आरक्षणक औचित्य: जाति केर आधार पर आरक्षण बन्द हो

आलेख

जातियताक आधार पर आरक्षण कतेक हद तक उचित ??

– रंजित नारायण चौधरी

आय पुरे देश मेँ एकटा गंभीर बीमारीक जगह लय लेलक आरक्षण। धीरे-धीरे और पसरले जा रहल अछि आ नैय जैन कौल्हका तारीख मे कोन गति होयत जातियताक आधार पर भेट रहल बीमारी ‘आरक्षणक’। एकटा समय छल जाहि दिन जातियताक आधार पर एकरा भेटनाय उचित छल मुदा ओहि समयक फैदा उठाबैत किछु कास्ट एखनो जस-क-तस अछि कारण ओकरा एहि सँ बेस फैदा छैक। आजुक परिवेश किछु ओहि समयक अपेक्षाकृत उल्टा भऽ रहल अछि आ हरेक विभाग मेँ एसटी/एससी आ ओबीसी केर बेसी सीट भेटला सँ ओहो मे कम मार्क्स बेसीस पर, शायद जेनरल कैटेगरीक कास्टक लेल बेसी चिंताक विषय बनि चुकल अछि।

ओना हमरा बुझने शिक्षाक आरक्षण सँ नहि जोडक चाही कारण आजुक समय प्रतियोगिताक समय छैक आ सबकेर समान अधिकार छैक ओहि प्रतियोगिता मेँ बसिबाक आ संगे एके मार्क्स बेसीस पर क्वालिफाई करबाक। तैं केकरो 44 मार्क्स पर क्वालिफाई आ केकरो ओहि परीक्षा पास करबाक लेल 104 मार्क्स केर जरुरत, कहु एहि सँ बेसी कतेक भ्रष्टाचार हेतैक।caste based reservation

आ दोसर गप जे एस्कालरसीप सेहो जातियताक आधार पर भेटि रहल अछि जे कि इहो हृदयविदारक अछि। आजुक समय मे कतेको एहेन कास्टक बच्चा अछि जेकरा पढिक लेल पैसा नहि छैक मुदा सरकारक नजैर मे आ वर्त्तमान आरक्षणक आधार पर ओ कोटा नहि भेटला सँ ओ बच्चा शिक्षाक सँ कोसो-कोस दुर रहि जाइत अछि….कहु इ कोन आरक्षण भेलैक???

हमरा बुझने सरकारक एहि योजना/आरक्षण पद्धति सँ बेसी मिसयुटीलाइज भअ रहल अछि, जेकरे पास पैसा छैक ओकरे सरकार दय रहल अछि।

आरक्षण मूलत: गरीबीक आधार पर होयक चाही, जे बच्चा पैसाक अभाव मे स्कुलक मुह नहि देखैत अछि एहेन तरहक बच्चा सबकेँ एहि योजनाक अंतर्गत लाभ देबाक चाही। ओना सरकारक नजैर बहुत सरकारी स्कुल-कोचिंग छैक मुदा कतेक मे शिक्षाक व्यवस्था टु-टाइट रहैत छैक आ कतेक टिचर वेल एजुकेटेड छैक जे बच्चाकेँ सही शिक्षा प्रदान करैयऽ। आब बात रहलैक प्राइवेट स्कुलक मुदा एहि मे पैसा चाही। बिना पैसाक एडमिशन संभव नहि छैक। तैं आब कि एहिना रहैय देबैक आ एहिना जातियताक आधार पर अारक्षण भेटैत रहैय।