्तरीय बनबयवाली जेठ बहिन समान छथि। आर, दीदी कोनो साधारण पुरूष केर सहचरिणी नहि, एक समर्पित आ दूरदृष्टिसंपन्न पति डा. अखिलेश झा समान भ्राताश्रीक धर्मपत्नी छथि। डा. झा केर अनेकानेक योगदान मैथिली-मिथिला मे गणनीय अछि। मैथिल महासंघक बैसार जे राजविराज मे भेल छल ताहि ठाम सँ आरम्भ परिचय, “अप्पन मिथिला” पत्रिका जे काठमांडू सँ प्रकाशित होइत अछि तेकर संरक्षक, आर फेर विभिन्न अभियान मे हिनका संग भेल भेंटघांट सहकार्य आदि सदैव स्मरणीय अछि। पराम्बा जानकीक कृपा एहेन समर्पित परिवार पर साक्षात् अनुभव करैत एलहुँ अछि। तहिना, आरती दीदी स्वयं, हिनक पतिदेव, हिनक पुत्र, हिनक पुत्री आ सम्पूर्ण सासूर आ नैहर परिजनक संग संगतिया, सखी, बहिन, सब कियो मैथिलीमय देखैत आयल छी। आरती दीदीक पहिल सार्वजनिक अवतरण ‘बिठौली-दरभंगा” मे मिथिला राज्य निर्माण सेनाक मंच सँ लैत काठमांडू, जनकपुर, राजविराज, दरभंगा, मधुबनी, दिल्ली, मुम्बई – हर महत्वपूर्ण कार्ययोजना सँ लैत कार्यक्रम विकास ओ क्रियान्वयन धरि हिनकर महत्वपूर्ण उपस्थिति देखैत रहल छी। मिथिलाक अनुपम डेग नामक संस्था केँ सेहो नेतृत्व प्रदान करैत धरातलीय परिवर्तन लेल तत्परता सँ बीरगंज, सखड़ा, देवडीहा, जनकपुर, राजविराज, काठमांडू, आदि मे पोथी प्रदर्शनी, प्रशिक्षण शिविर, परिचर्चा गोष्ठी, विद्वत सम्मेलन, मिथिला यात्रा आदि अनेकों कार्यक्रमक आयोजन मे अपन सर्वोत्तम योगदान कयनिहारि “आरती दीदी” केर आइ हुनक जन्मदिन पर प्रवीणक तरफ सँ विशेष शुभकामना अछि।
 
आरती दीदी द्वारा आरम्भ कयल “सखी बहिनपा” क्रान्ति आनि देलक
 
२७ अगस्त, २०१५ – आरती दीदीक मैसेज आयल जे ‘पीएनसी भाइ, सखी-बहिनपा नाम सऽ एकटा ग्रुप खोललौं हम परसू। महिला सब लेल मात्र। पब्लिक अछि। महिला सब के मात्र करय के पाछू उद्देश्य ई अछि जे खुइल कय ओहो सब मैथिली मे लिखनाय शुरू करथि पहिने। विचारक आदान-प्रदान होय। मैथिलानी सशक्तिकरण होयब जरूरी। सखी-बहिनपा – एक बेर टहलि कय देख लेब ओकरा।’
 
दीदीक मैसेज सदिखन जरूरत केर बेर मे अबिते रहैत अछि। हुनकर उपरोक्त मैसेज सेहो हमर संचारधर्मी प्रवृत्ति केँ एकटा विषय दय देने छल। तुरन्त दीदीक कहल बात पर ध्यान दैत अध्ययन करैत “सखी-बहिनपा” पर टहलय चलि गेलहुँ। आर फेर एकटा ऐतिहासिक खबैर लिखबाक सौभाग्य भेटल जे अपने लोकनि “मैथिली जिन्दाबाद” केर निम्न लिंक पर पढि सकैत छी। www.maithililijindabaad.com/?p=2755 – बिल्कुल सोचल अनुरूप दीदीक ई दृष्टिकोण मिथिला मे एकटा क्रान्ति आनि देलक अछि।
 
