मधुबनी मे किरण जयन्ती दिवस पर जुटलाह साहित्यकार लोकनिक समाज

मधुबनी, २ दिसम्बर, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिली साहित्यिक सांस्कृतिक समितिक संयोजक एवम् मैथिली सर्जक (कवि) दिलीप झा फेसबुक मार्फत जनतब दैत कहलनि अछि जे मधुबनी मे मैथिली साहित्यिक सांस्कृतिक समितिक तत्वावधान मे किरण जयन्ती ‘जानकी पुस्तक केन्द्र ‘ मे मनाओल गेल। एहि अवसर पर आयोजित संगोष्ठीक अध्यक्षता प्रो. प्रीतम कुमार निषाद कयलनि।

मुख्य अतिथि डा. योगानन्द झा (दरभंगा) कहलनि जे किरण जी साहित्य आ समाज मे वंचित लोकक आवाज छलाह। प्रो. गंगाराम झा, उदय जायसवाल, प्रो. विद्यानन्द झा ( कोलकाता), प्रो. भोगेन्द्र झा, प्रजापति ठाकुर, अजित आजाद, अनिल मिश्रा, दया शंकर मिथिलांचली, सतीश साजन, सदरे आलम गौहर, रामेश्वर निशान्त, सुनील कुमार ठाकुर, डा. हेमचन्द्र झा, धरणीधर लाल कर्ण, सुखदेव यादव आदि अनेक सुप्रतिष्ठित वक्ता लोकनि सेहो किरणजी केर व्यक्तित्व एवं कृतित्व सँ जुड़ल विभिन्न पक्ष पर विचार रखलनि। संगहि एहि किरण स्मृति समारोह मे सुनील कुमार ठाकुर द्वारा लिखित ‘कीर्तिरश्मी किरण’ केर लोकार्पण योगानन्द झा सहित अन्य मंचस्थ सर्जक लोकनि द्वारा कयल गेल। समारोहक संचालन स्वयं संयोजक दिलीप कुमार झा कयलनि, ओत्तहि धन्यवाद ज्ञापन सुनील कुमार झा द्वारा कयल गेल।

विदित हो जे महाकवि केर नाम पर स्मृति समारोहक आयोजन केँ ‘बर्खी’ शब्द दैत आलोचनाक रूप मे अपन हालहि लिखल एक कविताक माध्यम सँ दिलीप झा सामाजिक पटल पर एकटा बहस केर आगि मे घी ढारबाक कार्य कयलनि जे आखिर एहि तरहक आयोजन मे अनावश्यक खर्चा आ देखाबटीक संग सर्जक लोकनिक सपना केँ पोषण पर कोनो ध्यान नहि देला सँ मैथिली-मिथिला केँ कोन तरहक लाभ भेट रहल अछि। मधुबनीक धरातल सँ मैथिली मातृभाषा केर पोषण हेतु एक सँ बढि एक क्रान्तिकारी डेग सब बढैत रहैत अछि जाहि मे दिलीप झा सहित अनेको स्रष्टाक भूमिकाक सराहना सौंसे होएत अछि आर यथार्थतः ई छोट आयोजन बहुत रास गंभीर विन्दु पर चिन्तन करैत सार्थक परिवर्तन अनबाक कार्य करैत अछि, ताहि मे कतहु दुविधा नहि।

जहिया मैथिली केर एकनिष्ठ सेवा कयनिहार केँ सेहो राज्यक सहयोग भेटतनि आर ई सब आयोजन जिला-स्तर पर जिला स्थापना दिवस मनेबाक तर्ज पर होयत त एहि साहित्य सुधारस केर लाभ आम समाज केँ सेहो भेटबे करत, संपादक प्रवीण नारायण चौधरी अपन एक प्रतिक्रिया मे कहलनि। आइ जतेक स्वयंसेवी व्यक्ति अथवा संस्था मैथिली भाषाक महान स्रष्टा सभक योगदान केँ स्मृति कय हुनकर बतायल पदचिह्न पर चलय लेल प्रयास कय रहला अछि, जतबे किछु संचार माध्यम सँ आम समाज मे एहि सब महत्वपूर्ण कार्य प्रति जनगणमन केँ प्रेरणा पहुँचा रहल अछि तेकरो प्रशंसा आबयवला समय अवस्से करत, ओ जोड़लनि।