कि मिथिलाक कोनो विद्वान् शोधकर्ताकेँ राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान भेटल छन्हिः जिज्ञासा

एक आर जिज्ञासा….
 
डाक्टरेट करबाक हिम्मत कोनो नव विन्दु पर अन्वेषण – शोध सँ बुझल जाएत अछि। कोर्स केर किताब मे पढायल गेल बहुत रास प्रसिद्ध वैज्ञानिक लोकनिक महत्वपूर्ण शोध मोन पड़ि रहल अछि। तहिना वर्तमान समय सेहो अपने कतेको रास मित्र द्वारा शोध पूरा कयला उत्तर थेसिस लिखिकय प्रस्तुत केला उत्तर हुनका पीएचडी केर डिग्री प्रदान कयल जेबाक दृष्टान्त नजरि पड़ैत अछि। लेकिन एखन धरि कियो गोटा अपन शोध केँ मैडम क्युरी व विभिन्न वैज्ञानिक सब जेकाँ मानवोपयोगी सिद्ध कय सकलाह कि नहि ई दुविधा बनल अछि। आँखि पसारिकय दूर-दूर धरि देखैत छी त हमरा अपन मिथिलाक्षेत्र मे कियो गोटा एहेन नजरि नहि पड़ि रहला अछि। नोबेल पुरस्कार त एखन धरि एतुका कोनो व्यक्तित्व केँ नहिये भेटलनि अछि, आरो कोनो दोसर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अथवा अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार किनको भेटलनि कि नहि से जनतब समेटबाक इच्छा जागि गेल अछि। कि अहाँक नजरि मे कियो अपन समाज (मैथिलीभाषी) अभरैत छथि जिनकर नाम एहि तरहक अन्वेषणकर्ताक रूप मे लेल जा सकय? आ कि पीएचडी डिग्री सेहो हरही-सुरही डिग्री समान गानल जाय? हम दुविधा मे छी। कृपया सहयोग करी।
 
लगले हाथ, हमरा आइ रदरफोर्ड जे साउथ पोल केर दोसर बेरुक यात्रा मे वापसी करैत समय अनेकों दुरुह कठिनाई केँ भोगैत अपन डायरी लिखैत अन्त मे एहि संसार सँ विदाह भऽ गेलाह – एहेन दृढसंकल्प संग लक्ष्यभेदन कयनिहार वीर महापुरुष जे अपन देशक खातिर उपलब्धि हासिल करय लेल हँसैत-हँसैत अपन जान दय देलाह। हम सब अपन धराधाम मिथिलाधाम मे सेहो एहेन-एहेन प्रेरणादायी सपुत केँ चिन्हित कय सकी, एहेन पुत्र सब एहि धरती आबैत रहय…. यैह कामनाक संग अपन जिज्ञासा दिस पुनः सभक ध्यानाकर्षण करैत छी।
 
हरिः हरः!!