खास तौर पर मिथिलाक कोनो कार्यक्रम मे महिला सहभागिता एकटा बड पैघ सवाल ठाढ करैत रहल अछि। लेकिन आरती दीदी द्वारा मैथिलानी समाज केर नस पकड़ि ई जे ‘महिला-महिला-मात्र’ वला परिकल्पना छल ओ सच मे कारगर सिद्ध भेल अछि। आइ विश्व केर कइएको देश आ स्थान मे ‘सखी-बहिनपा’ केर सखी सब ‘मिलन समारोह’ केर आयोजन करब शुरू कय देलनि अछि। शुरू मे ‘पिकनिक’ केर तर्ज पर आपसी परिचय-पाती आ भेंटघांट भऽ रहल अछि। पिंक-ब्ल्यू-रेड-ओरेन्ज कलर केर थीम पर ड्रेस कोड आदि लगाकय ‘सखी-बहिनपा’ सब मिलन-समारोह कय रहली अछि। ग्रुप पर ‘फेसबुक लाइव’ मार्फत अपना भीतर रहल प्रतिभा सँ एक-दोसरा केँ प्रेरित आ ऊर्जान्वित कय रहली अछि। नंबर ओफ लाइक्स आ कमेन्ट्स गानि-गानिकय एकदम रानीनगरइजोतो बनि रहली अछि। अपन-अपन पति केँ पर्यन्त पाछाँ छोड़बाक दाबी कय रहली अछि। आर, हम स्वयं ‘सखी-बहिनपा’ लेल समर्पित एक ‘पत्नी’ सँ प्रतियोगिता मे पछैड़ गेल छी सेहो कहि दी…. कनी लजाइते…. 😉 मुदा सच त सच होइत छैक। हम आब ‘सखी-बहिनपा’ केर आन्दोलनक आगू नतमस्तक भऽ गेल छी भाइ लोकनि…. आ से श्रेय ‘आरती दीदी’ केँ जाइत छन्हि जे जाहि दूरदृष्टिताक सोच सँ ई समूह २५ अगस्त, २०१५ केँ बनौलीह से आइ ३ वर्ष मे समूचा संसार भरि पसरल मैथिलानी केँ एक ठाम आबय लेल बाध्य कय देलक अछि।
 
आगू बहुत रास महत्वपूर्ण कार्य सब होयत। आब ‘दीदी’ केँ ई सोचय पड़तनि जे ‘सखी-बहिनपा’ केर सखी, बहिन लोकनि केँ अपन पुरूष ओ समाज संग खुलेआम गठबंधन करैत मैथिली-मिथिलाक क्रान्ति केँ बहुत आगाँ लय जाय पड़तनि। आब मंच पर ३३% आरक्षण केर सिद्धान्त तऽ मिनिमम एजेन्डा हरेक कार्यक्रम मे रहबे टा करय। कार्ययोजना मे पर्यन्त सखी-बहिनपा द्वारा फूड स्टाल, पेन्टिंग प्रदर्शनी ओ बिक्री, हस्तकला सँ निर्मित साज-सज्जा ओ पहिरन आदिक प्रदर्शनी-बिक्री, गीतगायन मे सामूहिक प्रस्तुति, विषय-विमर्श मे विदुषी बनि अपन प्रखर प्रस्तुति – अरे… बहुत रास विन्दु पर ई लोकनि अपन योगदान दय मिथिलाक उचित स्थान समाज, संविधान आ समग्र पहिचान केर सब आधार पर करा सकैत छथि। दीदी…. होप यू अन्डरस्टैन्ड व्हाट आइ मीन! 🙂
 
Once again, a very very happy birthday to you Arti Jha!! कनीकाल मे बर्थडे गिफ्ट सेहो दय रहल छी। ई नहि जे छुछे-छुछ रहत आजुक शुभकामना!! 😉
 
हरिः हरः!!